"आप खुद डाकू बनकर लूट रहे हो..." NDPS मामले में राजस्थान हाईकोर्ट का जोरदार एक्शन, 3 SHO सस्पेंड
Rajasthan Highcourt Jodhpur: राजस्थान हाईकोर्ट ने 2023 के डोडा-पोस्त तस्करी के एक मामले में बड़ा आदेश दिया है जहां न्यायाधीश फरजंद अली ने एनडीपीएस के इस मामले में जोधपुर पुलिस और एसीबी दोनों को फटकार लगाई है. वहीं इस मामले में 35 लाख रिश्वत के आरोप में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जोधपुर कमिश्नरेट के 3 एसएचओ को सस्पेंड करने के आदेश भी दिए हैं.
कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि-अगर कोई तस्कर है तो क्या आप डाकू बनकर लूट लेंगे उसे? मालूम हो कि 2023 में डोडा-पोस्त तस्कर से विवेक विहार थाना अधिकारी पर 35 लाख रिश्वत लेने आरोप लगा था जिसके बाद मामला दर्ज कर जांच एसीबी को दी गई थी.
वहीं अब हाईकोर्ट ने ACB की जांच को भी संदिग्ध मानते हुए पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दे दिए है. कोर्ट ने तीन एसएचओ जिनमें एक थानाधिकारी, जांच अधिकारी और एक अन्य एसएचओ शामिल हैं उन्हें सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं.
डोडा पोस्त तस्कर से 35 लाख की घूस लेने का मामला
वहीं कोर्ट ने इस मामले में पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि दोषी अधिकारी जिन पर एनडीपीएस के मामले में हैं उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए. राजस्थान हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता सत्यनारायण की ओर से अधिवक्ता शिवकुमार ने पूरे मामले में पैरवी की जहां कोर्ट में कहा गया कि रिश्वत की मांग की गई थी और रिश्वत नहीं देने पर इस एनडीपीएस के मामले में झूठा फंसाया गया था.
ACB की भूमिका भी संदिग्ध
वहीं इस मामले में कोर्ट ने एसीबी के जांच अधिकारी की भूमिका को भी संदिग्ध माना है. कोर्ट ने डीजीपी से कहा कि वह एसीबी के जांच अधिकारी सहित इस मामले में सभी संदिग्धों के खिलाफ उचित एक्शन ले. अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी.
कोर्ट ने इस पूरे मामले के वीडियो भी कोर्ट में चलवा कर देखे. बता दें की डोडा-पोस्त तस्कर से 35 लाख रिश्वत लेने के आरोप का मामला था जिसमें थानाधिकारी जितेंद्र सिंह, जांच अधिकारी सफी मोहम्मद व एसएचओ देवेंद्र सिंह देवड़ा को सस्पेंड करने के आदेश जारी हुए हैं. वहीं मामले में एसीबी के जांच अधिकारी चक्रवर्ती सिंह की भूमिका को संदिग्ध माना गया है.