बूंदी में रक्षाबंधन के दिन घर आया कपड़े में लिपटा युवक का शव, भाई की कलाई पर राखी बांधने के इंतजार में थी बहनें...घर में पसरा मातम
Bundi Bhimlat Waterfall: (रियाजुल हुसैन) बूंदी जिले में रक्षाबंधन के दिन एक दर्दनाक खबर सामने आई है जहां पिकनिक स्थल भीमलत महादेव के झरने में दो दिन पहले पैर फिसलने से कई फीट की ऊंचाई से नीचे गिरे युवक के शव को सोमवार सुबह एसडीआरएफ और पुलिस के करीब 48 घण्टे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कुंड से निकाला है. युवक शनिवार सुबह झरने के ऊपर से पैर फिसलने से कुंड में गिर गया था। युवक की तलाश के लिए एसडीआरएफ और पुलिस ने सयुक्त ऑपरेशन चलाकर शव बरामद कर लिया है।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर हॉस्पिटल की मोर्चरी में परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम करवाकर उन्हें सौंप दिया है। मृतक युवक लाखा की झोपड़ियां निवासी दीपू कुमार मीणा था जो एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता था. इधर मृतक के परिजनों को सूचना मिलते ही घर पर मातम पसर गया जहां आज राखी के दिन मृतक की दो बहनें भाई को राखी बांधने के लिए पीहर आई हुई थी लेकिन अचानक शनिवार को आए पुलिस के कॉल ने उनकी सांसें थाम दी जिसके बाद सोमवार को यह दु:खद समाचार परिजनों को मिला.
48 घण्टे चला रेस्क्यू ऑपरेशन में मिली सफलता
बता दें कि शनिवार सुबह भीमलत झरने से किसी के नीचे कुंड में गिरने की सूचना पुलिस को मिली थी। युवक के गिरने की सूचना पर सदर थाना पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुँची और युवक की तलाशी के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। सदर थानाधिकारी भगवान सहाय मीणा ने बताया कि झरने से नीचे कुंड में किसी के गिरने की सूचना पर मौके पर पहुंचे थे। झरने के ऊपर एक बैग,मोबाइल, गाड़ी की चाबी, जूते मिले थे। बैग में मिले एक फार्म पर मंगाल पंचायत के लाखा की झोपड़ियां निवासी दीपू कुमार मीणा पुत्र बिरधी लाल मीणा भरा हुआ है जिसमें फ़ोटो भी लगा था.
इसी के आधार पर युवक की शिनाख्त हुई थी। बाद में एसडीआरएफ और सदर थाना पुलिस ने कुंड में युवक की तलाशी के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था। हालांकि शनिवार दोपहर और रविवार के पूरे दिन तक रेस्क्यू टीम को शव नहीं मिला था। हालांकि सोमवार सुबह 7 बजे एक बार फिर से ऑपरेशन शुरू हुआ और आधे घंटे के बाद ही गोताखोरों ने नीचे चट्टानों में फंसे शव को बाहर निकाला। पुलिस ने शव का जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
ऊपर से पानी गिरने से गोताखोरों को हो रही थी परेशानी
एसडीआरएफ के इंचार्ज गोपाल सिंह ने बताया कि युवक के कुंड में गिरने की सूचना के बाद ही वह टीम के साथ मौके पर पहुंच गए थे और रेस्क्यू ऑपरेशन भी शुरू कर दिया था। हालांकि कुंड में झरने से लगातार तेज गति से पानी गिरने से गोताखोरों को परेशानी हो रही थी। उन्होंने बताया कि तेज पानी गिरने से गोताखोरों को पानी का दबाव वापस ऊपर की ओर धकेल रहा था। आज झरने का प्रभाव कम हुआ तो गोताखोरों को कुंड की गहराई से शव की तलाशी में कोई दिक्कत नहीं आई और आधे घंटे में ही सफलता मिल गई.
शव देख परिजनों की फुट पड़ी रुलाई
वहीं घटना स्थल पर पिछले दो दिनों से एसडीआरएफ और पुलिस के रेस्क्यू ऑपरेशन के समय मौजूद मृतक युवक दीपू के परिजनों का कुंड से शव निकालने के दौरान आंखें नम हो गई। वहां मौजूद परिजनों और रिश्तेदारों की रुलाई फूट पड़ी। रिश्तेदारों का कहना था कि दीपू काफी समझदार और मिलनसार था और कम उम्र में ही अपनी काबिलियत से प्राइवेट कम्पनी में नौकरी करने लगा था.
भाई के राखी बांधने ससुराल से पीहर आई थी बड़ी बहनें
इधर भीमलत झरने में अकाल मौत का शिकार हुआ दीपू के परिजनों को इस तरह के हादसे की सूचना मिलेगी किसी ने सोचा भी नहीं था जहां बड़ी बहनें सुनीता और ललित अपने छोटे भाइयों शिवम और दीपू के राखी बांधने के लिए अपने ससुराल से पीहर आई हुई थी. इसके अलावा तीसरी बहन ने भी भाइयों के लिए रक्षाबंधन की तैयारी कर रखी थी. अचानक से शनिवार को आए पुलिस के कॉल से घर मे कोहराम मच गया था। पिछले 48 घंटों से सभी के द्वारा दीपू के सकुशल कुंड से निकलने की भगवान से विनती की जा रही थी लेकिन सोमवार सुबह शव कुंड में मिला तो उनकी आंखें नम हो गई। उधर भाई की कलाई पर राखी बांधने की हसरत लिए बैठी बहनों का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है.