गोविंददेवजी होंगे नटवर वेश में, तुलसी मंच तक पहुंचेगी सालिगरामजी की सवारी
Govind Dev Ji Temple: जयपुर। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे जलझूलनी एकादशी या जलझूलनी ग्यारस के नाम से जाना जाता है, शनिवार को धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर शहर के प्रमुख मंदिरों में ठाकुरजी को डोले में विराजमान कर नौका विहार की झांकी सजाई जाएगी। गोविंददेवजी मंदिर, पुरानी बस्ती के गोपीनाथजी मंदिर समेत अन्य मंदिरों में सालिगरामजी की विशेष यात्रा निकाली जाएगी। (Jal Jhulni Ekadashi)
गोविंददेवजी मंदिर में विशेष श्रृंगार
गोविंददेवजी मंदिर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में ग्वाल झांकी के बाद सालिगरामजी को खाट पर बैठाकर तुलसी मंच तक ले जाया जाएगा। इस दौरान ठाकुरजी को नटवर वेश में विशेष श्रृंगार किया जाएगा। पंचामृत से अभिषेक और आरती के बाद, तुलसी मंच की चार परिक्रमा की जाएगी और फिर सालिगरामजी को वापस गर्भगृह में लाया जाएगा।
गोनेर में भी होंगे विशेष आयोजन
गोनेर स्थित लक्ष्मी जगदीश मंदिर में भगवान की पालकी यात्रा निकाली जाएगी। शाम 5 बजे ठाकुरजी को जगन्नाथ सरोवर ले जाया जाएगा, जहां भक्त भगवान के नौका विहार की झांकी के दर्शन करेंगे। सरोवर में इस मौके पर मेला भी भरेगा।
डोल झांकी यात्रा का आयोजन
शहर के अन्य मंदिरों में भी डोल झांकी यात्रा निकाली जाएगी। सालिगरामजी को फूलों से सजी चौकी या पालकी में विराजमान कर जलाशय तक ले जाया जाएगा। जगह-जगह भक्तजन पुष्प वर्षा से स्वागत करेंगे। जलाशय पर ठाकुरजी का स्नान कराकर, वापस गाजे-बाजे के साथ मंदिर लाया जाएगा।
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