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Bisalpur Dam: "सायरन बजा और खिल गई बांछे..." बीसलपुर बांध के 2 गेट खोले...21 साल में 7वीं बार आया मौका

Bisalpur Dam: राजस्थान में टोंक, जयपुर और अजमेर की लाइफ लाइन माने जाने वाले बीसलपुर बांध को लेकर शुक्रवार को एक खुशखबरी सामने आई जहां सुबह 11 बजे बांध के 2 गेट खोले गए. जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार में...
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Bisalpur Dam: राजस्थान में टोंक, जयपुर और अजमेर की लाइफ लाइन माने जाने वाले बीसलपुर बांध को लेकर शुक्रवार को एक खुशखबरी सामने आई जहां सुबह 11 बजे बांध के 2 गेट खोले गए. जानकारी के मुताबिक राजस्थान सरकार में जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने पूजा-अर्चना के बाद विधिवत तरीके से गेट खोले. वहीं इस दौरान पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, जिला कलेक्टर डॉ. सौम्या झा समेत कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे जहां जैसे ही जल संसाधन मंत्री ने बटन दबाकर बांध के गेट खोले हर किसी ने अपनी खुशी जाहिर की और अफसरों ने एक-दूसरे को बधाई भी दी. बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब यह गेट सितंबर महीने में खोले गए हैं. वहीं बांध के गेट खुलने के साथ ही इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी उमड़ पड़ी.

इधर टोंक जिले की बात करें तो बीसलपुर बांध लबालब होने के बाद गेट नंबर 9, 10 को 1-1 मीटर खोलकर पानी बनास नदी में छोड़ा गया. मालूम हो कि अब दो साल तक जयपुर, अजमेर और टोंक के लिए पेयजल आपूर्ति नियमित हो सकेगी और सिंचाई के लिए भी किसानों को पानी दिया जा सकेगा. इस दौरान मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि भजनलाल सरकार का पहला मानसून वरदान साबित हुआ है जहां प्रदेश के सभी बांध ओवरफ्लो हो गए हैं. वहीं ईआरसीपी का काम होने के बाद बीसलपुर बांध हमेशा भरा रहेगा.

21 साल में 7वीं बार खुले गेट

बीसलपुर बांध अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बांध है। इसकी भराव क्षमता 315.50 आर एल मीटर है। यह बांध 21 साल में पहली बार आज सुबह 9.30 बजे फुल भर गया। इससे पहले तक यह छह बार अगस्त माह में ही खुले है। गेट नम्बर 9 और 10 खोलने के बाद बनास नदी और उसके आसपास के इलाकों मैं अधिकारी गश्त पर है, ताकि कोई ताकि बांध के गेट खोलने के बाद बड़े जलस्तर में किसी प्रकार का कोई हादसा ना हो हालांकि कल से ही बांध के सायरन बजाने के साथ ही अलर्ट जारी किया हुआ था.

अजमेर संभाग का सबसे बड़े बीसलपुर बांध की कुल पानी की भराव क्षमता 38.708 टीएमसी (315.50 आर एल मीटर) है। इस बांध का निर्माण होने के बाद इसमे पहली बार 2004 में पानी रोका गया था और पहली बार में ही पूरा भरकर छलक गया था। उसके बाद 2006, 2014, 2016, 2019, 2020, 2022 में यह पूरा भरकर छलका था। आज सातवी बार इस बांध के गेट खोल दिए है।

बांध का कितना पानी किसके लिए आरक्षित बीसलपुर बांध प्रोजेक्ट के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि टोंक जिले में सिंचाई के लिए 8 टीएमसी पानी, पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी पानी आरक्षित है। इसके अलावा 8.15 टीएमसी वाष्पीकरण व अन्य खर्च माना गया है।

1000 एमएलडी तक खपत होता है पेयजल

टोंक, अजमेर, जयपुर जिलों में पेयजल के लिए रोजाना करीब साढ़े नौ से एक हजार एमएलडी पानी इस बांध से जाता है। इससे तीनों जिलों के करीब दो हजार शहर, गांवों की करीब एक करोड़ से ज्यादा आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है।

बता दें कि बीसलपुर बांध के18 गेट हैं जो 15 गुणा 14 मीटर की साइज के है। बांध की लम्बाई 576 मीटर व समुद्रतल से ऊंचाई 322.50 मीटर है। बांध की कुल जल भराव में 68 गांव डूब चुके हैं । इसमे 25 गांव पूर्णरूप से व 43 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आते हैं। बांध का जलभराव क्षेत्र 25 किलोमीटर है जिसमें कुल 21 हजार 30 हैक्टयर भूमि जलमग्न होती है।

82 हजार हेक्टेयर में होती बांध की नहरों से सिंचाई

बीसलपुर बांध के निर्माण के साथ ही इसके नहरी तंत्र का निर्माण भी 2004 में पूरा हुआ था। टोंक जिलें में सिंचाई के लिए बांध की दायीं व बायीं दो मुख्य नहरे है। दायीं नहर की कुल लम्बाई 51 किलोमीटर व बायीं की लम्बाई 18.65 किलोमीटर है। जिनसे जिले की 81 हजार 800 हैक्टयर भूमि सिंचित होती है। दायीं मुख्य नहर से 69 हजार 393 हैक्टयर व बायीं से 12 हजार 407 हैक्टयर भूमि पर सिंचाई कार्य होता है। बांध से अब तक 2004, 2005, 2006, 2007, 2011 से 2017, 2019, 2022 और 2023 में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा चुका है। अब इस साल भी बांध फुल भर गया है। इस साल भी किसानों को पानी मिलेगा.

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