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8 साल बाद ट्रांसजेंडर को मिला कॉलेज में एडमिशन, 27 साल की यशवंती ने रचा इतिहास...राजस्थान का दूसरा मामला

Dungarpur News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा के एक निजी कॉलेज में एक ट्रांसजेंडर को एडमिशन मिला है. किसी भी ट्रांसजेंडर के कॉलेज एडमिशन का ये प्रदेश में दूसरा और आदिवासी इलाके में पहला मामला है. 12वीं की पढ़ाई...
01:39 PM Jul 03, 2024 IST | Rajasthan First

Dungarpur News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा के एक निजी कॉलेज में एक ट्रांसजेंडर को एडमिशन मिला है. किसी भी ट्रांसजेंडर के कॉलेज एडमिशन का ये प्रदेश में दूसरा और आदिवासी इलाके में पहला मामला है. 12वीं की पढ़ाई के बाद ट्रांसजेंडर 8 साल तक कॉलेज में एडमिशन के लिए सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों के चक्कर काटती रही लेकिन कहीं एडमिशन नहीं मिला. अब 8 साल बाद अब कॉलेज में एडमिशन से ट्रांसजेंडर खुश हैं. जानकारी के मुताबिक डूंगरपुर जिले के कोकापुर गांव की रहने वाली 27 साल की यशवंती पाटीदार को बीते मंगलवार को सागवाड़ा के गुरुकुल कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर में एडमिशन मिला.

बता दें कि इससे पहले जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय के महारानी कॉलेज में ट्रांसजेंडर नूर शेखावत को एडमिशन मिला था जो प्रदेश का पहला मामला था. नूर को काॅलेज की सेंटर फाॅर एडमिशन कमेटी ने स्पेशल केस मानते हुए दाखिला दिया था जहां नूर ने काॅलेज में ऑफलाइन आवेदन दिया था.

8 साल तक छूटी रही पढ़ाई

कोकापुर निवासी 27 वर्षीय यशवंती पाटीदार पिता वालजी पाटीदार को मंगलवार को सागवाड़ा के गुरुकुल कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर में एडमिशन मिलने के बाद उन्होंने बताया कि पहली से पांचवी तक स्वामी विवेकानंद स्कूल पाड़वा में पढ़ाई की। इसके बाद कक्षा 6 से 12वीं तक मामा के घर पाड़वा की सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। वहीं आगे की पढ़ाई के लिए कई कॉलेजों में गई पर किसी ने एडमिशन नहीं दिया गया। कॉलेज में एडमिशन के लिए जाती तो हर कोई उस पर हंसता और बात को टाल देता। इस वजह से 8 साल तक उसकी आगे की पढ़ाई छूट गई। लेकिन पढ़ाई को लेकर जज्बा खत्म नहीं हुआ। इस बार फिर से कॉलेज में एडमिशन के लिए नए सिरे से प्रयास किए.

जिले का पहला मामला

वहीं काफी समय बाद यशवंती सागवाड़ा के गुरुकुल कॉलेज में प्रबंधक से मिली जहां प्रबंधक भरत जोशी ने ट्रांसजेंडर के एडमिशन की बात सुनते ही हामी भर दी। भरत जोशी बताते हैं कि इस तरह का राजस्थान में दूसरा और जिले का पहला मामला है जहा किसी ट्रांसजेंडर को कॉलेज में एडमिशन दिया गया है। ट्रांसजेंडर यशवंती ने वर्ष 2021-22 में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए परीक्षा दी थी पर जनरल कैटेगरी से एडमिशन नहीं मिल पाया। यशवंती ने बताया कि उनकी गुरू नूर शेखावत उन्हें आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया, वे ट्रांसजेंडरों के हक लिए लड़ रही है और सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं.

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