Independence Day 2024: अजमेर के शोभाराम फल की पेटियों में पहुंचाते थे बम, पैरों में आज भी है गोलियों के निशान...जानिए उनकी कहानी
Independence Day 2024: (किशोर सोलंकी) 15 अगस्त को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। स्वतंत्रता सेनानी शोभाराम गहरवार 100 साल के हो चुके हैं। आज भी उनको आजादी की लड़ाई में दी गई कुर्बानी याद है। अजमेर में हुए संघर्ष को याद करते हुए उनकी आंखे चमक उठती है। उन्होंने बताया कि पहली बार उनको बनारस से बम पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली थी। अपने साथियों के साथ आंवला में छिपाकर बम ले गए और बनारस से पहले मुगलसराय स्टेशन पर उतर गए। वहां उनको दो घोड़े मिले और इसकी जानकारी पुलिस को मिल गई।
पुलिस ने तलाश करना किया शुरू
आजादी के लिए लड़ी लड़ाई के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि जब पुलिस को जानकारी मिली तो पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी। पुलिस से बचने के लिए कोयले के इंजन में छिप गए और किसी तरह से बचकर बनारस पहुंच गए। वहां उनको पुलिस ने पकड़ लिया। थाने में पूछताछ के दौरान पुलिस को उलझा दिया और बता दिया कि अजमेर में उनका फलों का कारोबार है। यहां पर आम लेने आए हैं। कपड़े उतारकर तलाशी ली लेकिन कुछ नहीं मिला यदि उस समय पकड़े जाते तो जिंदा नहीं होते।
अजमेर जादूगर के हैं निवासी
स्वतंत्रता सेनानी ने बताया कि आजादी मिले कई साल हो गए है लेकिन आज भी वह मंजर याद है जिसे याद करने पर आंखों से आंसू निकल जाते है। उन्होंने कहा कि जब देश आजाद हुआ था तो अलग ही माहौल था। चारों तरफ रोशनी ही रोशनी, लोग गाते हुए और खुशी मनाते हुए नजर आ रहे थे। उन्होंने कहा कि अब मुश्किल से एक या दो स्वतंत्रता सेनानी है मौजूद है। बाकि सब स्वर्गगण हो चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता सेनानियों को याद नहीं किया जाता है।
राष्ट्रपति से लेकर कई लोगों से हो चुके हैं सम्मानित
स्वतंत्रता सेनानी शोभाराम ने शादी नहीं की। उन्होंने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सहित कई दिग्गजों से वे सम्मानित भी हो चुके हैं। उन्होंने कई लड़ाई में अपना योगदान दिया। आज भी पांव में गोलियों के निशान मौजूद है। जिस तरह से उम्र छोटी थी और शरीर में ऊर्जा थी। तो कुछ करने का जज्बा था। अब ऐसे में देश को आजाद करने के पीछे कई लोगों से उनकी मुलाकात भी हुई। आज मैं जब उस मंजर को याद करता हूं आंखों में आंसू आ जाते है।
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