किसानों का बड़ा ऐलान! राजस्थान के इन हाईवे पर लगेगा जाम, पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर!
Bikaner News: राजस्थान में किसानों की फसलें सूखने की कगार पर हैं, लेकिन सरकार से राहत नहीं मिल रही। अब किसानों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए शनिवार को हाईवे जाम करने की योजना बनाई है। ( Bikaner News)बीकानेर जिले के लूणकरनसर से लेकर खाजूवाला तक के किसान नेशनल हाईवे-911 और 620 आरडी तथा घड़साना टोल नाके पर बीकानेर-श्रीगंगानगर हाईवे को पूरी तरह से रोकने का ऐलान कर चुके हैं।
किसानों की आखिरी उम्मीद!
श्रीगंगानगर के किसान नेता सुभाष बिश्नोई का कहना है कि अगर सरकार इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) से अतिरिक्त सिंचाई पानी उपलब्ध कराए, तो उनकी मेहनत बच सकती है। लेकिन सरकार पानी रोक रही है, जिससे खेतों में खड़ी फसलें सूख रही हैं। अब सरकार की चुप्पी ने किसानों को मजबूर कर दिया है कि वे हाईवे जाम कर अपनी आवाज बुलंद करें।
#Bikaner: सिंचाई पानी की मांग को लेकर उबाल पर किसानों का ग़ुस्सा, कई इलाकों में चक्काजाम
पश्चिमी राजस्थान के किसानों के लिए जीवनदायिनी मानी जाने वाली इंदिरा गांधी नहर परियोजना में इस समय पानी की कमी से किसान परेशान है. नहर से सिंचाई का पानी नहीं मिलने के कारण किसानों की चना,… pic.twitter.com/dTeCqWXrAT
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) February 15, 2025
1000 क्यूसेक पानी की मांग
उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और जैसलमेर जिलों में सिंचाई के लिए पंजाब से आने वाली नहरों पर निर्भरता बनी हुई है। किसानों की मांग है कि सरकार रावी-ब्यास नदी पर बने पौंग डैम से 1000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करे।
लेकिन सरकार ने झाड़ा पल्ला!
अनूपगढ़ विधायक शिमला देवी ने किसानों की मांग को राजस्थान विधानसभा में उठाया था, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। उनका कहना है कि जल संसाधन मंत्री और अधिकारियों से कई बार बातचीत हुई, लेकिन किसानों के सब्र का बांध टूट चुका है।
घड़साना, अनूपगढ़, खाजूवाला और रावला के किसान पहले से ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। लेकिन जब कोई समाधान नहीं निकला तो अब किसानों ने हाईवे जाम कर सरकार पर सीधा दबाव बनाने का निर्णय लिया है।
लेकिन अब राजनीति की भेंट चढ़ रही!
1927 में महाराजा गंगा सिंह द्वारा निर्मित गंग-नहर आज राजस्थान के 10 जिलों...गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, चूरू, झुंझुनू और सीकर...को पानी की आपूर्ति करती है। लेकिन अब IGNP को राजस्थान भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) में शामिल नहीं किया गया है, जिससे राजस्थान के हिस्से का पानी लगातार घटता जा रहा है।
आंदोलन या आर-पार की लड़ाई?
अब देखना होगा कि किसानों का यह प्रदर्शन सरकार को झुकाने में कितना सफल होता है, या फिर किसानों को इस आंदोलन को और तेज करना पड़ेगा? अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।
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