चित्तौड़गढ़ पुलिस का दरियादिल चेहरा, 7 दिन में ढूंढा चोरी हुआ मासूम...मां बीनती है गलियों में कचरा
Chittorgarh News: आपने सुना होगा कि पुलिस की कार्यशैली पर अक्सर सवाल खड़े होते हैं, पुलिस के रवैए को लेकर कई तरह की चर्चा होती है जहां पुलिस के सख्त रूख से हर कोई वाकिफ है लेकिन पुलिस कर्मियों का दरियादिल अंदाज बहुत कम देखने को मिलता है। आज हम आपको ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जहां चित्तौड़गढ़ कोतवाली पुलिस ने एक मां के चोरी हुए मासूम को 7 दिन बाद खोजकर फिर से उसके हवाले कर दिया जिसकी अब हर तरफ तारीफ हो रही है. ये कहानी खास इसलिए भी हो जाती है क्योंकि चोरी हुए बच्चे की मां कचरा बीनने का काम करती है ऐसे में उसकी शिकायत पर पुलिस ने जो फुर्ती दिखाई वो पुलिस महकमे का एक अलग चेहरा दिखाती है।
दरअसल शहर के पन्नाधाय बस स्टैण्ड से 5 दिन पहले कचरा बीनने का काम करने वाली मीरा नामक महिला रात में खुले आसमान के नीचे एक ढेले पर अपने दो साल के मासूम राज को सीने से लगाकर सो रही थी जहां आधी रात में एक महिला ने अपने बेटे के साथ मासूम का अपहरण करने की ताक में बैठे थी औऱ जिसने मौका लगते ही मीरा के लाल राज को धीरे से चुरा कर मौके से फरार हो गई। वहीं अल सवेरे जब मां की आंख खुली तो बेटे को नहीं पाकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. मीरा ने आस-पास सो रहे लोगों को जगाकर बच्चें की तलाश की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला।
मीरा ने लगाई पुलिस थाने में गुहार
वहीं काफी देर तलाशने के बाद मीरा ने कोतवाली पुलिस के दर बच्चा ढूंढने की गुहार लगाई। बस फिर क्या था, पुलिस ने भी मां के दर्द को देखते हुए पूरी शिद्दत के साथ मासूम राज की तलाशी शुरू कर दी। पुलिस टीम ने सैकड़ों कच्ची बस्तियों में दिन रात तलाशी करते हुए आखिरकार अपहरणकर्ताओं के चंगुल से राज को ढूंढ निकालने के साथ ही आरोपियों को भी धर दबोचा।
इधर अपने लाल के मिल जाने के बाद मां मीरा जब कोतवाली पहुंची और अपने बच्चे को देखकर मां के आंसू छलक उठे और वहीं राज भी अपनी मां को देखकर खुशी से उछलकूद करने लगा। मां ने पुलिस टीम को दिल से दुआं देते हुए उसके बच्चे को ढूंढने पर सभी का अभिवादन किया।
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