HCL Mine Accident: एचसीएल कोलिहान खदान में 18 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन, परत दर परत जानें पूरा घटनाक्रम
HCL Mine Accident: खेतड़ी (नीमकाथाना)। मंगलवार शाम करीब 8.30 बजे राजस्थान में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड की कोलिहान खदान में एक बड़ा हादसा हो गया। यहां कोलकाता से आई विजिलेंस टीम और खेतड़ी कॉपर कॉर्पोरेशन (KCC) के कई बड़े अधिकारी लिफ्ट से खदान में नीचे पहुंचे थे।
यह खदान 1800 फीट से ज्यादा गहरी है। जब अफसर खदान का मुआना कर रात में बाहर निकल रहे थे, तभी माइनस 76 फीट पर लिफ्ट का तार झटके से टूट गया। इस दौरान सभी 15 अधिकारी खदान में फंस गए।
घटना के बाद अफरातफरी मच गई। मामले की जानकारी प्रशासन को दी गई। मंगलवार देर रात रात 12 बजे डॉक्टर्स की टीम को खदान में उतारा गया। इसके बाद खदान के अंदर ही घायलों को मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाने लगा। रात एक बजे डॉक्टर्स की तीसरी टीम खदान में नीचे पहुंची थी।
इस तरह से रात एक बजे तक डॉक्टरों की तीन टीमें खदान में फंसे हुए लोगों तक पहुंच गईं थी। करीब 18 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 14 लोग को जीवित बचा लिया गया जबकि एक अधिकारी की मौत हो गई। लिफ्ट के टूटकर गिरने से तीन अधिकारियों के पैर फ्रेक्चर हुए है जबकि कुछ के हाथ में चोटें आईं। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अंदर फंसे अधिकारियों के परिवार वाले भी मौके पर पहुंच गए जिनको तकनीकी अधिकारी बीच बीच में रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी सारी जानकारी देते रहे।
लापरवाही या हादसा, जांच जरूरी- विधायक
वहीं, खेतड़ी खदान हादसे के बाद मौके पर पहुंचे स्थानीय विधायक धर्मपाल गुर्जर ने स्थानीय प्रशासन और खदान प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। धर्मपाल गुर्जर ने कहा कि संसाधनों की कमी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हुई। विधायक ने कहा कि यह जांच का विषय है कि आखिरकार रेस्क्यू में 15 घंटों से ज्यादा का समय कैसे लगा। धर्मपाल गुर्जर ने कहा कि खदान में भीतर आने-जाने की जो व्यवस्था है और कर्मचारियों की सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। गौरतलब है कि 14 मई की देर शाम एचसीएल माइंस के भीतर केसीसी चीफ समेत कोलकाता से आई विजिलेंस टीम नीचे उतरी थी।
चीफ विजिलेंस ऑफिसर की मौत, KCC अस्पताल में रखवाया शव
राजस्थान की कॉपर सिटी (Copper City) में हुए खदान हादसे (Mine Accident) में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) के चीफ विजिलेंस ऑफिसर उपेंद्र कुमार पांडे (Upendra Kumar Pandey) की मौत हो गई। उनके शव को केसीसी अस्पताल में रखवाया गया। वहीं, घटना में हताहत हुए 14 अन्य अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकालकर जयपुर के मणिपाल हॉस्पिटल (Jaipur Manipal Hospital) में भर्ती कराया गया है। बताते चलें कि मुख्य सतर्कता अधिकारी उपेंद्र पांडे कोलकाता विजिलेंस टीम के साथ आए थे।
उनको बचाने की बहुत कोशिश की गई पर बचाया नहीं जा सका। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की असल वजह सामने आने की बात कही जा रही है। बताया जाता है कि लिफ्ट नीचे गिरने के बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। हालांकि उन्हें ऊपर लाते वक्त ऑक्सीजन भी दी गई लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया उनकी हालत बिगड़ती गई।
खदान से बाहर निकले मजदूरों की जुबानी..
मजदूर विकास ने बताया कि हम लोग 40 मजदूर नीचे काम कर रहे थे। हमें उसी लिफ्ट से वापस आना था जिसका रस्सा टूट गया। इस घटना की वजह से हम लोग भी रात भर खदान के अंदर फंसे रहे। सुबह जब वाहन पहुंचा तब हम लोग बाहर निकल पाए।
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर..
मंगलवार शाम 5 बजे: 15 सदस्यीय विजिलेंस टीम कोलिहान खदान में उतरी।
मंगलवार शाम करीब 8.30 बजे: लिफ्ट का रस्सा टूटा, सभी अधिकारी खदान में नीचे फंसे।
मंगलवार शाम करीब 8.45 बजे: प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई।
मंगलवार रात करीब 9.00 बजे :पहला बचाव दल खदान में उतरा।
मंगलवार रात करीब 10.00 बजे : विधायक धर्मपाल गुर्जर मौके पर पहुंचे।
रात 12 बजे : डॉक्टर्स की टीम को खदान में उतारा गया।
रात 01 बजे: रात एक बजे डॉक्टर्स की एक और टीम खदान में पहुंची।
रात 3 बजे : जयपुर से आई एसडीआरएफ की टीम खदान में उतरी।
बुधवार सुबह 6 बजे: एक वाहन फंसे हुए लोगों को बाहर लाने खदान में भेजा गया।
बुधवार सुबह 7.30 बजे: तीन लोगों एके शर्मा, खदान मैनेजर प्रीतम सिंह, हंसी राम को निकाला।
बुधवार सुबह 9.30 बजे: पांच लोगों को निकाला गया इनमें जेडी गुप्ता, एके. बेरवा, वनेंदू भंडारी, निरंजन साहू, भागीरथ सिंह कुशल शामिल रहे।
बुधवार सुबह 10:30 बजे: दो और लोगों को बाहर निकाला गया।
बुधवार सुबह 11.45 बजे: चार लोगों को खदान से बाहर निकाला गया।
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