लक्ष्यराज सिंह ने सोलर लैम्पों से सूर्य की आकृति बनाई, अब गरीबों के घर रोशन होंगे, जानिए कैसे!
Dr. Lakshyaraj Singh Mewar: डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और समाजसेवी, ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। सौर ऊर्जा से "सूर्य" की सबसे बड़ी आकृति बनाकर उन्होंने न केवल गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया, बल्कि 'सूर्योदय अभियान' की भी शुरुआत की। (Dr. Lakshyaraj Singh Mewar)इस अभियान का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सोलर लैंप वितरित करना है, ताकि उनके घरों में सौर ऊर्जा से रोशनी हो और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सके। इसके साथ ही, यह पहल परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य भी रखती है, जिससे वे बाहरी ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर न रहें।
सामाजिक बदलाव में प्रेरणास्त्रोत बने डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़
डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के द्वारा किए गए कार्यों ने न केवल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की दुनिया में उनकी जगह बनाई, बल्कि समाज के विभिन्न तबकों में जागरूकता और सकारात्मक बदलाव भी लाए। उनका लक्ष्य हमेशा समाज सेवा, पर्यावरण संरक्षण और मानवता की दिशा में काम करना रहा है। उनका प्रयास यह है कि हर पहलू में हर व्यक्ति को बराबरी का अवसर मिले और पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ समाज को एक बेहतर दिशा में मार्गदर्शन किया जाए। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ की समाज सेवा केवल भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई सामाजिक कार्यों की शुरुआत की। 3 लाख से ज्यादा वस्त्रदान के बाद उन्होंने कई देशों में समाज सेवा के कार्यों का विस्तार किया। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण के लिए उनका पौधारोपण अभियान और सौर ऊर्जा से जुड़े उनके कदम भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।
डॉ. लक्ष्यराज ने समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के लिए कई पहलें की हैं। उन्होंने महिला स्वच्छता प्रबंधन और बच्चों को शिक्षा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इन प्रयासों से महिलाओं और बच्चों को समाज में सम्मान और सुरक्षा का अहसास हुआ है।
गिनीज रिकॉर्ड्स के माध्यम से समाज सेवा की शक्ति
डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स स्थापित किए हैं, वे केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं हैं, बल्कि उनका उद्देश्य हमेशा समाज में बदलाव लाने और हर व्यक्ति की मदद करने का रहा है। उनके इन रिकॉर्ड्स ने न केवल उनकी पहचान बनाई, बल्कि समाज में सेवा की भावना को भी प्रोत्साहित किया है।
पर्यावरण संरक्षण के लिए डॉ. लक्ष्यराज ने न केवल पौधारोपण किया, बल्कि सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दिया। उनका 'सूर्योदय अभियान' इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें उन्होंने सौर लैंप वितरित कर लाखों परिवारों को पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा स्रोत मुहैया कराया। यह पहल न केवल परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक बड़ा योगदान है।
डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का कहना है कि उनका लक्ष्य अभी पूरा नहीं हुआ है। वे भविष्य में और भी अधिक सामाजिक कार्यों को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं, जिनसे समाज के कमजोर वर्ग को विशेष रूप से फायदा हो सके। उनका मानना है कि गिनीज रिकॉर्ड्स केवल एक कदम है, असली काम समाज को सशक्त और खुशहाल बनाने में है।
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