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Dhani Pratha Jodhpur: 200 साल पुरानी इस प्रथा से आज भी लगाया जाता है मौसम का अनुमान, आप भी जानकर रह जाएंगे दंग

Dhani Pratha Jodhpur: राजस्थान के जोधपुर जिले में अक्षय तृतीया पर परंपरागत कार्यक्रम धणी का आयोजन किया गया। यह आयोजन घाची समाज (Dhani Pratha Jodhpur) द्वारा किया जाता है। आधुनिकता के इस युग में मौसम विभाग द्वारा मौसम की जानकारी...
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Dhani Pratha Jodhpur: राजस्थान के जोधपुर जिले में अक्षय तृतीया पर परंपरागत कार्यक्रम धणी का आयोजन किया गया। यह आयोजन घाची समाज (Dhani Pratha Jodhpur) द्वारा किया जाता है। आधुनिकता के इस युग में मौसम विभाग द्वारा मौसम की जानकारी दी जाती है। लेकिन प्राचीन समय में लोगों के द्वारा धणी के माध्यम से आने वाले मौसम के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती थी। प्राचीन समय में लोग आखातीज़ के दिन धणी का आयोजन कर आने वाले मौसम के बारे में अनुमान लगाते थे और उसी के अनुसार अपनी फसल करते थे। घणी प्रथा से लोग आने वाले मानसून में बारिश कैसी होगी और क्या काल रहेगा.. इसका अनुमान लगाते थे।

घाची समाज ने धणी का किया आयोजन:

जोधपुर में बाइजी के तालाब स्थित बगीची में अक्षय तृतीया पर घाची समाज की ओर से धणी का आयोजन किया गया। इस दौरान सुकाल-अकाल और राजनीतिक उठापटक की भी भविष्यवाणी की जाती है। करीब तीन घंटे से अधिक चले अनुष्ठान में धणी के माध्यम से भविष्य के भी संकेत दिए गए है। बता दें कि इसमें दो बालकों को स्नान करने के बाद गीले वस्त्र में सिर्फ लंगोट पहनाकर आमने-सामने खड़ा किया जाता है। दोनों बालकों के हाथों में बांस की खापचियां होती है। दोनों खापचियों में एक पर कुमकुम व दूसरे पर काजल लगाया जाता है। कुमकुम लगी खापची पर सुकाल यानी अच्छा जमाना और दूसरी काजल लगी खपची पर काल यानी अकाल रूप को दर्शाया जाता है। इसके नीचे बनी मिट्टी की वेदी पर सात तरह के अनाज़, गुड़, पतासे रखे जाते है।

तीन सौ साल से चली आ रही है परंपरा:

गौरतलब है कि यह परंपरा पिछले दो सौ साल से चली आ रही है। इस दौरान घाची समाज के एक बुजुर्ग ने बताया कि धणी ने इस बार बराबर समान रहने के संकेत दिए है। उन्होंने कहा कि इस बार दोनों पाटियां बराबर रही है। जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ना तो काल पड़ेगा ना ही अच्छा जमाना होगा और बराबर का जमाना रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने आशंका जताई कि थोड़ा अकाल का प्रभाव भारी था तो हो सकता है कि काल की स्थिति बन सकती है।

जानिए कौन हैं घाची समाज़...?

घाची समाज़ बड़ी संख्या में पशु पालने वाला समाज़ है और उनका दूध बेचकर अपनी आज़ीविका चलाते है। बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसी समाज़ से आते हैं।

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