फर्जी डिग्री घोटाले का पर्दाफाश! JS यूनिवर्सिटी ने बनाया शिक्षा को मजाक, 245 उम्मीदवार बने पीटीआई
Jaipur News: उत्तर प्रदेश में शिक्षा के नाम पर सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है! JS यूनिवर्सिटी के चांसलर सुकेश कुमार, रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और दलाल अजय भारद्वाज को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि सुकेश विदेश भागने की फिराक में था, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट से उसे दबोच लिया गया।(Jaipur News) यह घोटाला तब सामने आया जब शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा-2022 (PTI) में शामिल 245 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच हुई। पता चला कि सभी JS यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री लेकर सरकारी नौकरी पा चुके थे।
लाखों में बिकीं डिग्रियां, घर बैठे बने पीटीआई
शिकोहाबाद स्थित JS यूनिवर्सिटी शिक्षा के नाम पर एक संगठित रैकेट चला रही थी। लाखों रुपये लेकर बैक डेट में बीपीएड कोर्स की फर्जी डिग्रियां जारी की जा रही थीं। जो छात्र योग्य नहीं थे या पढ़ाई तक नहीं की थी, वे बस पैसा देकर शिक्षक बनने का सपना पूरा कर रहे थे। इससे पहले भी SOG ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के चांसलर और पूर्व रजिस्ट्रार को इसी तरह के फर्जीवाड़े में गिरफ्तार किया था।
SOG के एडीजी वीके सिंह ने खुलासा किया कि सुकेश कुमार वर्तमान में आगरा के राजकीय कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर तैनात था। उसके साथ JS यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार नंदन मिश्रा और दलाल अजय भारद्वाज ने मिलकर यह पूरा खेल रचा।
हजारों छात्रों को दिए नकली सर्टिफिकेट
गिरफ्तार दलाल अजय भारद्वाज पहले भी ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से हजारों छात्रों को बैक डेट में फर्जी डिग्रियां दिलवा चुका है। पेपर माफिया भूपेंद्र सारण के घर से जब्त हुई नकली डिग्रियों के मामले में जयपुर में पहले भी इसकी गिरफ्तारी हो चुकी है। इतना ही नहीं, यह अब एकलव्य ट्राइबल यूनिवर्सिटी (डूंगरपुर) और अनंत इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (मेघालय) खोलने की योजना बना रहा था ताकि फर्जी डिग्री का कारोबार और आगे बढ़ सके!
जांच में खुलासा हुआ कि PTI परीक्षा में एक ही शिक्षा सत्र के सभी छात्रों का चयन हुआ था, जो बेहद संदिग्ध था। ये सभी राजस्थान के निवासी थे। परीक्षा के लिए 2067 अभ्यर्थियों ने JS यूनिवर्सिटी से बीपीएड की डिग्री दिखाकर फॉर्म भरा, जबकि यूनिवर्सिटी की स्वीकृत सीटें बहुत कम थीं!
पेपर लीक माफियाओं की पहली पसंद
एसओजी के मुताबिक, JS यूनिवर्सिटी पेपर लीक गैंग और डिग्री माफियाओं के लिए सबसे भरोसेमंद ठिकाना बन चुकी थी। उम्मीदवार फॉर्म भरते समय जान-बूझकर ऐसी यूनिवर्सिटी का नाम डालते थे, जहां पैसे देकर बैक डेट में डिग्री हासिल की जा सके। इससे पहले भी कई निजी विश्वविद्यालयों को ऐसे फर्जीवाड़ों में संलिप्त पाया गया है, लेकिन JS यूनिवर्सिटी का घोटाला सबसे बड़ा साबित हो रहा है।
कौन-कौन आएगा शिकंजे में?
इस घोटाले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। कई अन्य निजी यूनिवर्सिटियों की भी जांच शुरू हो गई है। सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ पैसे देकर कोई भी सरकारी शिक्षक बन सकता है? इस पूरे मामले में कई बड़े अधिकारियों की भूमिका भी शक के घेरे में है, जिन पर जल्द ही SOG का शिकंजा कस सकता है।
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