नॉनवेज से लेकर लाउडस्पीकर बंद करने की मांग...कौन है BJP MLA बालमुकुंद आचार्य जिन्हें कहते हैं बवाली बाबा?
BJP Mla Balmukund Acharya: राजस्थान में पिछले एक साल से अधिक समय से सत्ता पर आसीन बीजेपी की भजनलाल सरकार है जहां कई घोषणाओं, सरकारी कामकाज के इतर सत्ता पक्ष के विधायकों की खासी चर्चा रही है. इन विधायकों में कई चेहरे ऐसे हैं जो अपने बयानों के चलते हर दूसरे दिन सुर्खियों में रहते हैं. इन्हीं विधायकों में से एक जयपुर के हवामहल से बीजेपी विधायक स्वामी बालमुकुंद आचार्य हैं जो एक बार फिर लाउडस्पीकर को लेकर दिए बयान से चर्चा में है. बालमुकुंद आचार्य ने अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में कई मसले उठाने के बाद अब लाउडस्पीकर की तेज आवाज को लेकर बयान दिया है जिस पर बवाल हो गया है.
हाल में हवामहल सीट से विधायक आचार्य अपने विधानसभा क्षेत्र में लाउडस्पीकर से अज़ान को रुकवाने के लिए पुलिस के पास पहुंचे और कमिश्नर बीजू जोसेफ को एक लिखित पत्र दिया है. इससे पहले बीजेपी के विधि प्रकोष्ठ के होली मिलन समारोह में विधायक ने वकीलों से इस मामले में हस्तक्षेप कर मदद करने के लिए कहा.
लाउडस्पीकर से होता है सिरदर्द
उन्होंने कहा कि "हम सब में बहुत से लोगों को माइग्रेन की प्रॉब्लम है, सिर दर्द होता है और इस बीच दिन में 5 बार बहुत तेज लाउड स्पीकर चलता है ऐसे में मेरी प्रार्थना है कि आप मेरे वकील भाई इस समस्या से निजात दिलाएं.
इससे पहले भी आचार्य ने कई ऐसे मुद्दे उठाएं हैं जिनसे विवाद पैदा हो गया था जैसे शुरूआत में नॉनवेज की दुकानें बंद करवाने से लेकर रोहिंग्या मुस्लमानों की राजधानी में आबादी का मामला उठाया था. आइए जानते हैं कि कौन है बीजेपी विधायक स्वामी बालमुकुंद आचार्य और कब-कब वो विवादों में रहे.
हिंदुत्व छवि वाला उभरता चेहरा!
बालमुकुंद आचार्य जयपुर के हवामहल विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक हैं. वे एक धार्मिक नेता और राजनेता के रूप में जाने जाते हैं जिनका राजनीतिक जीवन हाल के सालों में तेजी से उभरा है. वे जयपुर के हाथोज धाम के महंत भी हैं जो उनकी धार्मिक पहचान को दिखाता है. उनका राजनीतिक सफर और व्यक्तित्व विवादों, धार्मिक सक्रियता और हिंदुत्व के एजेंडे से जुड़ा रहा है.
बालमुकुंद का जन्म 1 जनवरी 1976 को हुआ था, वे मूल रूप से एक संत और धार्मिक प्रवचनकर्ता हैं, जिन्होंने हनुमान कथा और ज्योतिष जैसे कार्यों के माध्यम से अपनी पहचान बनाई. हाथोज धाम, जो जयपुर के निकट स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, उनके नेतृत्व में संचालित होता है. इस धाम में गौशाला और धार्मिक आयोजनों का संचालन होता है.
हवामहल से पहली बार बने हैं विधायक
बालमुकुंद आचार्य का राजनीतिक सफर 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों से ही शुरू हुआ जहां वह पहली बार बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे. बीजेपी ने उन्हें जयपुर की हवामहल सीट से उम्मीदवार बनाया जो एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्र है. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या है और परंपरागत रूप से यहां से ब्राह्मण उम्मीदवार ही जीतते आए हैं.
2018 में कांग्रेस के महेश जोशी ने इस सीट पर बीजेपी का वर्चस्व तोड़ा था, लेकिन 2023 में बीजेपी ने बालमुकुंद आचार्य के रूप में एक मजबूत हिंदुत्ववादी चेहरा उतारकर इस सीट को वापस हासिल करने की रणनीति अपनाई. उन्होंने कांग्रेस के आरआर तिवाड़ी को महज 974 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की.
विधायक बने और विवादों में घिरे!
विधायक बनते ही बालमुकुंद आचार्य ने अपने क्षेत्र में कई मामलों पर विवादों में रहे. चुनाव जीतने के तुरंत बाद दिसंबर 2023 में वे जयपुर के बाजारों में पहुंचे और खुले में नॉनवेज बिक्री पर रोक लगाने की मांग की. उन्होंने अधिकारियों को फोन कर सख्त निर्देश दिए और कहा, "जयपुर को कराची नहीं बनने देंगे।" इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने अवैध मांस दुकानों पर कार्रवाई की. हालांकि, बाद में उन्होंने इस पर माफी मांगी.
वहीं दिसंबर 2023 में ही एक पुलिस थाने में उनकी SHO के साथ बहस का वीडियो वायरल हुआ, वे एक रिपोर्ट दर्ज कराने गए थे, लेकिन SHO से तीखी नोकझोंक के बाद उन्होंने कहा, "ये उंगली किसे दिखा रहे हो?" इसके अलावा नवंबर 2024 में शिया समुदाय ने उन पर बास बदनपुरा के इमामबाड़े में जबरन घुसने, महिलाओं से बदतमीजी करने और वक्फ संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. इस मामले में कोर्ट में परिवाद दायर किया गया, जिसकी सुनवाई चल रही है.