• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

2025 में कचरे से बिजली! जयपुर के घरों में होगी नई रोशनी, जानिए कैसे?

Waste-to-Energy Technology: क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर का कचरा भी ऊर्जा में तब्दील हो सकता है? जयपुर में जल्द ही स्थापित होने वाला Waste to Energy Plant यही चमत्कार करने जा रहा है। इस अभिनव परियोजना के...
featured-img

Waste-to-Energy Technology: क्या आपने कभी सोचा है कि आपके घर का कचरा भी ऊर्जा में तब्दील हो सकता है? जयपुर में जल्द ही स्थापित होने वाला Waste to Energy Plant यही चमत्कार करने जा रहा है। इस अभिनव परियोजना के तहत, शहर का हर एक कचरा अब बिजली का स्रोत बन जाएगा, जिससे न केवल स्वच्छता में सुधार होगा, बल्कि बिजली संकट की समस्या का भी समाधान मिलेगा। यह प्लांट न केवल शहर के कचरे को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करेगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी एक सकारात्मक पहल साबित होगा।

कचरे से बिजली: कैसे होगा कार्य?

लांगडियावास में जमवारामगढ़ रोड पर स्थापित होने वाले इस प्लांट में शहरभर से इकट्ठा किया गया कचरा प्रोसेस किया जाएगा। यह प्लांट हर दिन 1000 टन कचरा उपयोग करेगा और इससे एक घंटे में 12 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। यह बिजली सीधे घरों में पहुंचाई जाएगी।

बिजली संकट का हल

इस प्लांट की स्थापना से ना केवल कचरे का सही प्रबंधन होगा, बल्कि यह शहर में बिजली की कमी को भी दूर करेगा। इसके माध्यम से हर साल लगभग 3.30 लाख टन कचरे से 9.5 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इससे जयपुर की बिजली संकट की स्थिति में काफी सुधार होगा।

वाटर मैनेजमेंट की भी चिंता

बिजली उत्पादन के लिए आवश्यक पानी STP (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) से लिया जाएगा, जिससे जल संरक्षण के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि जल का सही उपयोग हो और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।

180 करोड़ का प्रोजेक्ट: क्यों है खास?

राजस्थान में यह पहला Waste to Energy Plant  प्लांट होगा, और इसके निर्माण में सरकार ने लगभग 180 करोड़ रुपये का निवेश किया है। यह प्लांट 2025 में पूरी तरह से क्रियाशील हो जाएगा, जिससे शहर को एक नई पहचान मिलेगी।

पर्यावरणीय दृष्टिकोण

इस परियोजना के माध्यम से कचरे का निपटान न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देगा, बल्कि यह ग्रीन एनर्जी की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा। प्लांट में कचरे को प्रोसेस करने के बाद आरडीएफ (रेजिडूय ड्राई फ्यूल) बनाया जाएगा, जिसे बायोमास प्लांट में उपयोग किया जाएगा।

जयपुर के Waste to Energy Plant की स्थापना कचरे के निपटान की समस्या का स्थायी हल प्रदान करेगी और यह साबित करेगी कि हम एक स्मार्ट और टिकाऊ शहर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज़ tlbr_img4 वीडियो