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Dussehra 2024: राजस्थान में दशहरे की धूम...रावण के सैकड़ों फीट के पुतले तैयार, प्रशासन की पुख्ता तैयारियां

Dussehra Festival 2024: देशभर में इन दिनों नवरात्रि की धूम है जहां 9 दिन माता की अराधना के बाद अब दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में विजय दशमी पर रावण का दहन किया जाएगा. दशहरे को...
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Dussehra Festival 2024: देशभर में इन दिनों नवरात्रि की धूम है जहां 9 दिन माता की अराधना के बाद अब दसवें दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के रुप में विजय दशमी पर रावण का दहन किया जाएगा. दशहरे को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है जहां अलग-अलग इलाकों में धूम है.

इसी कड़ी में राजस्थान के कई जिलों में भी दशहरे को लेकर जोरदार उत्साह देखा जा रहा है जहां कई शहरों में मेले में लोगों का हुजूम उमड़ रहा है जहां भरतपुर में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा महोत्सव 12 अक्टूबर को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. वहीं नागौर में विजयदशमी पर जिला स्टेडियम में इस साल 45 फीट का रावण एवं कुंभकर्ण व मेघनाद का 40-40 फीट ऊंचा पुतला जलेगा.

इधर बारां में आगामी विजयादशमी पर्व पर रावण दहन का आयोजन होगा जिसके लिए पुतला बनाने वालों ने पुतले को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. वहीं जोधपुर में असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के रूप मे मनाए जाने वाले दशहरा पर्व को लेकर नगर निगम उत्तर एवं दक्षिण की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है जहां शनिवार अहंकार रूपी रावण के पुतले का दहन किया जाएगा.

नदबई में अनूठा है दशहरा पर्व का इतिहास

बता दें कि नदबई में दशहरे के इसके आयोजन का इतिहास भी अपने आप में अनूठा है चाहे पुतलों के निर्माण की बात हो या झांकियों की। नदबई के पंजाबी समाज की ओर से पिछले 55 सालों से दशहरे का पर्व भव्य तरीके से मनाया जाता है। पंजाबी समाज के लोगों का कहना है कि लगातार यह प्रयास रहता है कि जनता को कुछ नया कुछ अनूठा देखने को मिले।

नवयुवक दशहरा कमेटी अध्यक्ष कुलदीप सहगल ने बताया कि इस बार का दशहरा नदबई के लोगों के लिए भव्य होगा। हर साल रावण के पुतले का दहन किया जाता था। नवयुवक दशहरा कमेटी इस बार कुंभकरण का भी पुतला तैयार कर रही है। रावण का पुतला 61 फीट का और कुंभकरण का पुतला 51 फीट का देखने को मिलेगा। हंसू की पोखर के पास दशहरा मैदान में रावण दहन होगा। कोषाध्यक्ष बृजमोहन अरोड़ा ने बताया कि इसको बनाने में करीब 2 से 3 लख रुपए का खर्च आता है।

बारां में 5.70 लाख में तैयार हुआ रावण का कुनबा

बारां में विजयादशमी पर्व पर रावण दहन को लेकर पुतला बनाने वालो ने पुतले को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. पार्षद समीर खान ने बताया कि दशहरा पर्व हर साल लंका कॉलोनी स्थित रावणजी के चौक में रावण कुनबे का दहन किया जाएगा. इससे पूर्व रामलीला स्थल से शोभायात्रा शुरू होगी जो शहर भर के विभिन्न रास्तों से होते हुए रावणजी के चौक पहुंचेगी जहां रावण दहन का कार्यक्रम किया जाएगा.

पुतला कार सत्यनारायण नामदेव ने बताया कि रावणजी के चौक में इस बार 52 फीट का रावण का पुतला बनाया गया है। इसके साथ ही 30-30 फीट के कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों का दहन होगा। नगर परिषद की ओर से रावण दहन पर 5.70 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके पहले कार्यक्रम स्थल पर आतिशबाजी भी होगी। इस बार रावण का पुतला मुंह से आग के गोले निकालेगा और आंखें भी टिमटिमाएगा.

जोधपुर में मौजूद रहेंगे शेखावत और गहलोत

वहीं दशहरा पर्व को लेकर जोधपुर में नगर निगम उत्तर एवं दक्षिण की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है जहां शनिवार को अहंकार रूपी रावण के पुतले का दहन किया जाएगा. महापौर दक्षिण वनीता सेठ व महापौर उत्तर कुंती देवड़ा ने बताया कि दशहरा महोत्सव के कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मुख्य अतिथि होंगे वहीं पूर्व नरेश गजसिंह कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी, शहर विधायक अतुल भंसाली विशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे.

महापौर ने बताया कि रामलीला मैदान में इस बार 80 फीट उचें रावण और उसके परिजनों के पुतलों का गौ धुली वेला में दहन किया जाएगा। हर बार की तरह इस बार रावण के पुतले को धोती, जोधपुरी अचकन, सिल्क की धोती और जूतियां पहनाई गई हैं। साथ ही मेघनाद, कुंभकर्ण, शूर्पणखा और ताडका के करीब 40 फीट के पुतलों का भी निर्माण किया गया है।

नागौर में कुंभकर्ण व मेघनाद से दूर खड़ा होगा रावण

वहीं नागौर जिला स्टेडियम में इस साल रावण का 45 फीट एवं कुंभकर्ण व मेघनाद का 40-40 फीट ऊंचा पुतला जलेगा जिसको बनाने के लिए जोधपुर एवं जयपुर से संयुक्त रूप से विशेष कलाकारों की टीम आई है. नगरपरिषद प्रशासन के अनुसार इस बार आतिशबाजी भी एक घंटे की जगह डेढ़ घंटे की रहेगी.

शहर में प्रारंभिक स्तर पर तीनों पुतलों का ढांचा तैयार कर लिया गया है। अब इनके मुखौटे बनाए जा रहे हैं। इसके साथ ही इनके हाथों को विशेष रूप दिया जाएगा। ताकि बनने के बाद यह पूरी तरह से रामायणकालीन दृश्य को साकार कर सकें. रावण, कुंभकर्ण एवं मेघनाद के तीनों पुतले इस बार एक साथ जलेंगे।

- (जोधपुर से पुनीत माथुर, नागौर से मोहम्मद यूनूस, बारां से हर्षिल सक्सेना और भरतपुर से अभय शर्मा का इनपुट)

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