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Bundi Doctor Teacher Strike: अपनी मांगों को लेकर डॉक्टर शिक्षकों का अनोखा प्रदर्शन, मरणासन्न रूप में कफ़न ओढकर जताया विरोध

Bundi Doctor Teacher Strike: बूंदी। बूंदी (Bundi) सहित प्रदेश के 17 मेडिकल कॉलेज (Medical College) के डॉक्टर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से हड़ताल (Strike) कर रहे हैं। डॉक्टर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन (Protest)...
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Bundi Doctor Teacher Strike: बूंदी। बूंदी (Bundi) सहित प्रदेश के 17 मेडिकल कॉलेज (Medical College) के डॉक्टर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से हड़ताल (Strike) कर रहे हैं। डॉक्टर शिक्षक अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन (Protest) कर रहे हैं। डॉक्टर शिक्षकों ने हड़ताल के दौरान सरकार (Government) का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक अनोखा प्रदर्शन किया है। दरअसल, डॉक्टर शिक्षकों ने मरणासन्न के रूप में कफन ओढ़कर प्रदर्शन किया। राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (Rajasthan Medical Teachers Association) के बूंदी अध्यक्ष डॉ विजय नायक ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान सरकार के सेवा नियम को हमारे ऊपर नहीं लगाया जा रहा है। जबकि, बजट में सभी राजमेश (राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी) सभी डॉक्टरों को राज्य सेवा नियम अधिनियम में शामिल करने की घोषणा की गई थी। नए कैडर को तो राजस्थान सेवा नियम (Rajasthan Service Rules) में शामिल कर लिया लेकिन 2017 से मेडिकल कॉलेज में राजमेस (Rajasthan Medical Education Society) के तहत काम करने वाले 2600 शिक्षकों को शामिल नहीं किया गया है।

कार्य बहिष्कार की दी चेतावनी

डॉ विजय नायक ने आगे कहा कि हमारी मांग है कि राजस्थान सेवा नियम 1962 के तहत सभी डॉक्टर शिक्षकों पर समान रूप से लागू होना चाहिए। कॉलेज परिसर में प्रदर्शन करते हुए डॉक्टर शिक्षकों ने कहा कि अगर जल्द मांगे नहीं मानी तो बेमियादी कार्य बहिष्कार की घोषणा की जाएगी। इस दौरान प्रदर्शन में सचिव डॉ मिथलेश मीना, डॉ सुरेन मीना, डॉ एसआर मीना समेत अन्य डॉक्टरों ने प्रदर्शन में शामिल रहकर अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की।

सरकार ने की हमारी उपेक्षा- डॉ सुरेन

प्रदर्शन करते हुए डॉ सुरेन मीना ने कहा कि हम सालों से मेहनत कर रहे हैं, लेकिन सरकार द्वारा उपेक्षा की गई है। अब सामूहिक हड़ताल होने के चलते बच्चों की पढ़ाई भी नहीं हो रही है। बूंदी मेडिकल कॉलेज में 100 छात्र पढ़ रहे हैं। इसके अलावा 6 अगस्त से यूनिवर्सिटी की ओर से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की भी परीक्षाएं शुरू हो जाएगी। इस दौरान नीट 2024 की काउंसलिंग भी होनी है। ऐसे में काफी परेशानी हो सकती है।

क्लर्क व ऑपरेटर का देख रहे हैं काम

डॉ विजय नायक ने बताया कि भारी मानसिक दबाब के बावजूद हम लोग काम कर रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यहां मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर शिक्षकों के 123 पद स्वीकृत है लेकिन फिलहाल यहां पर 25 शिक्षक ही लगे है। इसके अलावा क्लर्क और कंप्यूटर ऑपरेटर का काम भी हम कर रहे है। अब अवकाश पर रहने के साथ ही विरोध प्रदर्शन कर सरकार तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं।

डीएम को ज्ञापन देकर अवकाश की दी जानकारी

बता दें कि राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर अक्षय गोदारा को ज्ञापन देकर सभी डॉक्टर शिक्षकों के सामूहिक हड़ताल पर जाने की सूचना दी थी। कलेक्टर को दिए ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार ने बजट में राजमेस में भी राज्य सेवा नियमों का पालन करने की घोषणा की थी। इस आदेश के बाद डॉक्टर शिक्षकों में खुशी थी। लेकिन वित्त विभाग और राजमेस ने इन नियमों को कार्यरत शिक्षकों पर लागू नहीं किया। लेकिन 1 अगस्त 2024 के बाद नियुक्त होने वाले शिक्षकों पर इसे लागू किया जाएगा। कार्यरत सभी डॉक्टर शिक्षकों को डाइंग कैडर घोषित करने का निर्णय लिया। इसके बाद चिकित्सा फैकल्टी में नाराजगी है। राज्य के सभी 17 मेडिकल कॉलेज के शिक्षक राज्य सरकार के इस निर्णय के खिलाफ 22 जुलाई से सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं।

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