Tributes to BK Nirvair: बीके निरवैर का अंतिम अलविदा, क्या सिखा गया हमें?
Spiritual leader BK Nirvair : ब्रह्माकुमारी संस्थान के महासचिव BK Nirvair का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अहमदाबाद के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। गुरुवार रात 11:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से ब्रह्माकुमारी संस्थान और अनुयायियों में शोक की लहर फैल गई है।
फेफड़ों में संक्रमण से बिगड़ी हालत
संस्थान के PRO बीके कोमल ने बताया कि बीके निरवैर को फेफड़ों में इंफेक्शन के चलते 6 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, अचानक बीती रात उनकी स्थिति बिगड़ने पर उन्हें अटैक आया, जिसके बाद उनका निधन हो गया।
संस्थान के प्रमुख स्थलों पर अंतिम दर्शन
बीके निरवैर का पार्थिव शरीर आबूरोड स्थित शांतिवन मुख्यालय लाया गया है, जहां अनुयायी उनके अंतिम दर्शन कर रहे हैं। इसके बाद माउंट आबू के पांडव भवन, ग्लोबल अस्पताल, और ज्ञान सरोवर जैसे संस्थान के विभिन्न स्थलों पर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह को रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार रविवार सुबह 10 बजे आबूरोड के मुक्तिधाम पर किया जाएगा।
आध्यात्मिक पथ पर बीके निरवैर की यात्रा
बीके निरवैर का जन्म 20 नवंबर 1938 को पंजाब में हुआ था। वे धार्मिक हिंदू परिवार से थे और 10वीं कक्षा से ही स्वामी विवेकानंद व स्वामी रामतीर्थ की रचनाओं से प्रभावित थे। उन्होंने भारतीय नौसेना में 9 वर्षों तक सेवा की और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
1959 में ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़ने के बाद वे संगठन में लगातार सक्रिय रहे और 1982 में संयुक्त राष्ट्र में संस्थान का प्रतिनिधित्व भी किया।
पुरस्कारों से सम्मानित
बीके निरवैर को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया, जिनमें 'राइजिंग पर्सनालिटीज ऑफ इंडिया अवॉर्ड' (1999) और 'मोरारजी देसाई शांति शिक्षा अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार' (2001) शामिल हैं। उन्होंने 1974 से ब्रह्माकुमारीज के प्रमुख परिसरों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विधायक ने दी संवेदना
आबू-पिंडवाड़ा विधायक समाराम गरासिया ने बीके निरवैर के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, "आध्यात्मिक प्रकाश स्तम्भ बन सम्पूर्ण विश्व में प्रेम, शांति और आध्यात्मिक ज्ञान फैलाने वाले बीके निरवैर के देहावसान का अत्यंत दुख है। मेरी संवेदनाएं ब्रह्माकुमारी परिवार के साथ हैं।" बीके निरवैर का निधन ब्रह्माकुमारी संस्थान के लिए एक बड़ा धक्का है। उनके योगदान और नेतृत्व को हमेशा याद रखा जाएगा।