दर्द और तबाही का मंजर! जयपुर टैंकर ब्लास्ट में 14 की मौत...लापता रिटायर्ड IAS की तलाश जारी!
Jaipur LPG Tanker Blast Incident:जयपुर का आसमान धुएं और दर्द से घिरा है। एक भयानक हादसे ने शहर को झकझोर कर रख दिया है। टैंकर ब्लास्ट की इस दिल दहला देने वाली घटना ने न सिर्फ 14 जिंदगियां निगल लीं, बल्कि 32 परिवारों की उम्मीदों को भी ICU तक पहुंचा दिया है। अस्पताल में हर कोना पीड़ा और संघर्ष की गवाही दे रहा है। (Jaipur LPG Tanker Blast Incident)डॉक्टरों की टीम पूरी लगन से जले हुए शरीरों और टूटे हुए हौसलों को बचाने में जुटी है। वेंटिलेटर पर जिंदगी की डोर से जूझते मरीज और उनके रोते हुए परिजन इस हादसे की गहराई को बयान कर रहे हैं।
कुछ ही घंटों में राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट घायलों का हाल जानने और उन्हें संबल देने अस्पताल पहुंचेंगे। इस दर्दनाक घटना पर उनका बयान और प्रतिक्रिया पीड़ितों के लिए सहानुभूति का संचार करेगी। लेकिन इन सबके बीच, एक सवाल अब भी हवा में तैर रहा है—क्या यह दर्द कभी कम होगा?
सुबह का दूसरा टैंकर हादसा
शनिवार सुबह जयपुर के जेएलएन मार्ग पर एक और टैंकर हादसा हुआ, जब एक टैंकर ने एक पिकअप वाहन को टक्कर मार दी। टक्कर से पिकअप पलट गई, लेकिन सौभाग्य से इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, सड़क पर गाजर का बड़ा जखीरा फैल गया, जिससे मार्ग पर जाम लग गया। दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और सड़क से गाजर को हटवाया। यह हादसा कुछ देर के लिए यातायात को प्रभावित कर रहा था, लेकिन समय रहते स्थिति को संभाल लिया गया।
SMS अस्पताल में जिंदगियों की जंग
जयपुर के SMS अस्पताल के बर्न वॉर्ड में घायल लोगों की एक लिस्ट जारी की गई है, जिसमें आठ मौतों का उल्लेख है। इससे पहले, अस्पताल प्रशासन ने पांच अन्य शव लाए जाने की पुष्टि की थी। इन मृतकों के अलावा एक व्यक्ति की मौत जयपुरिया अस्पताल में हुई, जिससे कुल मृतकों की संख्या 14 हो गई है। घायलों की स्थिति पर नजर डालें तो इनमें केवल दो ऐसे हैं जो 60% से अधिक जल चुके हैं, जबकि शेष घायल 45% से कम बर्न हैं। डॉक्टर हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक जिंदगियां बचाई जा सकें।
रिटायर्ड IAS की रहस्यमय गुमशुदगी
हादसे में शामिल 37 वाहनों में से एक रिटायर्ड IAS अधिकारी की गाड़ी भी थी। लेकिन जब प्रशासन की टीम ने मौके पर जांच की, तो वह वहां मौजूद नहीं थे। घायलों की लिस्ट में भी उनका नाम नहीं है, जिससे उनकी गुमशुदगी का रहस्य और गहरा गया है। पुलिस को संदेह है कि कुछ लोग आग की तीव्रता के कारण अपने वाहनों से बाहर नहीं निकल पाए और अंदर ही झुलस गए। ऐसे घायलों के अवशेष पोटली में अस्पताल लाए गए हैं, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। प्रशासन और परिजन उनकी तलाश में जुटे हुए हैं।
हादसे का खौफनाक मंजर
यह भयानक हादसा जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा के पास हुआ, जब LPG से भरे टैंकर को एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मारी। इस टक्कर से गैस लीक हुई और आग लग गई। आग ने कुछ ही समय में विकराल रूप धारण कर लिया, जिससे एक बस समेत कई ट्रक, कारें और बाइक आग की चपेट में आ गईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग की लपटें एक किलोमीटर दूर से भी दिखाई दे रही थीं। आग ने हाईवे पर 300 मीटर के क्षेत्र को तबाह कर दिया, जिससे लंबा जाम लग गया। दोपहर बाद प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग से ट्रैफिक चालू कराया।
शहर में मातम और उम्मीदें
इस हादसे ने न सिर्फ 14 परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया है, बल्कि अस्पताल में भर्ती घायलों के परिवारों के दिलों में अनगिनत सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बीच, प्रशासन ने पूरी तत्परता से राहत कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन हादसे की भयावहता ने जयपुरवासियों के दिलों को झकझोर कर रख दिया है।
यह भी पढ़ें: जयपुर गैस टैंकर हादसा: दुर्घटना या कुछ और? हाइवे और घटनास्थल से उठ रहे कई गंभीर सवाल!
यह भी पढ़ें: ऐसी मौत किसी को ना मिले….” जयपुर अग्निकांड की भेंट चढ़े बेगुनाह, आखिर कौन देगा इन सुलगते सवालों के जवाब?