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पैसे नहीं दिए तो उठा लूंगा"...जयपुर के पुलिसवाले की धमकी, रिश्वतखोरी में फंसा, एसीबी ने किया अरेस्ट!

राजस्थान में कानून के रखवालों पर भ्रष्टाचार का साया एक बार फिर गहराया है।
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Jaipur ACB Trap News: राजस्थान में कानून के रखवालों पर भ्रष्टाचार का साया एक बार फिर गहराया है। जयपुर के प्रताप नगर थाने में तैनात कॉन्स्टेबल कन्हैयालाल की करतूत ने पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले इस पुलिसकर्मी ने कानून की आड़ में डराने-धमकाने और रिश्वत वसूलने का नया तरीका अपनाया। मामला 4 फरवरी से चला आ रहा था, जब कांस्टेबल ने एक व्यक्ति को बार-बार धमकाना शुरू किया।

"चार घंटे का रास्ता है, उठा कर ले जाऊंगा!"....ये शब्द उस पीड़ित व्यक्ति के कानों में बार-बार गूंज रहे थे, जिसे रिश्वतखोर पुलिसवाले ने डराने की कोशिश की। आरोपी कांस्टेबल ने मामले को रफा-दफा करने के बदले 10 हजार रुपए की मांग की। परेशान परिवादी ने आखिरकार ( Jaipur ACB Trap News) हिम्मत दिखाई और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) का दरवाजा खटखटाया। योजना बनाई गई और जब कांस्टेबल 5 हजार रुपए की पहली किस्त ले रहा था, तब उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

यह घटना सिर्फ एक रिश्वतखोरी का मामला नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे कुछ भ्रष्ट अधिकारी अपने पद का गलत इस्तेमाल कर जनता को डराने और अवैध वसूली करने में लगे रहते हैं। सवाल यह है कि क्या ऐसे पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?

ओएलएक्स से खरीदा था कैमरा

राजस्थान में कानून के रखवालों पर भ्रष्टाचार का साया एक बार फिर गहराया है। जयपुर के प्रताप नगर थाने में तैनात कॉन्स्टेबल कन्हैयालाल की करतूत ने पुलिस विभाग की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता की सुरक्षा का जिम्मा उठाने वाले इस पुलिसकर्मी ने कानून की आड़ में डराने-धमकाने और रिश्वत वसूलने का नया तरीका अपनाया। मामला 4 फरवरी से चला आ रहा था, जब कांस्टेबल ने एक व्यक्ति को बार-बार धमकाना शुरू किया।

"चार घंटे का रास्ता है, उठा कर ले जाऊंगा!"....ये शब्द उस पीड़ित व्यक्ति के कानों में बार-बार गूंज रहे थे, जिसे रिश्वतखोर पुलिसवाले ने डराने की कोशिश की। आरोपी कांस्टेबल ने मामले को रफा-दफा करने के बदले 10 हजार रुपए की मांग की। परेशान परिवादी ने आखिरकार हिम्मत दिखाई और एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) का दरवाजा खटखटाया। योजना बनाई गई और जब कांस्टेबल 5 हजार रुपए की पहली किस्त ले रहा था, तब उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया।

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