Fake Insurance Claim: 50 लाख की बीमा राशि के लिए इतनी बड़ी साजिश, मेडिकल ज्यूरिस्ट, ASI समेत 6 लोग गिरफ्तार
Fake Insurance Claim Gang बांसवाड़ा: राजस्थान के बांसवाड़ा इन दिनों फर्जी बीमा क्लेम गिरोह काफी सक्रिय है। पुलिस ने इस गिरोह का पदाफाश करते हुए एक बड़ा खुलासा किया है। गिरोह ने 50 लाख रुपए के दुर्घटना बीमा की राशि लेने के लिए बीमार होने से हुई मौत को एक्सीडेंट बताकर बीमा राशि के लिए क्लेम कर दिया। इतनी बड़ी साजिश रचने के आरोप में अब सदर थाना पुलिस ने एक ASI, एक कांस्टेबल, मेडिकल ज्यूरिस्ट, 2 वकील और एक दलाल को गिरफ्तार किया है।
फर्जी बीमा गिरोह में अधिकारी और वकील शामिल!
फर्जी बीमा गिरोह ने बिना शव झूठी FIR दर्ज कर फर्जी डॉक्यूमेंट्स तैयार कर राशि लेने के लिए बड़ी साजिश रची थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश भारद्वाज ने कहा, "मामला सही पाए जाने पर खांदू कॉलोनी के रहने वाले आरोपी राजेश्वर सिंह उर्फ राजा, बागीदौरा वर्तमान में कॉन्स्टेबल रिजर्व पुलिस लाइन में रहने वाले कमलेश पटेल, खोखरवा वर्तमान में पुलिस चौकी सेनावासा के रहने वाले सहायक उप निरीक्षक मणिलाल डामोर, महात्मा गांधी चिकित्सालय के मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. रवि उपाध्याय, सालिया निवासी वकील महेंद्र कुमार पटेल और बोदला निवासी हितेंद्र कुमार उर्फ हितेश पटेल को गिरफ्तार किया गया है। अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।"
उम्र और बीमारी छिपाने का आरोप
वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस उप अधीक्षक सूर्यवीर सिंह राठौड़ ने जांच में पाया कि वेलजी की मौत 20 सितंबर 2018 को उनके घर पर ही हुई थी। उस समय उनकी उम्र लगभग 93 वर्ष थी। वेलजी को जून 2003 से राज्य सरकार से सामाजिक सुरक्षा पेंशन भी मिल रही थी। वहीं, मृतक वेलजी के बेटे किशनलाल ने 2015 में अपने पिता वेलजी की जन्म तिथि 1 जनवरी 1956 दिखाते हुए 50 लाख रुपए का बीमा कराया। इसमें दुर्घटना में मृत्यु होने पर 100 फीसदी बीमा राशि भुगतान का प्रावधान था। मृतक के बेटे पर बीमा पॉलिसी लेते समय पिता की उम्र और बीमारी को छिपाने का आरोप है।
क्या है पूरा मामला?
मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल (Fake Insurance Claim Gang) ने कहा कि केयर हेल्थ इंश्योरेंस लिमिटेड के प्रतिनिधि ने सदर थाने में रिपोर्ट दी कि बागीदौरा निवासी वेलजी पुत्र बेसर कलाल का मृत्यु बीमा क्लेम उसके पुत्र किशनलाल से प्राप्त हुआ। बीमा राशि 50 लाख रुपए थी। किशनलाल ने क्लेम में बताया कि 11 अक्टूबर 2018 को एक एक्सीडेंट में उसके पिता की मौत हो गई थी।
पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, डॉ. रवि उपाध्याय ने महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम किया। इस संबंध में थाने में दर्ज मामले में क्लेम फॉर्म, आधार कार्ड, पैन कार्ड के अनुसार जन्म तिथि 1 जनवरी 1956 बताई गई, जबकि मृतक वेलजी लगभग 80-90 वर्ष के थे। वृद्धावस्था के कारण बिस्तर पर थे उनकी मौत हुई थी। पेंशन रिकॉर्ड के अनुसार वेलजी कलाल की जन्मतिथि 10 जनवरी 1925 के रूप में आवेदन संख्या के साथ उल्लेखित थी। रिपोर्ट में वेलजी की मृत्यु एक्सीडेंट में होने पर संदेह जताते हुए जांच की मांग की गई। इस पर पुलिस ने 2023 में मामला दर्ज किया।
मौत को एक्सीडेंट में मौत बताकर बीमा राशि लेने के लिए साजिश
20 सितंबर को वेलजी की मौत होने पर पूरी बीमा राशि के लिए किशनलाल ने अन्य आरोपियों दलाल राजेश्वर सिंह, वकील हितेश गोयल, महेंद्र पटेल, कमलेश पटेल और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर सदर थाने में हादसे में मौत की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले में हेड कॉन्स्टेबल धूलजी ने जांच शुरू किया और बिना शव ही हेड कॉन्स्टेबल मणिलाल ने कई अहम और जरूरी दस्तावेज तैयार कर दिए। इसके बाद मेडिकल ज्यूरिस्ट डॉ. रवि उपाध्याय ने इस षडयंत्र में शामिल होकर बिना शव ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर मृतक के बेटे को दे दी।
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