Dausa:150 फीट गहरा बोरवेल! 25 घंटे से ज्यादा का समय; मौत से जंग लड़ रहा मासूम आर्यन
Dausa Borewell Accident Rescue News: राजस्थान के दौसा में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। 5 साल का मासूम बच्चा, आर्यन, एक बोरवेल में गिरकर फंस गया है और अब उसकी जान बचाने के लिए संघर्ष जारी है। 27 घंटे से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन इस नन्हें बच्चे को बाहर निकालने में सफलता नहीं मिल पाई है। (Dausa Borewell Accident Rescue News) रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत एक टनल तैयार किया जा रहा है, जिससे बच्चे तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। इस घातक स्थिति में सभी की नजरें इस ऑपरेशन पर टिकी हैं, जबकि आर्यन के परिवार और स्थानीय प्रशासन की चिंता भी बढ़ती जा रही है। क्या आर्यन को समय रहते बाहर निकाला जा सकेगा? यह सवाल हर किसी के मन में गूंज रहा है।
बच्चे की हालत स्थिर, बोरवेल में फंसा आर्यन
दौसा के डीएम देवेंद्र कुमार ने कहा कि 5 साल का बच्चा आर्यन करीब 150 फीट गहरी बोरवेल में फंसा हुआ है। उन्होंने बताया कि बच्चे को लगातार ऑक्सीजन दी जा रही है और मौके पर मेडिकल टीम तैनात है। इसके साथ ही, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें भी बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। उन्होंने पुष्टि की कि जेसीबी से खुदाई की जा रही है और पूरी कोशिश की जा रही है कि बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। डीएम ने यह भी कहा कि बच्चे की हालत फिलहाल ठीक है, और सभी लोग उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
दौसा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार अग्रवाल ने बताया, "कैमरे से देखे जाने पर यह सामने आया कि बच्चा बोरवेल में 150 फीट की गहराई पर फंसा हुआ है। यह गहराई हमारे लिए एक बड़ी चुनौती बन रही है, और इसलिए रेस्क्यू में समय लग रहा है। जैसे ही हमें कल यह जानकारी मिली, तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, चूंकि बच्चा 150 फीट की गहराई में फंसा है, इसमें समय लग रहा है। हम शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखेंगे।"
प्रशासन और रेस्क्यू टीम की चिंता बढ़ी
दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में 5 साल के मासूम आर्यन का बोरवेल में गिरने के बाद से लगातार 28 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक उसे बाहर निकालने में कोई सफलता नहीं मिल पाई है। बीती रात 2 बजे के बाद से बच्चे के अंदर किसी तरह की मूवमेंट नहीं दिखी, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों का हौंसला भी थोड़ा टूटने लगा है। प्रशासन और रेस्क्यू टीम के लिए यह स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
एनडीआरएफ टीम को एक नई उम्मीद
हालांकि, अब खबर आ रही है कि लंबी मेहनत और प्रयास के बाद एनडीआरएफ टीम को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है। स्थानीय युवक द्वारा एक राड से बनाए गए देसी जुगाड़ का इस्तेमाल किया गया, जिसे बच्चे तक पहुंचाया गया है। इस देसी जुगाड़ की मदद से बच्चे के शरीर पर एक जाल जैसा तंत्र तैयार किया गया है, जिसमें उसका हाथ फंस गया है। इसके बाद एनडीआरएफ टीम अब बच्चे के हाथ पर रस्सी लगाने की कोशिश कर रही है, जिससे उसे बाहर निकाला जा सके।
सेफ्टी के लिए लोहे का छतनुमा अम्ब्रेला लगाया गया
इसके अलावा, बच्चे के नीचे लोहे का छतनुमा अम्ब्रेला सेफ भी लगाया गया है, ताकि अगर बच्चा हलचल करे तो वह नीचे न जा सके और रेस्क्यू ऑपरेशन में कोई और समस्या उत्पन्न न हो। अगर बच्चा रिंग में फंसा रहता है, तो यह कदम उसे बाहर निकालने में मददगार साबित हो सकता है।
जबरदस्त खुदाई और रेस्क्यू ऑपरेशन
बोरवेल से 20 मीटर की दूरी पर एक बड़ा गड्ढा खोदा गया है, जिसमें दर्जनों जेसीबी मशीनें और ट्रैक्टर लगाकर खुदाई की जा रही है। सोमवार शाम से लेकर मंगलवार शाम तक करीब 80 फीट की खुदाई की गई है। एनडीआरएफ की टीम लगातार बोरवेल के अंदर जाकर बच्चे को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रही है। अब सभी की निगाहें इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हुई हैं, यह देखने के लिए कि क्या अब जल्द ही आर्यन को बाहर निकाला जा सकेगा।
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