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IAS टीना डाबी की एक चाल.... हड़ताल खत्म! आखिर क्या कहा कि डॉक्टर्स झुक गए?

उनकी सूझबूझ और प्रभावशाली नेतृत्व ने सेड़वा एसडीएम और डॉक्टर के बीच गहराते विवाद को सुलझा दिया, जिससे जिले में बीते 9 दिनों से जारी गतिरोध का अंत हो गया।
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IAS Tina Dabi: राजस्थान की प्रशासनिक सेवा में तेजतर्रार छवि बना चुकीं बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने एक बार फिर अपनी कार्यकुशलता का लोहा मनवा लिया है। उनकी सूझबूझ और प्रभावशाली नेतृत्व ने सेड़वा एसडीएम और डॉक्टर के बीच गहराते विवाद को सुलझा दिया, जिससे जिले में बीते 9 दिनों से जारी गतिरोध का अंत हो गया।

जिस विवाद ने पूरे जिले में हलचल मचा रखी थी, उसे टीना डाबी ने चंद घंटों की बातचीत में खत्म कर दिया। उन्होंने न केवल डॉक्टर्स को संतुष्ट किया, बल्कि सेड़वा के एसडीएम और पीड़ित डॉक्टर (IAS Tina Dabi)रामस्वरूप के बीच सुलह भी करवाई। इस ऐतिहासिक समझौते की एक तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे से हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं। उनकी इस पहल से जिले के डॉक्टर्स ने हड़ताल खत्म कर दी और मंगलवार से फिर से काम पर लौट आए। आखिर क्या थी टीना डाबी की रणनीति? कैसे उन्होंने दोनों पक्षों को राजी किया? पढ़िए पूरी.....

एसडीएम...डॉक्टर ने मिलाए हाथ

बीते कई दिनों से सेड़वा एसडीएम और डॉक्टर रामस्वरूप के बीच का विवाद तूल पकड़ता जा रहा था। इस विवाद को लेकर प्रदेशभर के चिकित्सकों में जबरदस्त आक्रोश था, जिसके चलते बाड़मेर के डॉक्टर पेन डाउन हड़ताल पर चले गए थे। लेकिन इस गंभीर मामले में बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने हस्तक्षेप किया और डॉक्टर्स के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस मीटिंग में उन्होंने न केवल सेड़वा एसडीएम और डॉक्टर रामस्वरूप के बीच सुलह करवाई, बल्कि दोनों को हाथ मिलवाकर आपसी मतभेद खत्म करने का संदेश भी दिया। इसके बाद सभी डॉक्टर्स ने हड़ताल समाप्त कर दी और काम पर लौटने के लिए सहमति जताई।

कलेक्टर के आश्वासन पर डॉक्टर लौटे काम पर

वार्ता के बाद अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ बाड़मेर के जिला अध्यक्ष डॉ. योगेश चौधरी ने बताया कि कलेक्टर की मौजूदगी में हुई बैठक में सेड़वा एसडीएम भी शामिल थे। बैठक के दौरान कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि भविष्य में जिले में कोई भी अधिकारी औचक निरीक्षण के दौरान गरिमा बनाए रखेगा। साथ ही, एसडीएम के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और उन्हें चार्जशीट जारी कर दी गई है। कलेक्टर के इस फैसले से संतुष्ट होकर सभी डॉक्टर्स ने हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया और मंगलवार से अपने काम पर लौट आए।

एसडीएम के डॉक्टर को धमकाने की यह पूरी घटना

1 फरवरी को एसडीएम बद्रीनारायण बिश्नोई सेड़वा स्थित सीएचसी पहुंचे, जहां मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। उस समय डॉ. रामस्वरूप रावत मरीजों का इलाज कर रहे थे। तभी एसडीएम बद्रीनारायण ने डॉक्टर को ‘तू-तड़ाके’ में बुलाया और कहा, "ऐ... इधर आ... सुन नहीं रहा क्या? पहले इसे चेक कर..." उन्होंने एक महिला मरीज की ओर इशारा करते हुए डॉक्टर को फटकार लगाई। डॉक्टर ने जवाब दिया कि वे महिला को पहले ही देख चुके हैं और उसका इलाज चल रहा है, लेकिन एसडीएम ने उनकी कोई बात नहीं सुनी। उन्होंने आदेश दिया कि डॉक्टर तुरंत उसी महिला मरीज के पास खड़े रहें और फिर से जांच करें, नहीं तो पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।

इस पूरी घटना के बाद प्रदेशभर के चिकित्सकों में आक्रोश फैल गया और हड़ताल की नौबत आ गई। लेकिन कलेक्टर टीना डाबी की सूझबूझ से यह विवाद सुलझ गया और चिकित्सा व्यवस्था फिर से पटरी पर आ गई।

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