Rajasthan By-Election: उपचुनाव में क्या है चौरासी का चक्कर? राजकुमार रोत बचा लेंगे अपनी सीट!
Rajasthan By-Election: (मृदुल पुरोहित)। राजस्थान में विधानसभा की रिक्त हुई सात सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। आगामी 13 नवम्बर को सभी सात सीटों पर विधायक चुनने के लिए वोट डाले जाएंगे। इन सात सीटों में दक्षिणी राजस्थान की चौरासी विधानसभा सीट भी है, जहां से विधायक बने राजकुमार रोत ने लोकसभा चुनाव में जीत कर सभी को चौंका दिया था। अब उपचुनाव की चौसर सज चुकी है, किंतु भारत आदिवासी पार्टी के एकमात्र सांसद रोत राजस्थान को छोडकऱ सुदूर झारखंड, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में पार्टी विस्तार में जुटे हैं। इससे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या राजकुमार अपनी चौरासी सीट पर जीत के प्रति आश्वस्त है?
राजकुमार रोत ने चौरासी सीट से पहले 2018 में भारतीय ट्राइबल पार्टी से चुनाव जीता था। 2023 में विधानसभा चुनाव से दो-ढाई माह पहले भारत आदिवासी पार्टी का गठन किया और इसी पार्टी के बैनर तले चुनाव जीतकर लगातार दूसरी बार विधायक बने थे। विधायक बनने के छह माह बाद ही लोकसभा चुनाव में रोत बीएपी के पहले सांसद चुने गए। उन्होंने दिग्गज आदिवासी नेता महेंद्रजीतसिंह मालवीया को लगभग ढाई लाख मतों के अंतर से पराजित किया।
दक्षिणी राजस्थान में आशातीत सफलता
विधानसभा चुनाव में बीएपी को आशातीत सफलता मिली। चौरासी के साथ ही आसपुर और धरियावद से भी पार्टी के विधायक बने। बागीदौरा सीट पर उपचुनाव में भी पार्टी को जीत मिली। वहीं समीपवर्ती सैलाना सीट से भी पार्टी ने मध्यप्रदेश में खाता खोला। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से पार्टी उत्साहित है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि बीएपी की ब्लॉक स्तरीय बैठकें जरूर की जा रही हैं, किंतु चुनावी सफलता और सांसद रोत की अपनी सीट होने से बीएपी चौरासी सीट पर जीत के प्रति आश्वस्त है।
रोत ने किया तीन राज्यों का दौरा
13 से 15 अक्टूबर तक की तीन दिवसीय झारखंड यात्रा के रोत ने खूंटी, भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातु में उनके परिवार और गांववालों से मुलाकात की। पार्टी विस्तार के तहत झारखंड के कोल्हान चाईबासा में निकाली गई उलगुलान यात्रा में सम्मिलित हुए। साथ ही दावा किया कि आदिवासियों के अधिकार और शोषित-पिछड़ों के लिए संघर्षरत हमारी पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में लोगों ने बीजेपी-कांग्रेस को छोडकऱ भारत आदिवासी पार्टी का दामन थामा। इसके अलावा रोत ने सितंबर में महाराष्ट्र के जलगांव में आदिवासी सत्ता संपादन परिषद के कार्यक्रम में तथा छत्तीसगढ़ के कांकेर और कोंडागांव में हुए कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
गठबंधन पर असमंजस बरकरार
लोकसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन था, किंतु इसके बाद दोनों दलों में दूरियां आ चुकी हैं। दोनों दलों के पदाधिकारी यह कहने से नहीं चूक रहे कि वे उपचुनाव में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी कह चुके कि गठबंधन लोकसभा चुनाव तक था। ऐसे में दोनों दलों के बीच उपचुनाव के पहले तक क्या समीकरण बैठेगा, यह भविष्य के गर्भ में है। गौरतलब है कि चौरासी सीट पर उप चुनाव के लिए भाजपा से पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा, कांग्रेस से पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा और बीएपी से पोपट खोखरिया का नाम सबसे आगे है। अब यह देखना है कि तीनों ही दल किसके नाम पर मुहर लगाते हैं।
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