Bundi News: मजबूरी की पुलिया और बेबस जनता! बोरदा गांव में बारिश बहा ले गई पुलिया...ग्रामीण जान हथेली पर लेकर पार कर रहे नदी
Bundi News: रियाजुल हुसैन। बून्दी जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर आकोदा पंचायत के बोरदा गांव में 14 दिन पहले जोरदार बारिश हुई थी, जिसकी वजह से यहां कि पुलिया टूट गई थी। ग्रामीणों (Bundi News) ने टूटी पुलिया पर मोटी लकड़ियां रखकर रास्ता बनाया और खेतों में जाने लगे। इस दौरान लकड़ी टूट जाए या फिर पैर फिसल जाए तो जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि बांध में पानी की आवक है, ऐसे में नाले में भी तेज बहाव से पानी आता है।
#Bundi :- बोरदा गांव में बारिश में बह गई पुलिया, जान जोखिम में डालकर लकड़ियों पर होकर निकल रहे ग्रामीण
ये विजुअल बून्दी जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर आकोदा पंचायत के बोरदा गांव के हैं। जोरदार बारिश से 14 दिन पहले यहां पुलिया टूट गई थी। ग्रामीणों ने टूटी पुलिया पर मोटी लकड़ियां… pic.twitter.com/aBnRRFdTgd
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) August 29, 2024
भगवान का नाम लेकर पार करते हैं पुलिया
गांव की कांता बाई, सोहनी बाई ने बताया कि जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे, कब तक घर पर बैठे रहेंगे। खेतों में नीलगाय और बेसहारा गोवंश नुकसान करते हैं। मजबूरी में रखवाली और जानवरों के लिए चारा लेने तो जाना ही पड़ता है। पुलिया पर निकलने के दौरान 30 से 40 सैकंड तो सांसें रुक जाती हैं, भगवान का नाम ले लेकर पुल पार करते हैं। गांव के उदयलाल गुर्जर ने बताया कि 4 साल पहले बांध का निर्माण हुआ था। इसके बाद ग्रामीणों की मांग पर सिंचाई विभाग ने 2 साल पहले पुलिया बनाई थी। पिछली बरसात में ही क्षतिग्रस्त हो गई थी। पिछले दिनों आई तेज बारिश में यह बह गई। कोई जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। खेतों में जाने के लिए यही रास्ता है। मना करने के बाद भी लोग जान जोखिम में डालकर फसलों को बचाने के लिए पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों की है। पुलिया की मरम्मत के लिए सरपंच व अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
2 साल पहले ही बनी थी पुलिया, अधिकारी बोले ठेकेदार को नोटिस दिया
जानकार ने बताया कि गांव में 200 घरों की बस्ती है। 90 प्रतिशत खेत भी इसी मार्ग पर हैं। खरीदारी के लिए भी ग्रामीण दबलाना जाते हैं। जिनके पास वाहन है, वह तो बोरदा गांव से 22 किलोमीटर का चक्कर लगाते हुए आकोदा, अलोद, दबलाना रोड होते हुए खेतों में पहुंच रहे हैं। अगर पुलिया सही हो जाए तो दबलाना केवल 6-7 किलोमीटर ही पड़ता है। गांव में 4 साल पहले बांध बना था, इसके बाद ग्रामीणों की मांग पर बांध के पास रास्ते में 2 साल पहले पुलिया का निर्माण हुआ था। 15 अगस्त को तीन-चार घंटे लगातार बारिश के बाद पानी के तेज बहाव में पुलिया का 4 फीट का हिस्सा बह गया। ताज्जुब की बात यह है कि 14 दिन पुलिया को टूटे हुए हो गए, लेकिन एक भी जिम्मेदार अधिकारी नहीं पहुंचा। जल संसाधन विभाग के एक्सईएन आरके पाटनी ने बताया कि ठेकेदार ने पुलिया निर्माण का काम पूरा नहीं किया। काम पूरा करने के लिए कई बार उसको नोटिस भी दिए हैं। जो हिस्सा बारिश में टूटा है, उसकी जल्द मरम्मत करवाकर ग्रामीणों को राहत दी जाएगी।
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