Bundi News: मुक्ति धाम में बारिश से बचने का नहीं कोई इंतजाम, लोग तिरपाल लगाकर दाह संस्कार करने को मजबूर
Bundi News: बूंदी। राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पंचायतों के माध्यम से विकास कार्यों के सरकारी दावे फेल नजर आ रहे हैं। बारिश का मौसम है और ऐसे में गांव का रास्ता कीचड़ भरा हो जाने से कई तरह की परेशानियां भी सामने आने लगती हैं।
यहां एक महिला की अर्थी को कीचड़ भरी राह से बड़ी मुश्किल से श्मशान तक लेकर जाना पड़ा। जब श्मशान पर दाह संस्कार की तैयारियां हो रही थी तभी तेज बारिश होने लगी। खुले आसमान के नीचे रखी डेड बॉडी को भीगने से बचाने के लिए परिजनों की चिंता और भी बढ़ गई।
श्मशान घाट पर ना तो कोई शव दाह बना है और ना ही कोई प्लेटफार्म। बारिश में भीगते लोगों को जैसे-तैसे दाह संस्कार के वक्त तिरपाल पकड़ कर खड़े रहना पड़ा। ग्रामीणों ने बताया कि झपायता गांव में मुक्ति धाम पर सुविधाओं का अभाव होने से तिरपाल लगा कर दाह संस्कार करना पड़ रहा है। (Bundi News)
75 वर्षीय बुजुर्ग महिला की हुई थी मौत
जानकारी के अनुसार, झपायता गांव में बुजुर्ग महिला धापू बाई की 75 वर्ष की आयु में गुरुवार को सुबह मृत्यु हो गई थी। वहीं, क्षेत्र में लगातार बरसात होने से मुक्तिधाम पर प्लेटफार्म और टीनशेड नही होने से अब दाह संस्कार के लिये शोकाकुल परिवार के लोगों को दाह संस्कार के लिए करीब 5 घंटे बरसात के रुकने इंतजार करना पड़ा। (Bundi News)
ग्रामीण बताते है कि दोपहर तीन बजे जब बरसात धीमी हुई तो परिजन शवयात्रा लेकर मुक्तिधाम के लिये रवाना हुए। करीब 1 किलोमीटर लंबे कीचड़ भरे रास्ते से होकर चंबल नदी के किनारे श्मशान पर प्लेटफार्म और टिनशेड नहीं होने से एक टीले पर तिरपाल लगा कर दाह संस्कार करना पड़ा। (Bundi News)
अभी तक नहीं हुआ कोई विकास
गांव के लोगों ने बताया कि आजादी के बाद से अब तक गांव में कोई विकास नहीं हो पाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन को इस समस्या से अवगत करवाया जा चुका है। (Bundi News)
लेकिन, आज तक कोई श्मशान में ना तो प्लेटफार्म और ना ही टिनशेड का निर्माण हो पाया। मामले में जब घाट का बराना के सरपंच कृष्ण मुरारी लाल मीणा से जानकारी ली तो उनका कहना था कि झपायता ग़ांव में मुक्तिधाम के विकास के लिये सांसद कोष से पांच लाख रुपए की राशि स्वीकृत हो चुकी है।
निर्माण के लिए स्वीकृति मिलते ही टीनशेड व अन्य सुविधाओं के लिये कार्य शुरू कर दिया जाएगा। मुक्ति धाम के रास्ते में कीचड़ निपटान के लिए ग्रेवल डलवाने की बात कही। (Bundi News)
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