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Dausa Rescue Operation:110 फीट का होल, सैकड़ों टन मिट्टी...क्या है 'रैट-होल माइनिंग' जो है आर्यन की आखिरी उम्मीद!

Dausa Borewell Accident Rescue News: राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटित हो रही है, जहां 5 साल का आर्यन 43 घंटे से बोरवेल में फंसा हुआ है। उसकी सलामती के लिए NDRF...
01:26 PM Dec 11, 2024 IST | Rajesh Singhal

Dausa Borewell Accident Rescue News: राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना घटित हो रही है, जहां 5 साल का आर्यन 43 घंटे से बोरवेल में फंसा हुआ है। उसकी सलामती के लिए NDRF और SDRF की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। 6 बार खुदाई की कोशिशें की गई हैं, और 10 जेसीबी व अन्य भारी मशीनों के बावजूद, स्थिति जस की तस बनी हुई है।

इस मुश्किल घड़ी में, बोरवेल से आर्यन को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव दल 'रैट-होल माइनिंग' जैसी विशेष तकनीक का सहारा ले रहे हैं, जो इसे एक नई दिशा में ले जा सकती है।

 तकनीक का सहारा: बचाव में बढ़ी जद्दोजहद

राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में 5 साल का आर्यन 43 घंटे से बोरवेल में फंसा हुआ है। उसे बचाने के लिए NDRF और SDRF की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। कई बार जेसीबी और अन्य मशीनों से खुदाई की गई है, परंतु कोई खास असर नहीं दिखा।

अब, बचाव टीमों ने एक नया कदम उठाया है – पाइलिंग मशीनों के जरिए एक बड़ा होल किया जा रहा है। यह होल सुबह पांच बजे से शुरू हुआ है और इसे बोरवेल से छह फीट की दूरी पर 155 फीट गहरा किया जाएगा। इसके बाद 'रैट-होल माइनिंग' तकनीक का इस्तेमाल कर एक पाइप के माध्यम से बच्चे तक पहुंचने की योजना बनाई गई है।

क्या है रैट-होल माइनिंग' तकनीक

'रैट-होल माइनिंग' एक विशेष खनन तकनीक है, जो संकरी और गहरी सुरंगें बनाने के लिए उपयोग की जाती है, जिनका आकार चूहों के बिल जैसा होता है। इस तकनीक में एक बार में केवल एक व्यक्ति ही अंदर जा सकता है, और यह सामान्यतः कोयला निकालने के लिए उपयोग की जाती है।

इस तरीके में श्रमिकों को बिना सुरक्षा उपकरणों के काम करना पड़ता है, जो खतरनाक हो सकता है। सुरंगों की दीवारों में कमजोरियां होती हैं, जिससे भूस्खलन का खतरा बना रहता है। हालांकि यह तकनीक अवैध कोयला खनन में भी इस्तेमाल होती है, इसे सरकार ने बैन कर रखा है।

पाइलिंग मशीन से हो रही खुदाई: क्या है अगला कदम?

अब तक करीब 110 फीट का होल किया जा चुका है, और बचाव दल ने पाइलिंग मशीन से एक बड़ा होल करने का फैसला लिया है। इस खुदाई के बाद, पाइप डालकर एक समानांतर सुरंग बनाई जाएगी, जिससे एनडीआरएफ की टीम बच्चे तक पहुंच सकेगी।

दौसा के जिला कलेक्टर देवेंद्र यादव के मुताबिक, आर्यन बोरवेल में पानी से तीन से चार फीट ऊपर फंसा हुआ है, और ऑपरेशन के तहत आसपास के बोरवेल को चालू किया गया है। इस जद्दोजहद में समय की अहमियत को देखते हुए, बचाव दल हर मुमकिन कोशिश कर रहा है, ताकि आर्यन को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

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