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Dausa News: दौसा के विद्यालय में विद्यार्थियों को लिए बढ़ी सुविधाएं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक दिन में किया था क्रमोन्नत

Dausa News: राजस्थान बोर्ड का हाल ही में दसवीं क्लास का परिणाम जारी हुआ है। इस बार दसवीं कक्षा में बेटियों ने अव्वल रहने का काम किया है। दौसा और अलवर जिले की सीमा पर भारत जोडो यात्रा के दौरान...
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Dausa News: राजस्थान बोर्ड का हाल ही में दसवीं क्लास का परिणाम जारी हुआ है। इस बार दसवीं कक्षा में बेटियों ने अव्वल रहने का काम किया है। दौसा और अलवर जिले की सीमा पर भारत जोडो यात्रा के दौरान जयसिंहपुरा गांव में तत्कालीन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आएं थे। इस दौरान एक विद्यालय के क्रमोन्नति करने का आदेश दिया था। जयसिंहपुरा गांव की महिला कमला मीणा के द्वारा खूब विद्यालय को क्रमोन्नति करने के प्रयास किए जा रहा थे।

जयसिंहपुरा में बढ़ी छात्रों को सुविधा

राजस्थान के एक गांव में विद्यालय को एक ही दिन में क्रमोन्नत (Dausa) किया गया था। जिससे जयसिंहपुरा गांव की बेटा-बेटियों को सुविधा हुई है। यहां दसवीं कक्षा का परिणाम टॉप रहा है। ग्रामीणों के अनुसार कक्षा 10 में कुछ ही बच्चे थे। जिनसब ने टॉप किया है। तो विद्यालय का नाम भी रोशन हुआ। जिसके साथ ही गांव (Dausa) का नाम भी रोशन हुआ है। विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी खुश हैं। वे अन्य विद्यार्थियों (Dausa) से भी विद्यालय में पढ़ने की बात कर रहे हैं।

सीएम अशोक के आदेश पर क्रमोन्नत

दौसा और अलवर की सीमा पर जयसिंहपुरा गांव है। जहां पर विद्यालय आठवीं कक्षा तक संचालित हुआ करता था। लेकिन सर्दियों के मौसम में स्थानीय गांव की महिला और बच्चें सड़क किनारे राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा देखने के लिए बैठे थे। इसी दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे। उन्होंने बच्चों और महिलाओं से पूछा क्षेत्र में क्या कमी है? उन्होंने तत्काल विद्यालय को क्रमोन्नत करने की मांग रखी गई। जिसके बाद सीएम द्वारा तत्काल आदेश कर दिया गया।

10वीं में पढ़ाने वाले पुराने टीचर

जिसके बाद मात्र कुछ ही दिनों में विद्यालय को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत कर दिया गया था। अब उस विद्यालय के छात्र-छात्रा टॉपर बन रहे हैं। कक्षा 10 में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अनुसार विद्यालय में आठवीं कक्षा में पढ़ने के लिए जो शिक्षक लगे थे, वहीं अभी भी पढ़ते हैं, विद्यालय क्रमोन्नत तो किया गया लेकिन शिक्षक नहीं लगाए गए है। आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले शिक्षकों के द्वारा ही कक्षा 9-10 के छात्र छात्राओं को पढ़ाया गया था। हमेें अच्छी मेहनत से अच्छा परिणाम मिला है।

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