• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

JEE Mains 2024 Result Kota: जूस का ठेला लगाने वाले पिता की बेटी ने जेईई मेन्स क्रैक कर बढ़ाया मान...

featured-img

JEE Mains2024 Result Kota: कोटा, राजस्थान। साहिर लुधियानवी का एक मशहूर शेर है, "हज़ार बर्क़ (बिजलियाँ) गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें, वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं।" बिलकुल ऐसा ही तब देखने को मिला जब जेईई मेन्स का परिणाम (JEE Mains2024 Result Kota) आया। एक लड़की की कहानी ने सबको चकित तो किया ही साथ ही वो हजारों लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गयी। परिस्थितियों का हवाला देकर सपनों से समझोता करना करीना ने नहीं सीखा। मेहनत की, संघर्ष की आग से खुद को निखारा और सफलता के सारे पायदान चढ़े भी।

कोटा वो शहर जहां फलते-फूलते हैं सपने...

राजस्थान का कोटा वो शहर है जहां पूरे देश भर से बच्चे अपना, अपने माता - पिता का सपना लेकर पहुँचते हैं। इस शहर में उम्मीद है, भीड़ है, प्रतिस्पर्धा भी भरपूर है। पर इन्हीं सब के बीच है प्रेरणा भी, विश्वास भी और मंज़िल भी। कोटा में वैसे तो हर साल हजारों सफलताओं (JEE Mains2024 Result Kota) का जश्न मनाया जाता है, परंतु इस बार एक लड़की की सफलता ने सभी का ध्यान न सिर्फ अपनी और खींचा बल्कि उसके सफल होने और उसके संघर्ष के किस्से उदाहरण के तौर पर याद भी रखे जाएंगे और सुनाए भी जाएंगे। छत्तीसगढ़ की एक लड़की, जिसके पिता एक कोचिंग सेंटर के बाहर फलों का और जूस का ठेला लगाते हैं, ने जेईई मेन्स की परीक्षा क्रेक कर ली। अब इंजीनियर बनने की राह पर है।

JEE Mains2024 Result Kota

बेटी ने परीक्षा दी, पिता के सपनों को मिली सफलता

छत्तीसगढ़ से अपना घर परिवार छोड़ कर एक व्यक्ति कोटा आता है, जिससे परिवार का पेट पाला जा सके। परिवार पालने के लिए कोटा का रुख किया और वहाँ आकार फलों और जूस का ठेला लगाया। ठेला लगाने की जगह मिली एक कोचिंग सेंटर (JEE Mains2024 Result Kota) के बाहर। वहाँ पढ़ने वाले बच्चों को रोज आते - जाते देख कर अपने बच्चों को लेकर सपने भी देखने शुरू किए। उसी कोचिंग सेंटर के टीचर्स को बेटी के बारे में बताया और बच्ची के बारे में सुन कर टीचर होने का फर्ज़ भी निभाया। कोचिंग सेंटर के टीचर ने ज़िम्मेदारी ली बेटी को पढ़ाने की। बस पिता के सपनों का पहला बीच यहीं पर बोया गया।

कोटा में पिता दिहाड़ी - मजदूरी करते

खुद 4 जमात पढ़े भरत कुमार छत्तीसगढ़ से कोटा आकार काम की तलाश में ही ठेला लगाने लगाए। भरत की पत्नी गंगा ने सीनियर यानि 12वीं तक की पढ़ाई की है। बच्चों को पढ़ाने के लिए दोनों ने सपना देखा। छत्तीसगढ़ में कच्चे घर में रहने वाले भरत कुमार (JEE Mains2024 Result Kota) और गंगा ने सपने पक्के देखे थे। कोटा से पहले भरत और उनका छोटा भाई दिल्ली में दिहाड़ी - मजदूरी किया करते थे। इसी काम के लिए दोनों भाई दिल्ली से कोटा भी आए। कोचिंग के पास ही एक बड़ी बिल्डिंग बननी थी। जिसके लिए एक कंपनी ने दोनों भाइयों को कोटा भेजा था।

JEE Mains2024 Result Kota

कोरोना काल में मुश्किल से हुआ गुज़रा

परिवार छत्तीसगढ़ में रहता है। एक कच्चा मकान है, जिसका कुछ हिस्सा केन्द्र सरकार की योजना के अंतर्गत  पक्का किया गया। कोटा की रोड नं. 1 पर ही एक मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट को बनाने जब वो कोटा आए। कोटा में रह कर उस बिल्डिंग को बनाने (JEE Mains2024 Result Kota) का काम किया, कुछ पैसे बचा कर छत्तीसगढ़ में अपने परिवार के पास भेज देते थे। इधर तो उस बिल्डिंग का काम पूरा होने वाला था और दूसरी तरफ कोरोना अपना प्रकोप दिखा रहा था। हुआ यूं कि कोटा के काम में फसते हुए वो कोरोना के समय भी अपने परिवार के पास नहीं जा पाए। कोटा की ही कुछ संस्थाओं और समान सेवियों की मदद से जैसे तैसे गुज़र बसर किया। कई कई बार तो खाने के लिए भी इंतज़ार में ही दिन रात काटनी पड़ती। खुद के पास जो थोड़े बहुत पैसे थे वो भी खत्म हो गए थे।

लोकडाउन के बाद भी नहीं मिला काम

महीनों के बाद जब लॉकडाउन खुला तब भी निर्माण कार्यों की शुरुआत नहीं हुई। खाने - पीने और गुज़र बसर की चिंताएँ अभी भी मुंह बाए सामने खड़ी थी। भीषण आपदा में एक विचार ने जीवन बादल दिया। शुरुआत तो कोचिंग में पढ़ने कोटा आए बच्चों (JEE Mains2024 Result Kota) के लिए चाय - पानी और जूस का ठेला लगा कर किया। इसी को फिर रोजगार बनाया और स्थितियाँ थोड़ी काबू में आने लगी। परिवार में बेटी ने 2022 में दसवीं में अच्छे नंबर लाकर पिता को सूचना दी तो भरत को खुशी हुई और एक सपना जागा, बच्ची की अच्छी पढ़ाई का। कोटा में रहते हुए बच्चों से संवाद में भरत को ये समझ आ चुका था कि शिक्षा कितनी जरूरी है। फिर पिता भरत और चाचा ने तय किया की करीना को कोटा में ही आगे की पढ़ाई कारवाई जाए।

कन्स्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ने दिया कोटा में रहने को घर

भरत ने जैसे ही बेटी को कोटा का बुलावा भेजा वैसे ही रहने के लिए घर का भी सवाल (JEE Mains2024 Result Kota) सामने आ खड़ा हुआ। जिसका हल मिला कि जिस मल्टीस्टोरी को बनाने के लिए दोनों भाई कोटा आए थे उसी के मालिकों ने भरत और उनके भाई को एक फ्लैट बहुत कम दाम पर किराए पर रहने को दे दिया। अब दो कमरे के इस फ्लैट में दोनों भाइयों का पूरा परिवार रह रहा है। बेटी की मेहनत और सफलता से अब इस घर में रौनक नज़र आती है और सभी के चेहरों पर खुशी भी।

JEE Mains2024 Result Kota

करीना की सफलता इन आंकड़ों से भी समझिए

कोटा के जिस इंस्टीट्यूट के बाहर दोनों भाई जूस और फलों का ठेला लगाते हैं उसी ने मदद भी की। कोचिंग की मदद से फीस में रियायत मिली और साथ ही पढ़ने के लिए बड़ा सहयोग भी। कोचिंग के अध्यापकों ने पढ़ाई के लिए लगातार प्रेरित (JEE Mains2024 Result Kota) किया और पढ़ने में आने वाली मुश्किलों को भी सुलझाया किया। भरत की बेटी करीना की मेहनत से पहले ही चांस में 12वीं की पढ़ाई के साथ - साथ जेईई-मेंस भी क्रेक किया और अब एडवांस्ड के लिए आगे की तैयारी कर रही है। करीना ने जेईई मेन में एससी कैटेगरी रैंक 43367 प्राप्त की है वहीं उसकी ओवरआल रैंक 586985 है और एनटीए स्कोर 61.0211990 है। करीना में छत्तीसगढ़ में रहते हुए पढ़ाई की और दसवीं में 77 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। भरत कुमार की सुनने की 10%  ही है, पर फिर भी बेटी के सपनों को सुना भी और पूरा करने की राह भी दिखाई।

करीना करना चाहती है आईआईटी से बीटेक

जब इस सफलता के लिए करीना से सवाल किया गया तो करीना ने कहा कि वो इसका पूरा श्रेय अपने पापा और चाचा के साथ साथ कोचिंग सेंटर और उसके अध्यापकों को भी देना चाहती है। करीना ने कहा कि वो छत्तीसगढ़ में रहते हुए कभी सोच भी नहीं सकती थी कि वो कोटा में आकार पढ़ाई करेगी और जेईई के लिए सफल होगी। पापा भरत कुमार और चाचा को लगा कि उसे कोटा आना चाहिए और वो आ गयी। इसके बाद कोटा की कोचिंग के अध्यापकों ने और कोचिंग के पढ़ाई के माहौल ने बहुत मदद की।

JEE Mains2024 Result Kota

कोटा शहर ने दी सपनों को ऊंची उड़ान

कोटा के बारे बात करते हुए करीना कहती है कि कोटा शहर के बारे में जितना सुना था उससे भी सुंदर और अच्छा है ये शहर। करीना के चाचा करण कुमार भी कोटा की तारीफ और अपने भाग्य के बारे में कहते हैं कि जब दिल्ली से दोनों भाई कोटा (JEE Mains2024 Result Kota) आए थे तब ये नहीं सोचा था कि कोटा में इतना समय रुकना होगा। काम करते करते ही यहाँ के लोगों से मिलना जुलना बढ़ा। यहाँ के लोग अच्छे हैं और सहयोगी भी। इन्हीं लोगों की मदद से कोरोना जैसी समस्या से हम लोग लड़ पाए। धीरे धीरे कोटा शहर में ही खुद का काम फलों और जूस के साथ शुरू किया और उसमें भी यहाँ के लोगों और स्टूडेंट्स ने पूरा साथ दिया। करीना शुरू से ही पढ़ाई में बहुत अच्छी थी इसलिए उसे आगे पढ़ाने की सोची। एक साल पहले ही वो छत्तीसगढ़ से कोटा आई थी। उस कोचिंग के सर हैं, शिव शक्ति सर, उनकी मदद से दोनों साल की फीस में रियायत भी मिली और बच्ची करीना को मार्गदर्शन भी मिला।

ये भी पढ़ें : Rajasthan Forest Fire: मुकुंदरा टाइगर रिजर्व और सीकर जीण माता के जंगलों में भड़की आग...

ये भी पढ़ें : Death Threat Rajasthan Minister: 'तू थोड़े ही दिन का मेहमान है' मंत्री बाबूलाल खराड़ी को

ये भी पढ़ें : Urban Voter Apathy: अर्बन वोटर एपेथि क्या है? इसी के चलते मतदान से विमुख हो रहे हैं शहरी

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज़ tlbr_img4 वीडियो