Jodhpur: राजस्थान में वायरस का डबल अटैक...कांगो फीवर की पुष्टि और मंकी पॉक्स की दस्तक!
Congo Fever: कोरोना महामारी के बाद, राजस्थान में कांगो फीवर(Congo Fever) और मंकी पॉक्स जैसे नए वायरस ने हड़कंप मचा दिया है। जोधपुर में एक 51 वर्षीय महिला की अहमदाबाद में उपचार के दौरान मौत हो गई, और उसकी रिपोर्ट में कांगो फीवर की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। चिकित्सा टीम को उसके गांव नांदड़ा कला भेजा गया है। इसी बीच, जयपुर एयरपोर्ट पर एक यात्री में मंकी पॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज (आरयूएचएस) हॉस्पिटल में आइसोलेट किया गया है।
मेडिकल टीम का गांव में दौरा
जोधपुर ग्रामीण CMHO डॉ. प्रीतम सिंह ने बताया कि महिला पिछले कई दिनों से बीमार थी। 30 सितंबर को उसे निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां से उसे उपचार के लिए अहमदाबाद ले जाया गया। उसकी मौत के बाद ब्लड सैंपल पुणे जांच के लिए भेजा गया, जिसमें कांगो फीवर की पुष्टि हुई। इसके बाद, मेडिकल टीम को नांदड़ा गांव में भेजा गया है और पूरे गांव में सर्वे कराया जा रहा है।
पशुपालन से जुड़ी थी पीड़िता
अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित महिला पशुपालन से जुड़ी हुई थी, और ऐसा माना जा रहा है कि पशुओं के साथ रहने से कांगो फीवर का खतरा बढ़ गया। कांगो फीवर का संक्रमण बुखार, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, सिरदर्द, और आंखों में जलन जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है। जोधपुर में कांगो फीवर का यह मामला पांच साल बाद सामने आया है, इससे पहले 2019 में भी इसके मामले दर्ज हुए थे।
क्या है कांगो फीवर?
कांगो फीवर एक विषाणु जनित रोग है, जो मुख्य रूप से हिमोरल नामक परजीवी के माध्यम से फैलता है। यह परजीवी घर पर पाले जाने वाले पशुओं की चमड़ी पर पाया जाता है। विशेषकर गाय, भैंस, बकरी, और भेड़ से संपर्क में आने वाले लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं।
कांगो फीवर का इतिहास
इस बीमारी का पहला मामला 1944 में क्रीमिया में पाया गया था, जबकि 1969 में कांगो में इसका पहला मरीज सामने आया। कांगो फीवर का प्रकोप विशेष रूप से पश्चिमी और पूर्वी अफ्रीका में अधिक देखा जाता है।
क्यों है यह बीमारी जानलेवा?
कांगो फीवर जानलेवा बीमारी है, क्योंकि इस संक्रमण के 30 से 80 प्रतिशत मामलों में मरीज की मृत्यु हो जाती है। इससे संक्रमित होने पर मरीज को तेज बुखार, आंखों में जलन, चक्कर, और मांसपेशियों में तेज दर्द जैसी समस्याएं होती हैं।
लक्षण और प्रभाव
संक्रमण के दौरान, मरीज के खून में प्लेटलेट्स तेजी से घटने लगते हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती है। इसके अलावा, पीठ में दर्द, उल्टी, और गला बैठ जाने जैसी समस्याएं भी आम हैं।
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