कभी खेती से होता था सिर्फ नुकसान, फिर एक संत ने दी ऐसी सलाह बदल गई पटेल परिवार की तकदीर
Dungarpur News: आपने सुना होगा कि जिस दिन किस्मत का इशारा होता है उस दिन आपकी जिंदगी संवरने से कोई ताकत नहीं रोक सकती है. राजस्थान के डूंगरपुर के इंद्रखेत गांव के राजू और मंजुला पटेल की भी कुछ ऐसी ही कहानी है जहां उनके एक फैसले ने उनकी जिंदगी 360 डिग्री घूमा दी. अपने खेतों में पारंपरिक गेहूं, मक्का और सरसों की खेती करने वाले पटेल परिवार की किस्मत का दरवाजा बस उनके एक साहसिक फैसले के पीछे था. दरअसल पटेल परिवार सालों से खेती में नुकसान और फसल की अनिश्चितता को लेकर परेशान था लेकिन जब उन्होंने सब्जियों की खेती करना शुरू किया तो उनकी जिंदगी में निर्णायक मोड़ आया. बता दें कि पटेल परिवार को गुजरात के स्वाध्याय परिवार के संतों ने सब्जियों की खेती करने का सुझाव दिया जिसके बाद उनकी तरक्की दिन दोगुनी रात चौगुनी के बराबर हो गई.
संतों की सलाह ने बदली सोच
बता दें कि 7 साल पहले तक पारंपरिक खेती से जूझ रहे पटेल परिवार को स्वाध्याय परिवार के संतों की सलाह ने सब्जियों की खेती की ओर प्रेरित किया। संतों की इस सलाह को पटेल परिवार ने ना केवल सुना बल्कि उसे अपनी नई दिशा भी बना लिया। हालांकि, खेती का तरीका बदलना आसान नहीं था। पटेल परिवार ने कृषि विज्ञान केंद्र दोवड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक सीएम बलाई से संपर्क किया जिनसे उन्हें सब्जियों की खेती के लिए जरूरी मार्गदर्शन मिला।
7 बीघा में सब्जियों की बहार
पटेल परिवार ने सात बीघा भूमि पर टमाटर, लौकी, मिर्ची, तरबूज, और पत्ता गोभी की खेती शुरू की। धीरे-धीरे, इस नई खेती ने न केवल उनकी जमीन को उपजाऊ बनाया, बल्कि उनके जीवन को भी समृद्ध किया। आज उनके खेत सिर्फ फसल नहीं, बल्कि एक सपने को साकार करने की जगह बन चुके हैं। पटेल परिवार सालाना 8 से 9 लाख रूपए की सब्जियां बेचता है।
नई राह से आया समृद्धि का नया दौर
पारंपरिक खेती की तुलना में अब पटेल परिवार को कम मेहनत में अधिक लाभ मिल रहा है। आधुनिक तकनीक और नई सोच ने उनकी खेती को एक नया आयाम दिया है, जिससे न केवल वे आर्थिक रूप से सशक्त हुए हैं, बल्कि उनका जीवन भी खुशहाल हुआ है। पटेल परिवार की यह कहानी न केवल उनकी, बल्कि उन तमाम किसानों के लिए प्रेरणा है जो खेती में कुछ नया करने का सपना देखते हैं। उनकी सफलता बताती है कि अगर सोच में बदलाव लाया जाए, तो खेती न केवल जीविका का साधन, बल्कि समृद्धि का स्रोत भी बन सकती है।