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Bundi: रामगढ़ अभयारण्य में बिना रेडियो कॉलर के दिखा टाइगर RVT-1, ट्रैकिंग-मॉनिटरिंग पर उठे गंभीर सवाल!

टाइगर RVT-1 के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं लेकिन इस टाइगर के रेडियो कॉलर नहीं होने के चलते विभाग के सामने इसकी ट्रैकिंग सबसे बड़ी समस्या बन गई है।
11:06 AM Feb 05, 2025 IST | Rajasthan First

Ramgarh Sanctuary Tiger Reserve: राजस्थान के चौथे टाइगर रिजर्व रामगढ़ अभयारण्य में पिछले दिनों टाइगर फाइटिंग में हुई बाघ की मौत मामले में दूसरे टाइगर RVT-1 के भी घायल होने की खबर से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। टाइगर RVT-1 के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। लेकिन इस टाइगर के रेडियो कॉलर नहीं होने के चलते विभाग को इसकी ट्रैकिंग सबसे बड़ी समस्या बन गई है।

ऐसे में वन विभाग ने घायल टाइगर की लगातार हो रही टेरिटोरियल मूवमेंट पर नजर रखने के लिए कैमरो की संख्या बढ़ा दी है। विभाग के अधिकारियों का मानना हैं कि हाल हो में लगाए गए कैमरों में घायल टाइगर RVT-1 की हर गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी।

इस मामले में डीसीएफ अरविंद कुमार झा ने बताया कि कैमरे में घायल टाइगर शिकार करते कैद हुआ है। जबकि दूसरे कैमरे में बाघ जाता हुआ दिखाई दे रहा है। वन विभाग के अधिकारी लगातार घायल टाइगर की मॉनिटरिंग करने में लगे हुए हैं।

टाइगर RVT-1 को कैसे मिले समय से उपचार?

वन विभाग के सूत्र बताते हैं कि घायल टाइगर के यदि चोट अधिक है तो उसे ट्रेंकुलाइज करने के बाद ही मेडिकल रिलीफ दी जा सकेगी। ट्रेंकुलाइज का फैसला राज्य स्तर पर होगा। लेकिन RVT 1 के घायल होने की खबर ने फिर से वन विभाग और वन्य जीव प्रेमियों को चिंता में डाल दिया है। वन विभाग यह भी मान रहा है कि दोनों टाइगरों में जबरदस्त फाइटिंग हुई थी जिसके चलते एक टाइगर की मौत हो गई थी।

ऐसे में दूसरे टाइगर के भी घाव गहरे और अधिक हो सकते हैं? गौरतलब है कि 31 जनवरी को रामगढ़ अभयारण्य के नन्द भैरोपुर इलाके में दो टाइगरों की फाइटिंग में सरिस्का से लाए गए टाइगर RVT 4 की मौत हो गई थी। जबकि फाइटिंग करने वाले टाइगर को भी वन विभाग की टीम लगातार घायल होने की आशंका के चलते तलाशने में जुटी हुई थीं।

यहां यह भी बताते चले की घायल बाघ रणथंभौर से खुद ब खुद बूंदी के रामगढ़ अभ्यारण में चलता हुआ आया था और पिछले 3 सालों से रामगढ़ अभ्यारण में विचरण कर रहा है। इस बाघ को कोई रेडियो कॉलर भी नहीं है।

क्या बोले डीसीएफ?

डीसीएफ अरविंद कुमार झा ने बताया कि जैसा कि रामगढ़ विषधारी टाईगर रिजर्व में हरियाणा के रेवाड़ी वन मण्डल के आबुआ वनक्षेत्र से एक नर बाघ ST-2303 को रेस्क्यू कर यहां स्थानान्तरित किया गया था। जिसको पूर्व में विचरण कर रहे नर बाघ RVT-1 के साथ आपसी संघर्ष में नर बाघ RVT-4 की मौत हो गई थी।

इस घटना के उपरान्त लगातार सभी वन्यजीव प्रेमियों के द्वारा यह कयास लगाये जा रहे थे कि इन दोनों बाघों के आपसी संघर्ष में नर बाघ RVT-4 की तो मृत्यु हो गई है, लेकिन इस संघर्ष में RVT-1 के घायल होने की संभावना से इंनकार नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त पूर्व से ही टाईगर रिजर्व में उपयोग किये जा रहे कैमरा ट्रेप की लोकेशन को परिवर्तित कर RVT-1 के संभावित विचरण करने वाले वनक्षेत्रों में स्थापित किया गया है एवं कुछ और कैमरा ट्रेप को स्थापित करने की प्रक्रिया की गई है।

इस प्रक्रिया में स्थापित किये गये कैमरों की आसपास की रिडिंग ले ली जाती है। इसके साथ-साथ अतिरिक्त लगाये गये कैमरों ट्रेप से फोटोग्राफ्स लेने के मोड को विडियों मोड में लगाया गया है। जिससे कि RVT-1 के फोटोग्राफ्स कुछ अधिक समय के लिये कैप्चर किये जा सकें। जिससे उसके घायल होने के प्रमाणिक साक्ष्य प्राप्त हो सकें। इसके साथ-साथ ही इस बाघ के संभावित विचरण क्षेत्र में कार्यरत वनकर्मियों द्वारा उक्त नर बाघ के पगमार्क, स्केट, किल, पेडों पर बाघ द्वारा किये गये नाखूनों से खरोंच आदि के साक्ष्य भी एकत्रित करने की प्रकिया की जा रही है।

- (बूंदी से रियाजुल हुसैन की रिपोर्ट)

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