Explainer: क्यों 'छोटी काशी' के हिंदू पलायन को हैं मजबूर? क्या है पूरे मामले की सच्चाई?
Jaipur Hindu Migration: "सनातनियों से अपील पलायन रोकें"...सनातन भाई-बहनों से निवेदन है कि अपना मकान गैर हिंदुओं को नहीं बेचें....क्या राजस्थान की राजधानी जयपुर में रहने वाले हिंदू पलायन को मजबूर हैं? क्या जयपुर के परकोटे में रहने वाले हिंदूओं को टारगेट किया जा रहा है? क्या हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल जयपुर में कोई सांप्रदायिक जहर घोलने की कोशिश कर रहा है? आज हम आपके सामने ये सवाल क्यों उठा रहे हैं चलिए पूरी कहानी आपको समझाते हैं। दरअसल देश की छोटी काशी और अपणायत के लिए मशहूर राजस्थान की राजधानी जयपुर के परकोटा इलाके में गुरूवार को उस समय भगदड़ मच गई जब परकोटा इलाके की कई कॉलोनियों में 'सनातनियों से अपील पलायन रोकें' वाले पोस्टर देखे गए, पोस्टर लगे घरों की तस्वीरें और वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुए हर कोई ये सवाल पूछने लगा कि क्या वाकई परकोटे से हिंदू पलायन कर रहे हैं? क्या वाकई हिंदूओं को पलायन करने पर मजबूर किया जा रहा है? चलिए सवालों के इस चक्रव्यूह से बाहर निकालते हुए आपको पूरी कहानी बताते हैं।
दरअसल बुधवार को पिंकसिटी में किशनपोल, ब्रह्मपुरी के बाद अब भट्टा बस्ती इलाके के शिवाजी नगर में हिंदूओं के पलायन वाले पोस्टर देखे गए जहां 12 से ज्यादा घरों के बाहर ऐसे पोस्टर दिखाई दिए। इन घरों के बाहर लगे पोस्टरों में लिखा था- सनातनियों से अपील पलायन रोकें...सनातन भाई-बहनों से निवेदन है कि अपना मकान गैर हिंदुओं को नहीं बेचें।
अब पोस्टर लगते ही कॉलोनी में हो हल्ला मचा और पुलिस, मीडिया का जमावड़ा लगा. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि कॉलोनी का कुछ लड़कों ने माहौल बिगाड़ रखा है, दिन भर हुड़दंग करते हैं और महिलाओं से छेड़खानी करते हैं. हालांकि मामले के तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने कहा कि इस तरह के कोई पोस्टर नहीं मिले हैं और हिंदूओं के पलायन की कोई जानकारी नहीं है। पुलिस के दावों के इतर आइए पहले जानते हैं कि स्थानीय लोगों का क्या कहना है?
परकोटे में घरों को बेच रहे हिंदू!
शिवाजी कॉलोनी में रह रहे हिंदू परिवारों का कहना है कि वो काफी सालों से इस इलाके में रहते हैं लेकिन अब ये कॉलोनी सुरक्षित नहीं रही है, यहां कभी पत्थरबाजी होती है तो कभी महिलाओं और बच्चियों के साथ छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होती रहती है, कुछ लड़कों ने इलाके का माहौल खराब कर रखा है। ऐसे में हमारे सामने अब पलायन के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
वहीं कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां पर रहने वाले परिवार डर और परेशानी के कारण अब अपने जीवन भर की पूंजी से बनाए मकान सस्ते दामों में बेचकर दूसरी कॉलोनी में रहने को जा रहे हैं। कुछ लोगों का ये भी दावा है कि इस इलाके में करीब 50 से ज्यादा मकान हिंदुओं के होते थे लेकिन पिछले एक-दो साल में धीरे-धीरे लोगों ने मकान बेचना शुरू कर दिए हैं जिसके बाद अब यहां करीब 15-20 हिंदुओं के मकान बचे हैं।
फिर पोस्टर किसने लगाए...?
दरअसल जयपुर में एक साल पहले भी किशनपोल और ब्रह्मपुरी इलाके से इस तरह की घटनाएं सामने आई थी जहां ऐसे ही पोस्टर देखे गए थे। बीते साल ब्रह्मपुरी की कृष्णा कॉलोनी में भी लोगों ने पलायन के पोस्टर लगाए थे जिन पर लिखा था 'कृष्णा कॉलोनी निवासी- पलायन को मजबूर'। इसके अलावा हवामहल के रामगढ़ क्षेत्र से हिंदुओं का पलायन जारी वाले पोस्टर भी देखे गए थे।
बता दें कि इन इलाकों से कुछ परिवारों के अपना मकान बेचने की घटनाएं सामने आई हैं जिसके बाद जो लोग घर बेच रहे हैं उनसे इस तरह के पोस्टर लगाते हुए अपील की गई है कि अपने घर गैर हिंदुओं को ना बेचें. दरअसल इलाका छोड़ने वाले हिंदू परिवार अपने घरों को बेच रहे हैं जिसके बाद उन्हें नहीं बेचने की अपील पर ऐसे पोस्टर लगाए जा रहे हैं। वहीं कई मीडिया रिपोर्ट में ये भी बताया जा रहा है कि कुछ हिंदू परिवार अपनी मर्जी से घरों को बेचकर किसी और इलाके में जा रहे हैं।
पुलिस क्या कह रही है?
वहीं पलायन के हो हल्ले के बीच स्थानीय लोगों की पुलिस से भी खासी नाराजगी है जहां लोगों का आरोप है कि पुलिस के पास कई बार चले गए लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस की बेरूखी को देखते हुए ही लोगों ने खुद ही अपने घरों के बाहर पलायन वाले पोस्टर लगाने शुरू कर दिए हैं।
हालांकि बुधवार को जैसे ही मामला पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने पहले इलाके में चस्पा किए पोस्टर हटवाए और पुलिस ने कहा कि इलाके में पलायन जैसा कोई मामला सामने नहीं आया है और अगर कोई भी व्यक्ति अपना मकान किसी को भी बेचना चाहता है तो इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं। थाना अधिकारी कैलाश विश्नोई ने जानकारी दी कि पलायन जैसी कोई बात सामने नहीं आई है लेकिन स्थानीयों से शिकायत मिली है कि समुदाय विशेष के लोग उनकी कॉलोनी में आकर उपद्रव और छेड़छाड़ करते हैं जिससे वह बहुत परेशान हैं। इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद बुधवार को पुलिस ने इलाके में महिला स्क्वॉड टीम को तैनात कर दिया है।