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जंगल में कानून नहीं, सिर्फ हिंसा! वन विभाग की टीम पर जानलेवा हमला, माफिया की दहशत

बूंदी जिले के वन क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई और अवैध खनन के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
03:06 PM Mar 04, 2025 IST | Rajesh Singhal

Bundi News: बूंदी जिले के वन क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई और अवैध खनन के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इन्हें वन विभाग के कर्मचारी रोकते है तो उनके जान के लाले पड़ते नजर आते है। ऐसा ही एक मामला मायजा नाके के पास का सामने आया। जहा अवैध पेड़ो की कटाई और मिट्टी खनन रोकने गई वन विभाग की टीम पर दो दर्जन से अधिक हथियारों, लाठियों से लेस होकर आए खनन कर्ताओं ने हमला कर दिया। (Bundi News)हमले में वन विभाग के रेंजर सहित 6 कर्मचारी घायल हो गए।

मामले की सूचना पर रायथल पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायल वन कर्मियों के बयान लेकर हमलावरों के विरुद्ध राजकार्यों में बाधा और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। राजस्थान के राजसमंद जिले में हुई रेंजर की हत्या के बाद बूंदी में हुए वन विभाग की टीम पर हमले के मामले से वन विभाग में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

गश्त पर थे रेंजर...वनकर्मी

डीएफओ देवेंद्र भाटी ने बताया कि बूंदी के क्षेत्रीय वन अधिकारी बलराम गोचर, गुढ़ानाथावतान नाका प्रभारी श्योजी लाल चौहान, मायजा नाका प्रभारी रमेश मीणा, वन रक्षक संजू मीणा, पूजा बिश्नोई व गंगा देवी राजकीय वाहन से नाका मायजा के वनखण्ड केसरपुरा में गश्त के लिए गए थे। जहां वन क्षेत्र में अवैध रूप से कार्य कर रही एक जेसीबी, दो ट्रैक्टर व कुट्टी मशीन जप्त की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। इसके बाद वनकर्मी जब्तशुदा मशीनरी को लेकर बूंदी के लिए रवाना हुए। इसी दौरान दो दर्जन खनन कर्ताओं ने वनकर्मियों को घेर लिया और मारपीट करने लगे। ग्रामीणों ने लाठी डंडों व पत्थरों से वनकर्मियों के पर हमला कर दिया।

मारपीट में सभी वनकर्मियों को चोटें आई है। घटना में एक फोरेस्टर का हाथ टूट गया। हमलावरों ने राजकीय वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। घायल वनकर्मियों का बूंदी के सामान्य चिकित्सालय में प्राथमिक उपचार कर मेडिकल करवाया है। घटना को लेकर वनकर्मियों व वन्यजीव प्रेमियों में रोष व्याप्त है। गौरतलब है कि यह वनखण्ड रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र से विस्थापन्न होने वाले गांवों को बसाने के लिए किए जाने की योजना है। लोग यहां से चोरी छिपे विलायती बंबूल की कुट्टी बनाकर बेचने का धंधा कर रहे है। इन दिनों जिले में कई जगह इस तरह विलायती बम्बूल निकालने की सूचना आ रही है।

 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज

वन कर्मियों पर हमले के मामले में रायथल थाना पुलिस ने 8 नामजद और 10 से 12 लोगों के खिलाफ राज कार्य में बाधा उत्पन्न करने, सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाने, जप्त शुदा वाहनों को हथियारों के दम पर छुड़ा ले जाने सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि हमले में घायल वन कर्मियों का मेडिकल करवाया गया है। साथ ही मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।

जिले में कुट्टी का अवैध कारोबार

जानकारी के अनुसार बूंदी जिले में बड़ी संख्या में पेड़ों को अवैध खनन कर्ताओं द्वारा काटा जाता है और मौके पर ही मशीन लगाकर उन पेड़ो का कुट्टी मशीन के माध्यम से कुट्टी की जाती है। या यूं कहें की लकड़ी के छोटे-छोटे अंश किए जाते हैं जो बाद में आगे जाकर कोयले का रूप ले लेते हैं। कुट्टी मूल रूप से कोयला बनाने के लिए ही उपयोग में ली जाती है। बूंदी जिले के कापरेन, केशोरायपाटन, लाखेरी, मायजा इलाके में बड़ी संख्या में विदेशी बम्बुल होने के चलते इसके जंगलों को खनन माफिया बड़ी तेजी से साफ कर रहे हैं और कुट्टी मशीन में पेड़ों की कटाई कर अवैध खनन किया जा रहा है। यही कारण रहा कि वन विभाग की टीम इन माफिया पर कार्रवाई करने के लिए पहुंची तो माफियाओं ने हमला कर दिया।

(बूंदी से रियाजुल हुसैन की रिपोर्ट)

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