Tuesday, April 1, 2025
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Baran: बारां में क्यों दी जा रही 1 लाख से ज्यादा पेड़ों की बलि ? जैसलमेर में बसेगा नया जंगल, जानें पूरी खबर

Forest End In Baran: बारां। जिले में एक लाख से ज्यादा पेड़ों वाला जंगल खत्म होने जा रहा है।(Forest End In Baran) केंद्रीय वन- पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इसके लिए परमिशन मिल चुकी है। अब अगले छह महीने में 400...
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Forest End In Baran: बारां। जिले में एक लाख से ज्यादा पेड़ों वाला जंगल खत्म होने जा रहा है।(Forest End In Baran) केंद्रीय वन- पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इसके लिए परमिशन मिल चुकी है। अब अगले छह महीने में 400 हेक्टेयर में बसा यह जंगल पूरी तरह खत्म हो जाएगा। इसके बाद यहां पावर प्लांट लगेगा, जिसमें बिजली उत्पादन होगा। हालांकि स्थानीय ग्रामीण जंगल खत्म करने की बात से नाराज हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इससे क्षेत्र में हरियाली खत्म होगी, अगर पेड़ काटे गे तो चिपको आंदोलन किया जाएगा।

क्यों खत्म किया जा रहा 400 हेक्टेयर का हरा-भरा वन?

बारां जिले के शाहाबाद में बिजली उत्पादन के लिए पावर प्लांट बन रहा है। ग्रीनको एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की ओर से शाहाबाद के हनुमंतखेड़ा, मुंगावली में 1800 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए पम्प स्टोरेज के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इस पावर प्लांट के लिए 700 हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई है। जिसमें से 400 हेक्टेयर वन क्षेत्र है, जो रिजर्व फोरेस्ट का हिस्सा है। बारां DFO अनिल कुमार यादव के मुताबिक यहां मार्च 2025 तक 1 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे। इसके लिए केंद्र की वन सलाहकार समिति ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री ने भी इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है।

कूनो से जुड़े जंगल में काटे जाएंगे 1 लाख 19 हजार 759 पेड़

शाहाबाद में 17 हजार 884 हेक्टेयर जंगल रिजर्व फोरेस्ट है। यह रिजर्व फोरेस्ट कूनो नेशनल पार्क से भी सटा हुआ है। पास ही कुनू नदी भी है। इस रिजर्व फोरेसट का 400 हेक्टेयर जंगल खत्म होने से कूनो नेशनल पार्क के चीतों पर भी असर पड़ेगा। तो वन क्षेत्र में रहने वाले हजारों वन्यजीवों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि इन वन्यजीवों को शिफ्ट करने की अभी तक कोई प्लानिंग नहीं की गई है।

बारां में खत्म होगा जंगल, जैसलमेर में बसाएंगे !

DFO अनिल कुमार यादव का कहना है कि शाहाबाद में 400 हेक्टेयर जंगल के बदले बारां वन विभाग को जैसलमेर में 400 हेक्टेयर जमीन दी गई है। जिस पर वन विभाग पौधारोपण कर नया जंगल बसाएगा। इस पर करीब 19 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वहीं बारां में भी 50 करोड़ की लागत से पौधारोपण किया जाएगा। इधर, 400 हेक्टेयर जंगल को खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। ग्राामीणों का कहना है कि अगर पेड़ काटे गए तो वे चिपको आंदोलन चलाकर पेड़ों को बचाएंगे।

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