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सनातन धर्म की जय-जयकार! डूंगरपुर में 30 परिवारों ने अपनाया हिंदू धर्म, चर्च पर लिखा 'जय श्री राम'

डूंगरपुर के सोडला गुदा गांव में ऐसा ही एक ऐतिहासिक परिवर्तन देखने को मिला, जहां एक चर्च अब भव्य भैरव मंदिर के रूप में स्थापित हो गया।
01:19 PM Mar 10, 2025 IST | Rajesh Singhal

Dungarpur News: धर्म की धारा कभी रुकती नहीं, वह अपना मार्ग स्वयं बना लेती है। डूंगरपुर के सोडला गुदा गांव में ऐसा ही एक ऐतिहासिक परिवर्तन देखने को मिला, जहां एक चर्च अब भव्य भैरव मंदिर के रूप में स्थापित हो गया। वर्षों तक जिस स्थान पर ईसाई धर्म का प्रचार-प्रसार होता रहा, वहीं अब हिंदू धर्म की गूंज सुनाई दे रही है। सोमवार को हिंदू रीति-रिवाजों के साथ भैरव मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुई, जो इस आयोजन को और भी ऐतिहासिक बना देता है। (Dungarpur News)यह मात्र एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक बड़े बदलाव की प्रतीकात्मक घटना है।

भारत माता मंदिर के महंत रामस्वरूप महाराज के अनुसार, विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से क्षेत्र में वर्षों से धर्म जागरण अभियान चलाया जा रहा था। इसी प्रयास के तहत, जो लोग वर्षों पहले हिंदू धर्म से अलग हुए थे, उन्होंने वापस सनातन की ओर लौटने का निर्णय लिया।सबसे अनोखी बात यह रही कि जिस चर्च को मंदिर में बदला गया, वहां के पूर्व पादरी गौतम गरासिया ने अब मंदिर का पुजारी बनने का संकल्प लिया।

उनका कहना है कि उन्हें वर्षों पहले लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया था, लेकिन वहां से उन्हें कुछ नहीं मिला। अब उन्होंने स्वेच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की और मंदिर की सेवा करने का निर्णय लिया।डूंगरपुर की इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनातन धर्म की जागृति को नए स्वरूप में प्रस्तुत किया है। यह परिवर्तन केवल एक धार्मिक बदलाव नहीं, बल्कि आस्था और आत्मसम्मान की ओर बढ़ा एक ऐतिहासिक कदम है।

अब पूरे गांव ने किया ‘घर वापसी’ का संकल्प

इन परिवारों ने करीब 7-8 साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया था, लेकिन अब उन्होंने पुनः सनातन धर्म की राह पकड़ ली। मंदिर निर्माण के लिए सभी ने मिलकर चर्च को हटाकर भगवा रंग में रंग दिया और गांव में भव्य शोभायात्रा निकाली। प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले भगवान भैरव की मूर्ति को विद्या निकेतन स्कूल से नगर भ्रमण कराया गया। शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर मूर्ति का स्वागत किया। इसके बाद मंदिर में भव्य हवन-आरती के साथ मूर्ति की स्थापना की गई।

इस धार्मिक आयोजन में गांववालों ने वागड़ी भजनों की शानदार प्रस्तुतियां दीं। अंत में भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और पुलिस का भी विशेष बंदोबस्त किया गया था।

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