राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

Bundi: चंबल नदी में जल सत्याग्रह! किसानों ने क्यों किया ठंडे पानी में संघर्ष? जानिए पूरी कहानी

Bundi News: (रियाजुल हुसैन)। केशवरायपाटन में किसानों और युवाओं ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया, जब उन्होंने शुगर मिल के पुनः संचालन और विद्युत व्यवस्था को निजी हाथों में देने के खिलाफ आवाज उठाई। चम्बल नदी में जल सत्याग्रह कर...
08:32 PM Dec 30, 2024 IST | Rajesh Singhal

Bundi News: (रियाजुल हुसैन)। केशवरायपाटन में किसानों और युवाओं ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया, जब उन्होंने शुगर मिल के पुनः संचालन और विद्युत व्यवस्था को निजी हाथों में देने के खिलाफ आवाज उठाई। चम्बल नदी में जल सत्याग्रह कर वे अपनी आवाज को बुलंद कर रहे थे, और उनका संकल्प था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे नहीं हटेंगे। किसान नेता और युवा प्रतिनिधियों ने मिलकर इस आंदोलन को न केवल अपने अधिकारों की लड़ाई बताया, बल्कि इसे क्षेत्र के भविष्य के लिए भी अहम करार दियारियाजुल हुसैन।

किसान... युवाओं का उग्र प्रदर्शन

सोमवार को किसानों और युवाओं ने केशवरायपाटन शुगर मिल के पुनः संचालन और विद्युत व्यवस्था को निजी हाथों में देने के विरोध में उग्र प्रदर्शन किया। किसानों ने शुगर मिल में एकत्रित होकर रैली निकाली और चम्बल नदी तक पहुंचे, जहां उन्होंने जल सत्याग्रह किया।

किसान नेताओं का संबोधन

किसान नेता दशरथ कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं, बल्कि गलत नीतियों के खिलाफ है, जो किसानों को नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहा कि शुगर मिल इस क्षेत्र के किसानों के भविष्य से जुड़ी है, जिसके लिए किसान अंतिम सांस तक लड़ेंगे। किसान नेता हरजिंदर सिंह हरिशंकर नागर ने विद्युत विभाग के निजीकरण का विरोध करते हुए कहा कि इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

युवाओं का संकल्प

युवा किसान नेता गिर्राज गौतम ने कहा कि क्षेत्र के किसानों को कमजोर समझने वाले अपनी आंखें और कान खोल लें, क्योंकि अब किसान और युवा अपनी लड़ाई के लिए संकल्पित हो चुके हैं। गौतम ने चेतावनी दी कि यदि 7 दिनों में माधोराजपुरा ग्रिड को हेम मॉडल से बाहर कर पुरानी व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई, तो डिस्कॉम ऑफिस पर ताला लगा कर धरना दिया जाएगा और गांवों में कर्मचारियों को घुसने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई बड़ी घटना घटती है तो जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

सरकार से वार्ता की मांग

किसान नेताओं ने सरकार से 1 महीने के भीतर शुगर मिल के मामले में सकारात्मक पहल की उम्मीद जताई, अन्यथा एक बड़ा जन आंदोलन करने की चेतावनी दी। जल सत्याग्रह के दौरान पूर्व सरपंच राम गोपाल मीणा, किसान नेता हरी शंकर नागर, पुष्पचंद गुर्जर, राधेश्याम मीणा, रामस्वरूप पहाड़, राजेंद्र मीणा, भेरू लाल मीणा, गारी शंकर मीणा, मोहन लाल नागर, जगदीश शर्मा, बद्री लाल बैरागी, विजेंदर सिंह, दिनेश नागर, नवीन गुर्जर, नरेंद्र धाबाई, चंद्र प्रकाश गुर्जर, चंद्र कैलाश नागर समेत कई अन्य नेताओं ने किसानों को संबोधित किया।

यह भी पढ़ें: राजस्थान में विरोध की लहर! सांचोर में 'महापड़ाव' और ट्रेन रोकने की चेतावनी; जानें क्यों

यह भी पढ़ें: तबादलों पर से रोक हटी, भजनलाल सरकार ने लिया बड़ा फैसला, लेकिन ये पेंच मुश्किल बन गया

Tags :
Jal Satyagraha BundiSugar Mill ControversySugar Mill Operationकिसान आंदोलनकिसान आंदोलन बूंदीचंबल जल सत्याग्रहबूंदी समाचारबूंदी समाचार अपडेटबूंदी समाचार हिंदीशुगर मिल संचालन
Next Article