खून से लाल हुई सड़क! तेज रफ्तार गाड़ी ने बाइक को कुचला, तीन की मौत, एक जिंदगी-मौत से जूझ रहा
Bikaner News: रफ्तार का जुनून, लापरवाही की हदें पार, और फिर एक खौफनाक मंजर! बीकानेर-जयपुर हाईवे पर बुधवार रात मौत ने दस्तक दी, जब तेज रफ्तार गाड़ी ने चार दोस्तों की बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि एक युवक का सिर, धड़ से अलग हो गया, और मौके पर ही तीन की दर्दनाक मौत हो गई। चौथा युवक जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। सबसे दर्दनाक पहलू यह रहा कि चारों में से किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था। (Bikaner News) सड़क पर बिखरे शव और चीख-पुकार ने उस रात को भयावह बना दिया। श्रीडूंगरगढ़ इलाके में हुए इस हादसे ने एक बार फिर रफ्तार और लापरवाही के भयानक अंजाम को सामने ला दिया है।
मौत बनकर आई रफ्तार...
हादसे में गैरसर बीछवाल निवासी रेवंतराम (17), जीतूराम (18) और नेमीचंद (17) की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, रामलाल (18) जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। तीनों दोस्तों के शव श्रीडूंगरगढ़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए गए हैं, जहां गुरुवार सुबह उनके परिवार वालों की चीखें गूंज उठीं।
होटल में हंसी-मजाक...फिर मौत का साया!
बुधवार देर रात चारों दोस्त श्रीडूंगरगढ़ आए थे। उन्होंने एक होटल में बैठकर हंसी-मजाक के साथ खाना खाया। कोई नहीं जानता था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी। खाना खत्म होने के बाद वे अपने गांव बापेउ लौटने के लिए निकले, लेकिन हाईवे पर किसी अज्ञात गाड़ी ने उनकी बाइक को उड़ा दिया। टक्कर इतनी भीषण थी कि एक युवक का सिर, धड़ से अलग हो गया और सड़क पर मंजर खौफनाक हो गया।
तेज टक्कर के साथ जोरदार धमाका हुआ, जिसे सुनकर लेखराम सायच, सुल्तान दईया, लालचंद सिंवर और राजू पारीक दौड़कर मौके पर पहुंचे। वहां का नजारा देख उनके रोंगटे खड़े हो गए....सड़क पर लाशों के टुकड़े बिखरे पड़े थे, खून से हाईवे लाल हो चुका था। तुरंत ही पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी गई।
गाड़ी का कोई सुराग नहीं, पुलिस जांच में जुटी
श्रीडूंगरगढ़ थानाधिकारी जितेंद्र स्वामी के अनुसार, हादसा ऐसे इलाके में हुआ, जहां कोई CCTV कैमरा नहीं था। इससे एक्सीडेंट करने वाली गाड़ी की पहचान करना मुश्किल हो गया है। पुलिस अज्ञात वाहन की तलाश कर रही है और शवों का पोस्टमॉर्टम करवाकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है। चारों दोस्तों में से किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था, जिससे हादसे के वक्त सिर पर गहरी चोटें आईं। विशेषज्ञों का मानना है कि हेलमेट होता तो शायद कुछ जानें बच सकती थीं। यह हादसा एक सबक है कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी कभी-कभी जिंदगी पर भारी पड़ जाती है।
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