गर्ल्स हॉस्टल में 3 दिन से रूका था शख्स, आधी रात में पहुंचे ABVP कार्यकर्ता...पहचान सुन हो गई सिट्टी-पिट्टी गुम!
Dungarpur News: डूंगरपुर शहर के वसुंधरा विहार इलाके में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब समाज कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर अशफाक खान तीन दिनों तक सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल में छुपकर रात बिता रहे थे। यह मामला उस समय तूल पकड़ा, जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं को इस बात की भनक लगी।
मंगलवार (22 जनवरी) की आधी रात को ABVP कार्यकर्ता हॉस्टल पहुंचे और असिस्टेंट डायरेक्टर को कमरे से बाहर निकालने में सफल रहे। इसके बाद उन्होंने कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को सूचित किया,(Dungarpur News) जिन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए असिस्टेंट डायरेक्टर को हॉस्टल से बाहर जाने का आदेश दिया और नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया। यह पूरी घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि युवाओं के संघर्ष और प्रशासनिक जवाबदेही की अहमियत को भी दर्शाती है।
आधी रात में समाज कल्याण अधिकारी पकड़ा
डूंगरपुर में सावित्री बाई फुले गर्ल्स हॉस्टल में रात के अंधेरे में समाज कल्याण विभाग के अधिकारी की छुपकर ठहरने की गहरी साजिश को एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बेनकाब कर दिया। यह घटना मंगलवार (22 जनवरी) की आधी रात की है, जब एबीवीपी के सदस्य हर्षित ननोमा और उनके साथी कार्यकर्ता हॉस्टल पहुंचे, जहां उन्हें शिकायत मिली थी कि किसी अधिकारी ने अवैध रूप से हॉस्टल में रुकने का प्रयास किया है। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने तत्काल पुलिस को सूचित किया और सीधे कार्रवाई में जुट गए।
वार्डन ने बताया कलेक्टर रुके हैं, फिर खुला सच
हॉस्टल के गेट पर आवाज लगाने के बाद वार्डन ने दरवाजा खोला और बताया कि कलेक्टर हॉस्टल में रुके हुए हैं। लेकिन जब एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने अंदर जाकर पूछताछ की, तो अधिकारियों ने खुद को समाज कल्याण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान के रूप में पेश किया। उन्होंने हॉस्टल में निरीक्षण करने का बहाना बनाया, लेकिन कार्यकर्ताओं ने उनसे तीन दिन से ठहरने का कारण पूछा, तो अशफाक खान ने ट्रांसफर और कमरे की कमी की बात कही। इस पर एबीवीपी कार्यकर्ता नाराज हो गए और तुरंत कलेक्टर से संपर्क किया।
कलेक्टर की तुरंत कार्रवाई
हर्षित ननोमा ने कलेक्टर अंकित कुमार सिंह को घटना की सूचना दी, जिनकी प्रतिक्रिया तुरंत आई। कलेक्टर ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारी की गर्ल्स हॉस्टल में ठहरने की बात पर कड़ा ऐतराज जताया और उन्हें तुरंत हॉस्टल से बाहर जाने के निर्देश दिए। साथ ही महिला पुलिसकर्मियों को हॉस्टल पर तैनात करने की भी बात कही, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना न हो।
छात्राओं की सुरक्षा...प्राइवेसी का उल्लंघन
हर्षित ननोमा ने कहा कि सरकार के सख्त आदेश हैं कि किसी भी गर्ल्स हॉस्टल में पुरुष अधिकारी को रात में नहीं रुकने दिया जा सकता। लेकिन बावजूद इसके समाज कल्याण विभाग के अधिकारी, 3 बॉयज हॉस्टल को छोड़कर, गर्ल्स हॉस्टल में ठहरे हुए थे, जिससे छात्राओं की प्राइवेसी पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा था। एबीवीपी कार्यकर्ताओं की सूझबूझ और कड़ी कार्रवाई ने प्रशासन को जगाया और इस मामले को सार्वजनिक किया।
डिप्टी डायरेक्टर का बचाव...‘विजिट के लिए आया था’
हालांकि, डिप्टी डायरेक्टर अशफाक खान ने अपनी सफाई में कहा कि वह समाज कल्याण विभाग के अधिकारी हैं और सिर्फ निरीक्षण के लिए हॉस्टल आए थे, इसलिए वहां ठहरे थे। लेकिन एबीवीपी कार्यकर्ताओं के आक्रोश ने उनकी स्थिति को कमजोर कर दिया।
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