पुरुषों को बाहर का रास्ता! राजस्थान में महिलाओं के लिए खुला अनोखा बैंक, सिर्फ महिलाएं कर सकेंगी लेन-देन
Dungarpur News: राजस्थान के एक छोटे से गांव में महिलाओं ने इतिहास रच दिया है! जहां बड़े शहरों में भी महिलाएं वित्तीय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रही हैं, वहीं डूंगरपुर जिले के बरबोदनिया गांव की महिलाएं अपना खुद का बैंक चला रही हैं। यह कोई आम बैंक नहीं, बल्कि महिलाओं द्वारा, महिलाओं के लिए संचालित मिनी बैंक है, जो सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत है।
1700 से अधिक महिला खाताधारक, 2 करोड़ से ज्यादा का सालाना टर्नओवर और 20 साल से लगातार सफलता की कहानी! यह बैंक न सिर्फ गांव की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना रहा है, (Dungarpur News)बल्कि आत्मनिर्भरता की नई मिसाल भी पेश कर रहा है। यहां हर फैसले महिलाओं द्वारा लिए जाते हैं, हर लेन-देन महिलाओं के लिए होता है, और हर कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में बढ़ाया जाता है। यह बैंक बताता है कि अगर महिलाओं को सही अवसर मिले, तो वे खुद अपनी तकदीर लिख सकती हैं!
बैंक में पुरुषों के लिए नहीं है कोई काम
डूंगरपुर जिले का यह पहला मिनी बैंक, जो जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बरबोदनिया ग्राम पंचायत में स्थित है, पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित है। बैंक में कैशियर, मैनेजर और अध्यक्ष सभी पदों पर महिलाएं ही कार्यरत हैं। पुरुषों के लिए न यहां नौकरी है और न ही खाताधारी बनने की अनुमति। इसी वजह से इसे मिनी महिला बैंक के नाम से जाना जाता है। 28 जनवरी 2002 को स्थापित यह बैंक देश का दूसरा, राजस्थान और आदिवासी क्षेत्र का पहला महिला मिनी बैंक है।
यूं मिली प्रेरणा
महिला मिनी बैंक की शुरुआत सीमा भगत (मैनेजर) और गजरा एकोत (कैशियर) ने की थी, जो अब तक अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्हें इस बैंक की प्रेरणा टामटिया लैंप्स के मैनेजर सोहनलाल सेवक से मिली। 2001 में, दोनों ने एक महिला बचत समूह बनाया, जिसे छह महीने के भीतर 28 जनवरी 2002 को महिला मिनी बैंक के रूप में पंजीकृत कर दिया गया। तब से यह बैंक लगातार महिलाओं की वित्तीय सहायता और आत्मनिर्भरता में योगदान दे रहा है।
बैंक में महिलाओं के 1700 से अधिक खाते
वर्तमान में इस महिला बैंक की समिति में 281 सदस्य हैं, और अध्यक्ष शांतिदेवी पुंजोत के नेतृत्व में इसे संचालित किया जा रहा है। बैंक में 642 बचत खाते, 666 आरडी खाते और 429 एफडी खाते सक्रिय हैं। अब तक 213 महिलाओं को 40 लाख 45 हजार रुपए का ऋण दिया जा चुका है। बैंक की कुल जमा राशि 2 करोड़ रुपए है और इसका औसत मासिक टर्नओवर 20 लाख रुपए तक पहुंच चुका है। बैंक का अपना एक स्थायी भवन है, जहां से यह सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है।
महिलाओं को बना रहा है आत्मनिर्भर
बरबोदनिया गांव का यह महिला मिनी बैंक सिर्फ एक वित्तीय संस्था नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की जीवंत मिसाल है। यह महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बना रहा है बल्कि उन्हें खुद के फैसले लेने और आत्मनिर्भर बनने की भी प्रेरणा दे रहा है। राजस्थान के इस छोटे से गांव से निकली यह पहल, पूरे देश के लिए एक मिसाल है कि सही अवसर मिलने पर महिलाएं भी सशक्त बैंकिंग व्यवस्था का संचालन कर सकती हैं।
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