राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

एक हाथ में ऑटो की स्टेयरिंग, दूसरे में मासूम बेटा...ऑटो ड्राइवर के पिता के साथ "मां" बनने की झकझोर देने वाली कहानी

जयपुर की सड़कों पर जब एक पिता अपने 10 महीने के बेटे को ऑटो में बिठाकर शहरभर में सफर करता है, तो हर कोई हैरान रह जाता है।
12:33 PM Feb 15, 2025 IST | Rajesh Singhal

Jaipur News: जयपुर की सड़कों पर जब एक पिता अपने 10 महीने के बेटे को ऑटो में बिठाकर शहरभर में सफर करता है, तो हर कोई हैरान रह जाता है। यह कोई मजबूरी नहीं, बल्कि पिता-पुत्र के बीच एक अनोखा रिश्ता है, जो समाज की हर धारणा को चुनौती देता है। (Jaipur News) सुनील (25) ने अपनी पत्नी माया को तब खो दिया जब उनका बेटा प्रिंस महज चार महीने का था। तब से लेकर आज तक वे अपने बेटे को न केवल संभाल रहे हैं, बल्कि उसके जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर कठिनाई का सामना कर रहे हैं।

रात में मां थी, सुबह नहीं रही… और बदल गई जिंदगी

सुनील ने बताया, "रात में सबकुछ ठीक था, हम खाना खाकर सोए थे। लेकिन सुबह जब माया को जगाने गया तो उसकी आंखें नहीं खुलीं। हॉस्पिटल लेकर गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।"
यह वो क्षण था जब सुनील की पूरी दुनिया उजड़ गई। छह साल बाद पिता बने सुनील को नहीं पता था कि मां की ममता के बिना उनका बेटा कैसे बड़ा होगा। लेकिन उन्होंने ठान लिया कि वे अपने बेटे को कभी मां की कमी महसूस नहीं होने देंगे।

"मां भी मैं, पिता भी मैं"... हर दिन की लड़ाई

सुनील कहते हैं, "प्रिंस के लिए मैं मां भी हूं और पिता भी। सुबह से रात तक हर छोटी-बड़ी जिम्मेदारी मेरी है।"
वे खुद अपने बेटे को नहलाते हैं, तेल मालिश करते हैं, तैयार करते हैं और फिर ऑटो चलाने के लिए निकलते हैं। पूरे दिन प्रिंस उनके साथ रहता है। ऑटो के अंदर बैठकर वह कभी हंसता है, कभी खेलता है, तो कभी सुनील की गोद में चिपककर सो जाता है।

नहीं संभाल पाओगे, दूसरी शादी कर लो”

जब सुनील ने अकेले अपने बेटे को पालने की ठानी, तो समाज ने सवाल उठाने शुरू कर दिए।"लोग कहने लगे कि अकेले छोटे बच्चे को नहीं संभाल पाओगे, दूसरी शादी कर लो। कुछ ने यह भी कहा कि बच्चे को लेकर कहां-कहां घूमते रहते हो?" लेकिन सुनील ने किसी की नहीं सुनी। वे जानते थे कि अगर वे हिम्मत हार गए, तो उनका बेटा अनाथ हो जाएगा।

ऑटो में सफर, कंधे पर बेटे की जिम्मेदारी

सुनील हर दिन करीब 100 किलोमीटर तक ऑटो चलाते हैं। जब वे घर से निकलते हैं, तो अपने साथ दूध की बोतल रखना नहीं भूलते। रास्ते में जब प्रिंस को भूख लगती है, तो किसी ढाबे पर रुककर दूध गर्म करते हैं और उसे पिलाते हैं। कई बार सफर के दौरान ही प्रिंस सो जाता है, तो वे उसे ऑटो की पिछली सीट पर सुला देते हैं।

"शुरुआत में मुश्किल थी, लेकिन अब खुशी मिलती है"

सुनील ने बताया कि पहले उन्हें अपने बेटे की जरूरतों को समझने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब वे उसकी हर छोटी-छोटी हरकत पहचानने लगे हैं। वे कहते हैं, "शुरुआत में मजबूरी थी, लेकिन अब यह मेरी खुशी बन गई है।"
अब जब वे अपने बेटे के साथ ऑटो चलाते हैं, तो कई ग्राहक उनसे प्रभावित होते हैं और उनकी हिम्मत की तारीफ करते हैं। कुछ लोग दुआएं देते हैं, तो कुछ प्रेरित होकर अपनी सोच बदलते हैं।

"प्रिंस मेरी ताकत है, मेरी पूरी दुनिया"

सुनील कहते हैं, "जब मैं अपने बेटे को देखता हूं, तो दुनिया की सारी परेशानियां भूल जाता हूं। उसने मेरी जिंदगी को एक नया मकसद दिया है।"
आज यह पिता अपने बेटे के साथ अपनी जिंदगी जी रहा है, हर मुश्किल से लड़ रहा है, लेकिन हार मानने को तैयार नहीं है। यह सिर्फ एक पिता की कहानी नहीं, बल्कि एक अनोखे रिश्ते की मिसाल है, जो दुनिया को सिखाती है कि सच्चा प्यार और जिम्मेदारी किसी भी चुनौती से बड़ी होती है।

यह भी पढ़ें: बदलाव की लहर! कांग्रेस में नई नियुक्तियों से बदलेगा सियासी समीकरण, कौन होगा पार्टी का नया चेहरा?

यह भी पढ़ें: आतंकी फंडिंग और यौन शोषण के नाम पर डिजिटल अरेस्ट कर ठगे साढ़े 6 लाख, बांसवाड़ा का पहला मामला

Tags :
Emotional NewsFather-Son Unique BondJaipur Auto Driver NewsJaipur NewsJaipur News Rajasthanrajasthan jaipur newsRajasthan Newsइमोशनल न्यूजऑटो ड्राइवर पिताजयपुर राजस्थान न्यूजजयपुर समाचारजयपुर समाचार हिंदीराजस्थान न्यूज़राजस्थान न्यूज हिंदीसिंगल फादर की कहानी
Next Article