"बिजली संकट के लिए गहलोत सरकार जिम्मेदार..." ऊर्जा मंत्री नागर बोले- 139 लाख करोड़ का कर्ज छोड़कर गई कांग्रेस
Energy Minister Heeralal Nagar : राजस्थान में बिजली संकट के लिए बीजेपी और कांग्रेसी नेताओं के बीच बयानबाजी चलती रहती है जहां भजनलाल सरकार के मंत्री पिछली सरकार को घेरते रहते हैं वहीं कांग्रेसी नेता इसमें वर्तमान सरकार का लचर रवैया वजह बताते हैं. हाल में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने राजस्थान फर्स्ट से खास बातचीत करते हुए प्रदेश उत्पन्न बिजली संकट के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. मंत्री ने आरोप लगाया कि जिस तरह का बिजली तंत्र पिछली कांग्रेस सरकार ने छोड़ा है उसे ठीक करने में थोड़ा समय लग रहा है, हम धीरे-धीरे इसमें सुधार कर रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने पिछले 5 साल में हमारे यहां उत्पादन के जो संयंत्र लगाने थे वह नहीं लगाए जिसके कारण ही बिजली की कमी है. मंत्री ने बताया कि प्रसारण की जो लाइनें विकसित करनी थी, जो 132,200 और 400 केवी के जीएसएस स्थापित करने थे वो तत्कालीन सरकार नहीं कर पाई. ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि यही कारण है कि वर्तमान समय में हम जनता को बेहतर तरीके से विद्युत सप्लाई नहीं पहुंच पा रहे हैं.
ऊर्जा मंत्री Heeralal Nagar ने #Rajasthanfirst से खास बातचीत करते हुए प्रदेश में उत्पन्न बिजली संकट के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया...
मंत्री ने आरोप लगाया कि जिस तरह का बिजली तंत्र पिछली #Congress सरकार ने छोड़ा है उसे ठीक करने में थोड़ा समय लग रहा है, हम… pic.twitter.com/VHer4oE4D2— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) June 30, 2024
"हमें मिला 139 लाख करोड़ का कर्ज"
नागर ने कहा कि तत्कालीन सरकार के समय 33केवी के नए जीएसएस भी लगे थे, लाइनों का सुदृढ़ीकरण करवाना था लेकिन उन्होंने कुछ काम नहीं करवाया. इसके अलावा सिंगल फेस की लाइन अलग से डलवानी थी, एग्रीकल्चर के लिए काम करने थे लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार कुछ नहीं कर पाई. मंत्री ने बताया कि यही कारण है कि वर्तमान समय में लोगों के सामने बिजली की समस्या उत्पन्न हो रही है.
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नगर से वर्तमान समय में ट्रांसफार्मर की उपलब्धता को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि निश्चित रूप से हमारे पास ट्रांसफार्मर नहीं है, तत्कालीन सरकार ने कोई बजट नहीं रखा, वह केवल यह फ्री दे दो, वह फ्री दे दो पर ही विश्वास करते रहे। ऊर्जा मंत्री ने आगे बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार विद्युत विभाग पर 139 लाख करोड़ का कर्ज छोड़कर गई है। आखिर कैसे बजट आएगा? कैसे व्यवस्था बैठेगी? फिर भी हमनें इस भीषण गर्मी में भी कांग्रेस सरकार के 5 सालों से बेहतर बिजली देने का काम किया है.
ऊर्जा मंत्री नागर से वर्तमान समय में हिंडोली में विद्युत डीपी मिलने और बूंदी और केशोरायपाटन में डीपी उपलब्ध नहीं होने के पूछे गए सवाल पर भी उनके निशाने पर तत्कालीन सरकारी रही। मंत्री ने बताया कि इसके लिए भी पिछली सरकार ही जिम्मेदार है. उन्होंने बिना सोचे समझे 2022 तक के कनेक्शन निकाल दिए, अब हम इसके लिए खंभे कहां से लाए? तार कहां से लाएंगे? ट्रांसफार्मर कहां से लाएंगे? बजट कहां से आएगा। वहीं ऊर्जा मंत्री ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि अब हम इसकी व्यवस्था कर रहे हैं, ला रहे हैं लेकिन इन सब में समय लगेगा, इन्होंने जो सिस्टम को बिगाड़ा है उसको ठीक करने में निश्चित रूप से समय लग रहा है जिसको धीरे-धीरे हम ठीक कर देंगे.
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