"रात में 2 बजे सोते हैं भजनलाल जी..." सीआर पाटिल बोले - नींद में भी उनका दिमाग जनता के लिए चलता है !
CR Patil and Bhajanlal Sharma: राजस्थान के डूंगरपुर जिले के खड़गदा गांव में मोरन नदी के तट पर रिवर फ्रंट का निर्माण जनसहयोग से किया जा रहा है, जो गुजरात के साबरमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर होगा। इस प्रोजेक्ट की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण और नदियों के संरक्षण के दृष्टिकोण से मिली है। (CR Patil and Bhajanlal Sharma) शनिवार को इस रिवर फ्रंट के विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल खड़गदा पहुंचे। उन्होंने इस जल संचयन अभियान को और गति देने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में सीआर पाटिल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सराहना करते हुए कहा कि वे लगातार राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं और दिन-रात जनता के लिए सोचते हैं.
"रात को 2 बजे सोते हैं सीएम भजनलाल"
सीआर पाटिल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सराहना करते हुए कहा कि वे हमेशा राज्य के विकास के लिए काम कर रहे हैं. पाटिल ने बताया कि भजनलाल शर्मा रात-दिन काम करते हैं और उनका संकल्प है कि वे अपने पांच वर्षों के कार्यकाल में हर संकल्प को पूरा करेंगे.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल जी कह रहे थे कि वो 2 बजे सोते हैं और 6 बजे उठ जाते हैं....लेकिन मैंने उनको कई बार देखा है कि उनका दिमाग प्रदेश की जनता के लिए नींद में भी चलता रहता होगा....मोदी साब ने अगर उनका चयन किया है तो परख के ही किया है, जरूर उनमें कुछ बात है"
सीआर पाटिल का खड़गदा में जल संचयन के महत्व पर जोर
वहीं केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सीआर पाटिल ने खड़गदा गांव में जल संचयन के महत्व को लेकर अपना विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि खड़गदा में जनभागीदारी से जिस तरह काम हुआ है, वह देशभर के लिए एक उदाहरण बनेगा। पाटिल ने यह भी कहा कि जब धर्म के साथ कोई काम जुड़ता है तो परिणाम अच्छे ही आते हैं।
PM मोदी का जल संचयन अभियान बना जन आंदोलन
केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी के जल संचयन अभियान को जन आंदोलन करार दिया। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की अपील ने जल संचयन को एक बड़े अभियान में बदल दिया है, जिसका असर देशभर में देखने को मिल रहा है। खड़गदा के नदी कायाकल्प को इसका एक शानदार उदाहरण बताया गया है।
जल संकट से निपटने के लिए गुजरात का मॉडल
सीआर पाटिल ने गुजरात के जल संकट से निपटने का उदाहरण भी दिया, जहां सरदार सरोवर परियोजना के जरिए पानी की किल्लत दूर की गई। उन्होंने बताया कि गुजरात में टैंकरों की आवश्यकता अब समाप्त हो गई है, और यह मोदी सरकार के जल प्रबंधन के प्रयासों का परिणाम है। पाटिल ने कहा कि राजस्थान के लिए जल प्रबंधन के दृष्टिकोण को बेहतर बनाने के लिए नदियों को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
जन भागीदारी से नदी पुनर्जीवन...रोजगार के अवसर
पाटिल ने बताया कि खड़गदा में नदी पुनर्जीवन के साथ-साथ पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी के माध्यम से खड़गदा में नदी कायाकल्प का काम बहुत बड़ा उदाहरण बन चुका है। यह काम भविष्य में अन्य क्षेत्रों में भी किया जाना चाहिए।
राजस्थान में जल संकट से निपटने के लिए केंद्र की योजनाएं
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान के लिए केंद्र सरकार ने 70,000 करोड़ रुपये की परियोजना दी है, जिसमें जल प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इस परियोजना से राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और पानी की कमी का समाधान होगा।
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