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Bundi Flood: बांसी गाँव में बाढ़ का कहर, मकानों में 4 इंच तक दरारें, दीवारें झुकीं, खिड़की दरवाज़े टूटे

Bundi Flood: रियाजुल हुसैन। इस बार की बारिश ने बूंदी के पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। नैनवा तहसील के बांसी कस्बे में कनक सागर के ओवरफ्लो होने से आई बाढ़ ने पूरे कस्बे में तबाही मचाई। अब जैसे जैसे माहौल...
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Bundi Flood: रियाजुल हुसैन। इस बार की बारिश ने बूंदी के पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। नैनवा तहसील के बांसी कस्बे में कनक सागर के ओवरफ्लो होने से आई बाढ़ ने पूरे कस्बे में तबाही मचाई। अब जैसे जैसे माहौल समान्य हो रहा है वैसे ही बाढ़ से हुए नुकसान के नए-नए मामले भी सामने आ रहे हैं। करीब 3 से 4 दिन तक बांध के पानी ने बाढ़ की शक्ल में तबाही मचाई, जिसकी चलते कस्बे के कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारे आ गई हैं। कई लोगों के आशियाने हैं, जन्हें बाढ़ के जोर से भारी नुकसान हुआ है। मजबूत दीवारें पानी के तेज बहाव से झुक गईं। सड़को ने बैठक ले ली। मकानों में आई सीलन से अब तक छते टपक रही हैं।

पूरे कस्बे का हो सर्वे, लोगों को मिले उचित मुआवजा- सरपंच

सरपंच सत्यप्रकाश शर्मा ने बताया कि कस्बे में पानी की टंकी के पास 8 मकानों की दीवारों में 4 इंच तक बड़ी दरारें आने से लोग चिंतित हैं। सीसी सड़क और मकान की छतें दरकने लगी हैं। मकान की दीवारें झुकने लगी हैं, ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों की मजबूरी यह है कि वे क्षतिग्रस्त मकानों को छोड़कर नहीं जा सकते। सूचना के बाद पटवारी ने मौका देखा है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया। लोगों ने जिला कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है। सरपंच ने बताया कि तेज बरसात और जलदाय विभाग की लाइन में लीकेज से मकान गिरने का खतरा पैदा हो गया है। यह एक प्राकृतिक आपदा में आता है। ऐसे में नियमानुसार सरकारी मुआवजा लोगों को मिलना चाहिए।

बाढ़ से कई मकान क्षतिग्रस्त, मुआवजे की आस में लोग

कस्बे के पुरुषोत्तम शर्मा ने बताया कि हमने मेहनत कर दो मंजिला मकान बनाया था। भारी बरसात से हमारे मकान में दरारें आ गईं। हमारा मकान क्षतिग्रस्त हो गया और कभी भी गिर सकता है। हमें प्रशासन से आर्थिक सहायता की उम्मीद है। वहीं, कैलाश जैन का कहना है कि हमने चार साल पहले नए मकान का निर्माण कराया था। अब नए मकान में अलमारी, दीवारों, कमरों में दरारें आ चुकी हैं। मकान के गिरने का खतरा सताने लगा है।

वहीं, रमेश शर्मा ने बताया कि मेरे मकान के सामने जलदाय विभाग की लाइन के ज्वाइंट में लीकेज है। इसका पानी सालों से जमीन में जा रहा है। मेरा मकान क्षतिग्रस्त हो गया है, दरवाजे, खिड़कियां, दुकान के शटर के पत्थर टूट चुके हैं। दीवार एक तरफ झुक रही है। मेरे मकान के सामने वाला रोड भी बैठक ले चुका है। हम जिंदगी और मौत के बीच में रात गुजारने को मजबूर हैं। प्रशासन को समय रहते ध्यान देकर समाधान करना चाहिए। वहीं, बाबूलाल जैन का कहना है कि टंकी के पास वाला मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया।

जैन मंदिर में भी आई दरारें

उधर, जैन मंदिर में भी बाहर की दीवारों और वेदी पर भी दरारें आ गई हैं। पारसकुमार अजमेरा के मकान में भी कमरों में दरारें आ गईं। गेट, दरवाजे, खिड़कियां क्षतिग्रस्त हो गए हैं। चंद्रशेखर पंचोली, सत्यनारायण सेन के मकान की दीवारों में भी दरारें आ गईं। वहीं, सड़क भी दरक गई है। रमेश शर्मा का कहना है कि पूरा मकान क्षतिग्रस्त हो गया। मकान का द्वार, दरवाजे, खिड़कियों की पट्टियां टूट चुकी हैं। शटर लगना तक बंद हो चुका है।

मकान की दीवार एक तरफ झुक गई और गिर सकती है। पास में रहने वाले बाबूलाल जैन के मकान, कैलाश जैन की अलमारी में भी दरारें हैं। कैलाश जैन ने बताया कि कुछ साल पहले मकान बनवाया था। मदन शर्मा के नवनिर्मित 2 मंजिला मकान में 4 इंच तक की दरारें हैं। अब पूरा परिवार दहशत में है। पुरुषोत्तम पालीवाल ने बताया कि पिछले दिनों हुई बारिश से मकान के लेंटर टूट गए हैं। मजबूरी में तुरंत एक पिलर बनाकर मकान को बचाने की कवायद शुरू कर दी है।

तहसीलदार बोले पटवारी से दिखवाया मौका

नैनवा तहसीलदार रामराज मीना ने कहा कि बांसी कस्बे के कुछ मकानों में दरारें आने की सूचना ग्रामीणों की ओर से मिली थी। इसके बाद पटवारी को मौका देखने भेजा गया है। साथ ही पूरे मामले की जानकारी हमने उच्चाधिकारियों को भेज दी है।

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