"जल संचय का अभियान बन रहा जन आंदोलन..." केंद्रीय मंत्री बोले- PM के नेतृत्व में सबसे अधिक पानी वाला राज्य होगा राजस्थान
Karmabhoomi to Matribhoomi Campaign: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्षा जल संचयन को लेकर चल रहे देशव्यापी अभियान कर्मभूमि से मातृभूमि का शुभारंभ बुधवार को राजस्थान की धरती पर हुआ. केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने प्रधानमंत्री की अनूठी संकल्पना ‘कैच द रेन’ को आगे बढ़ाते हुए कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान की शुरूआत की. इस दौरान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री बड़ा दावा करते हुए कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में राजस्थान सबसे अधिक पानी वाला राज्य होगा. दरअसल बुधवार को जयपुर के दौरे पर पहुंचे पाटिल ने कहा है कि वह दिन दूर नहीं जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजस्थान सबसे अधिक पानी वाला राज्य होगा.
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने बुधवार को राजकीय महाविद्यालय सांगानेर में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के वर्षा जल संचयन के कार्यों के भूमि पूजन के अवसर पर कहा कि राज्य में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री ने राज्य को संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) के रूप में बड़ा तोहफा दिया है.
आज जयपुर में “जल संचय जन भागीदारी – कर्मभूमि से मातृभूमि” कार्यक्रम का उद्घाटन राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री श्री @BhajanlalBjp जी की विशेष उपस्थिति में करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
राजस्थान की पवित्र भूमि ने जल संचय और भूजल पुनर्भरण के लिए कृत्रिम संरचनाओं के निर्माण में… pic.twitter.com/9zg8N9CnY9
— C R Paatil (@CRPaatil) January 15, 2025
वहीं कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जल संसाधनों की सीमितता को देखते हुए बारिश के पानी को व्यर्थ बहने से रोकना और संरक्षित करना जरूरी है और इस दिशा में ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’ संचालित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जन सहभागिता से जल संचयन के कार्यों को सशक्त बनाने के इस अभियान में प्रवासी राजस्थानियों का भी अहम सहयोग मिल रहा है.
जन आंदोलन का रूप ले रहा कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान : पाटिल
इस दौरान पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश को जल आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं. उन्होंने कहा कि आमजन भी जल की एक-एक बूंद के महत्व को समझते हुए जल संचय में जुड़े इस उद्देश्य से शुरू किया गया कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान अब एक जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है.
पाटिल ने कहा कि राजस्थान के लोगों से अधिक पानी के महत्व को कोई नहीं समझ सकता है, पहले के समय में राजस्थानी लोग जहां भी जाते थे वहां प्याऊ बनवाते थे लेकिन अब प्याऊ की जगह धरती की प्यास बुझाने के लिए वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनवाने की जरूरत है ताकि हर गांव का पानी गांव में, हर खेत का पानी खेत में और हर घर का वर्षा जल घर में ही जमीन में उतर सके.
10 लाख रैन वाटर रिचार्ज बोर का लक्ष्य : पाटिल
पाटिल ने आगे कहा कि कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान प्रधानमंत्री की अनूठी संकल्पना ‘कैच द रेन’ से प्रेरित है, इस अभियान में राजस्थान में 45 हजार रैन वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर वर्ष 2027-28 तक बनाए जाने हैं जो वर्षा का पानी संग्रहित कर भूमिगत पानी के स्तर को बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि देशभर में 10 लाख रैन वाटर रिचार्ज बोर के लक्ष्य के साथ चलाया जा रहा यह अभियान जन भागीदारी से जन आंदोलन में परिवर्तित होता जा रहा है.
पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर राजस्थान के उद्यमी और भामाशाहों को इस अभियान में जोड़ने के लिए सराहनीय काम किया जा रहा है. पाटिल ने आगे कहा कि भारत में विश्वभर की 18 प्रतिशत आबादी के साथ केवल 4 प्रतिशत पानी की उपलब्धता है.
वहीं वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार बिना जल के कल संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि वृहद् परियोजनाओं के साथ छोटे स्तर पर भी वर्षा जल संग्रहण करना आवश्यक है ताकि हर गांव का पानी गांव में, हर खेत का पानी खेत में और हर घर का वर्षा जल घर में ही जमीन में उतर सके.
अभियान से भविष्य के लिए जल सुरक्षा होगी सुनिश्चित : मुख्यमंत्री
वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान के माध्यम से हम राजस्थान को जल उपलब्धता में संपन्न बनाकर इसे एक हरा-भरा, समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य बनाएंगे. इस अभियान के माध्यम से हमारे भविष्य के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित होगी.
उन्होंने कहा कि जल संचय हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है. नदियां, तालाब और जलस्रोत हमारी विरासत है और यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें बचाने और संरक्षित करें. उन्होंने कहा कि यह अभियान राजस्थान की समृद्धि और आने वाले पीढ़ियों के भविष्य के लिए अहम है. मुख्यमंत्री ने जल संचय में जन भागीदारी की पहल में सभी से भागीदार बनने तथा इस अभियान में पूरी शक्ति और समर्पण के साथ जुड़ने का आह्वान किया.
जल की एक-एक बूंद को का पुनर्भरण आवश्यक : सीएम
वहीं मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में साल 2014 के बाद देश में गरीब कल्याण से लेकर विकास कार्यों में अभूतपूर्व परिवर्तन आए हैं और इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए जल संरक्षण की दिशा में कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान शुरू किया है. इस अभियान में प्रवासी राजस्थानियों द्वारा अपनी मातृभूमि के लिए जिम्मेदारी निभाते हुए जल संचय के कार्यों में उत्साह के साथ भागीदारी निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य वर्षा जल का संचय कर भूजल स्तर की गिरावट को रोकना तथा जल की एक-एक बूंद को बचाकर उसे संग्रहित कर पुनर्भरण करना है.
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