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Rajasthan: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राजस्थान दौरा...ब्रह्माकुमारीज के वैश्विक शिखर सम्मेलन का किया उद्घाटन

Brahma Kumaris Global Conference Sirohi: सिरोही। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज राजस्थान दौरे पर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने सिरोही के आबूरोड में वैश्विक शिखर सम्मेलन (Brahma Kumaris Global Conference Sirohi) का शुभारंभ किया। इस सम्मेलन का आयोजन ब्रह्माकुमारीज की ओर से किया जा...
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Brahma Kumaris Global Conference Sirohi: सिरोही। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज राजस्थान दौरे पर पहुंचीं। राष्ट्रपति ने सिरोही के आबूरोड में वैश्विक शिखर सम्मेलन (Brahma Kumaris Global Conference Sirohi) का शुभारंभ किया। इस सम्मेलन का आयोजन ब्रह्माकुमारीज की ओर से किया जा रहा है। स्वच्छ और स्वस्थ समाज विषय पर हो रहे इस वैश्विक सम्मेलन में भारत के साथ कई अन्य देशों के लोग भी शामिल हुए। वहीं राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, मंत्री जोराराम कुमावत, ओटाराम देवासी, सांसद लुंबाराम चौधरी भी पहुंचे।

अध्यात्म का अर्थ है कर्म को शुद्ध -सात्विक करना- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वैश्विक शिखर सम्मेलन में कहा कि आध्यात्मिकता का अर्थ अपने कर्म को शुद्ध और सात्विक बनाकर मन को संवारने का मार्ग है। स्वच्छता सिर्फ बाहरी नहीं हमारे विचारों में भी होनी चाहिए। परमात्मा स्वच्छ स्वरूप है हम भी स्वच्छ स्वरूप हैं। सामाजिक, मानसिक, भावनात्मकता आपस में जुड़े हुए हैं। अगर आत्मा स्वच्छ और स्वस्थ हो तो सब कुछ सही हो जाता है। उन्होंने ग्लोबल समिट के आयोजन की सराहना की। वहीं स्वच्छ जल उपलब्धता की दिशा में केंद्र सरकार के प्रयासों को भी सराहा।

वसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है भारतीय संस्कृति- राज्यपाल

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े भी वैश्विक शिखर सम्मेलन में पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि समाज में नैतिकता का पतन हो रहा है, ऐसे में व्यक्ति के विकास के लिए अध्यात्म जरुरी है। भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम पर आधारित है, जिसमें व्यक्तित्व के विकास के साथ जीवन और विचारों की स्वच्छता पर जोर दिया गया है। राज्यपाल ने ब्रह्माकुमारीज के आयोजन की सराहना की। यह सम्मेलन समाज को अध्यात्म का संदेश देगा।

'जीवन में दिव्य गुणों को आत्मसात करने का लें संकल्प'

वैश्विक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मोहिनी दीदी ने भी लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि परमात्मा इस धरती पर विश्व शांति की स्थापना का काम कर रहे हैं। हर व्यक्ति को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने जीवन में दिव्य गुणों को आत्मसात करें। वहीं राजयोगी बृजमोहन भाई ने कहा कि विश्व में मौजूदा हालात ठीक नहीं है, यह शिखर सम्मेलन विश्व को शांति, अध्यात्म और एकता का संदेश दे रहा है। उन्होंने भागवत गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्रह्माजी के यज्ञ से नए युग की उत्पत्ति हुई। खुद को आत्मा समझकर परमात्मा को याद करेंगे तो आत्मा अपने आप पावन हो जाएगी।

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