Mudbath in Kota: हड़ौती में किसान क्यों कर रहे हैं मडबाथ, जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
Mudbath in Kota: कोटा। राजस्थान की गर्मी से लोग परेशान है। लू और नौतपा से शरीर झुलस रहा है। सरकार और प्रशासन लू तापघात से फुटपाथ हो रही लोगों की मौत को भले कारण ना मान रहा है। यह सच्चाई नहीं लगती है। कोटा में फुटपाथ पर हो रही मौतें लू, तापघात और गर्मी से हुई लगती है। इस बार राजस्थान में दिन का अधिकतम तापमान 50 पार तक रिकॉर्ड हुआ है।
प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति
राजस्थान का हाड़ौती संभाग भी भट्टी की तरह तप रहा है। लेकिन यहां का किसान प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की ओर रुख कर रहा हैं। किसान गर्मी से राहत पाने के लिए मड बाथ ले रहे है। गिली मिट्टी का लेप शरीर पर कर रहे हैं। कालातालाब गांव के किसान रोज मडबाथ अपने खेत के धोरों में कर रहे है। किसान अब्दुल हमीद गोड और रामदयाल धाकड़ के अनुसार मड बाथ मतलब शरीर के मिट्टी का लेप करके नहाना है।
गीली मिट्टी का लेप शरीर पर
इन दोनों के अनुसार मिट्टी का शरीर (Mudbath in Kota) है। एक दिन मिट्टी में मिल जाना है। किसान हमीद गोड, रामदयाल हर दिन शाम को 5 बजे खेत पर जाते है। ट्यूबवेल चलाते है। धोरों की गीली मिट्टी का लेप शरीर पर करते है। आधे एक घंटा मिट्टी सूखने देते है, फिर पानी से नहाते। इन दिनों खेत में धान की पौध के लिए बीज बोया जा रहा है। यह लोग दिनभर खेत पर काम करते है। फिर शाम होने पर मडबाथ करते है।
वैज्ञानिक शोध में प्रमाणित हुआ
हमीद के अनुसार रोग चाहे शरीर के अंदर हो या बाहर, मिट्टी जहर और गर्मी को धीरे-धीरे चूसकर जड़-मूल से नष्ट करके दम लेगी। मिट्टी (Mudbath in Kota) की खासियत है। प्राकृतिक चिकित्सा में मिट्टी का इस्तेमाल कई रोग के खात्मे में काम आता है। यह नई वैज्ञानिक शोध में प्रमाणित हो चुका है। मिट्टी शरीर को तरो ताजा, जीवंत बनाती है। चर्म, घावों को ठीक करती है। माटी के प्रयोग से शरीर की बीमारियां दूर की जा सकती हैं।
मिट्टी का चिकित्सा उपयोग होता
रामदयाल धाकड़ के अनुसार मिट्टी चिकित्सा उपयोग किया जाता है। मिट्टी, शरीर के दूषित पदार्थों को अवशोषित कर शरीर के बाहर निकालती है। मृदा स्नान (मड बाथ) रोगों से मुक्ति का अच्छा उपाय है। मडबाथ के लिए खेत की मिट्टी लेनी है। मिट्टी साफ, सुथरी, कंकर, पत्थर, रासायनिक खाद प्रदूषित नहीं होनी चाहिए। जमीन से 2-3 फुट नीचे की मिट्टी प्रयोग करनी चाहिए। एक बार काम ली मिट्टी दुबारा ना लगाएंगे।
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