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Chittorgarh News: जिले के इस झरने पर पिकनिक मनाने गए 53 पर्यटकों को पड़े जान के लाले, तेज बारिश से बरसाती नाला आया उफान पर, SDRF ने किया रेस्क्यू

Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़। प्रदेश में आसमान से आफत की बारिश बरस रही है। कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए है। नदी-नाले और बांध उफान पर चल रहे है। प्रदेश के चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा...
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Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़। प्रदेश में आसमान से आफत की बारिश बरस रही है। कई जिलों में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए है। नदी-नाले और बांध उफान पर चल रहे है। प्रदेश के चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में तेज बारिश के कारण बरसाती नाला उफान पर आ गया। 15 अगस्त की छुट्टी होने के कारण रावतभाटा के पाड़ाझर झरने पर पिकनिक मानाने गए 53 लोग जंगल में नदी और नाले के बीच में फंस गए। यहां दो पंचायतों के 20 गांव टापू बन गए है। जंगल में फंसे लोगों को निकालने के लिए गुरुवार रात को एसडीआरएफ की टीम पहुंची लेकिन बारिश और बरसाती नाले के तेज बहाव के कारण रेस्क्यू शुरू नहीं कर पाई। बाद में शुक्रवार सुबह एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान शुरू किया और करीब सुबह 10.30 बजे तक सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

कीचड़ में फंसी एसडीआरएफ की बस

बता दें कि पाड़ाझर जंगल के सभी रास्ते कच्चे है और इन दिनों हो रही बारिश के कारण रास्तों पर कीचड़ हो गया है, जिससे वे बंद हो गए है। जंगल में इन रास्तों पर पर्यटकों के वाहन खड़े नजर आए। जंगल में 53 लोगों के फंसे होने की सूचना प्रशासन को दी गई। मौके पर प्रशासन पहुंचा और करीब रात 10 बजे एसडीआरएफ की टीम को मौके पर बुलाया। लेकिन रास्ते में कीचड़ होने पर टीम की बस फंस गई। गुरुवार रात को बारिश, अंधेरा और नाले का तेज बहाव होने के कारण एसडीआरएफ ने रेस्क्यू अभियान शुरू नहीं किया।

बड़ी संख्या में झरने पर पहुंचे पर्यटक

बता दें कि पाड़ाझर झरना इलाके का पिकनिक स्पॉट है। यहां पर बड़ी संख्या में पर्यटक आते है। लेकिन गुरुवार को तेज बारिश के कारण हालात बिगड़ गए और इससे पाड़ाझर झरने में गिरने वाला नाला उफान पर आ गया। जिसके कारण जंगल से निकलने वाले सभी रास्ते बंद हो गए और करीब 53 पर्यटक फंस गए। इसके बाद प्रशासन को घटना की जानकारी दी गई।

अंधरे के कारण रात में शुरू नहीं हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन बरसाती नाले के उफान पर आने के कारण पर्यटकों तक पहुंचना मुश्किल हो गया। इसके बाद प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद से पर्यटकों को पाड़ाझर झरने के नजदीक शिव मंदिर और लुहारिया गांव के सरकारी स्कूल में ठहराया। ग्रामीणों ने पर्यटकों के लिए खाने पीने का इंतजाम किया। सूचान मिलने पर रात करीब 10 बजे एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। लेकिन रात में अंधेरा और नाले का तेज बहाव के कारण रेस्क्यू अभियान शुरू नहीं हो सका। बाद में शुक्रवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और सभी पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

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