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देश से गद्दारी का सौदा! पाकिस्तानी हसीना के झांसे में आया रेलवे कर्मचारी, भेज रहा था खुफिया जानकारियां

देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा सिर्फ सरहद पर मौजूद दुश्मन ही नहीं, बल्कि वे लोग भी होते हैं जो लालच या भावनाओं में बहकर गद्दारी पर उतर आते हैं।
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Bikaner News: देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा सिर्फ सरहद पर मौजूद दुश्मन ही नहीं, बल्कि वे लोग भी होते हैं जो लालच या भावनाओं में बहकर गद्दारी पर उतर आते हैं। हाल ही में राजस्थान से एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां देश की रक्षा से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं दुश्मन देश तक पहुंचाने की साजिश रची गई। (Bikaner News)यह कोई खुफिया मिशन नहीं, बल्कि एक हनीट्रैप था, जिसमें फंसा एक रेलवे कर्मचारी और उसकी गद्दारी का खेल महीनों तक जारी रहा। लेकिन देश की सतर्क इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस साजिश का पर्दाफाश कर दिया।

राजस्थान में इंटेलिजेंस एजेंसी ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने वाले रेलवे कर्मचारी भवानी सिंह को गिरफ्तार किया है। भवानी सिंह रेलवे में पॉइंटमैन के पद पर कार्यरत था, लेकिन सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी युवती के झांसे में आकर उसने देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करना शुरू कर दिया। महिला ने खुद को भारतीय पत्रकार बताकर उससे दोस्ती की, फिर धीरे-धीरे उसे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। प्यार के इस अंधे जाल में फंसकर भवानी सिंह ने न सिर्फ अपने कर्तव्य को भुला दिया, बल्कि पैसों के लालच में सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान भेजने लगा। महीनों तक चल रही इस साजिश का भंडाफोड़ आखिरकार इंटेलिजेंस एजेंसी ने कर दिया, जिससे एक बड़ी सुरक्षा चूक टल गई।

इंटेलिजेंस की नजर में आया संदिग्ध कॉल

राजस्थान इंटेलिजेंस लंबे समय से पाकिस्तान की जासूसी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी। इसी दौरान एक संदिग्ध कॉल ट्रेस किया गया, जिसमें भवानी सिंह का नाम सामने आया। जब एजेंसियों ने उसकी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखनी शुरू की, तो यह स्पष्ट हो गया कि वह ISI को गोपनीय जानकारी भेज रहा था। इसके बाद उसकी कड़ी निगरानी की गई, और जैसे ही पुख्ता सबूत मिले, उसे 28 फरवरी को महाजन रेलवे स्टेशन से हिरासत में ले लिया गया।

सूत्रों के अनुसार, भवानी सिंह महाजन रेलवे स्टेशन पर पॉइंटमैन के पद पर तैनात था। यह स्थान सैन्य गतिविधियों के लिहाज से बेहद अहम है, क्योंकि यहां से सेना के जवानों और सैन्य सामग्री का लगातार आवागमन होता है। साथ ही, महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास होते हैं। भवानी सिंह ने इसी क्षेत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी लीक कर दी और इसके बदले में उसे पाकिस्तानी एजेंट्स से पैसे मिले।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि भवानी सिंह ने पाकिस्तान की महिला एजेंट ‘निमी’ से सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती की थी। शुरुआत में दोनों के बीच सामान्य बातचीत होती थी, लेकिन धीरे-धीरे निमी ने उसे बहलाना शुरू कर दिया। उसने खुद को भारतीय पत्रकार बताया और देशभक्ति व सेना से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने लगी। जब भवानी सिंह पूरी तरह उसके जाल में फंस गया, तो उसने उससे सैन्य जानकारी मांगनी शुरू कर दी। इसके बदले में भवानी सिंह को पैसे दिए गए, जो अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए गए थे।

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज पर ISI की पैनी नजर

महाजन फील्ड फायरिंग रेंज भारत का एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास क्षेत्र है। यह पाकिस्तान सीमा के नजदीक स्थित है और यहां सेना के जवानों को प्रशिक्षित किया जाता है। इसी वजह से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां इस क्षेत्र की जानकारी जुटाने के लिए सक्रिय रहती हैं। वे हनीट्रैप का सहारा लेकर भारतीय अधिकारियों, सैनिकों और रेलवे कर्मचारियों से महत्वपूर्ण सूचनाएं निकालने की कोशिश करती हैं। भवानी सिंह का मामला भी इसी साजिश का हिस्सा था।

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी एजेंटों ने हनीट्रैप के जरिए भारतीय अधिकारियों से संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश की है। पिछले साल फरवरी में भी महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में कैंटीन चलाने वाले विक्रम सिंह को इसी तरह गिरफ्तार किया गया था। वह भी पाकिस्तानी लड़कियों के संपर्क में था और सेना से जुड़ी खुफिया जानकारी लीक कर रहा था। इस घटना के बाद से भारतीय खुफिया एजेंसियों ने अपनी सतर्कता और बढ़ा दी है।

गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई गहन जांच

भवानी सिंह की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने उसके मोबाइल फोन, सोशल मीडिया चैट्स, बैंक खातों और कॉल रिकॉर्ड्स की गहन जांच शुरू कर दी है। यह पता लगाया जा रहा है कि वह इस नेटवर्क में अकेला था या उसके साथ अन्य लोग भी शामिल हैं। एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि इस मामले में कोई अन्य सरकारी अधिकारी तो संलिप्त नहीं था।

सरकारी एजेंसियों ने स्पष्ट कर दिया है कि देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। भवानी सिंह के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। यदि उसके खिलाफ आरोप साबित होते हैं, तो उसे कड़ी सजा हो सकती है।

सुरक्षा एजेंसियों की अपील...रहें सतर्क!

इस मामले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सरकारी कर्मचारियों और आम नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। खासकर सोशल मीडिया पर अजनबियों से बातचीत करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि कई बार पाकिस्तानी एजेंट खुद को विदेशी पत्रकार या शोधकर्ता बताकर भारतीय अधिकारियों से जुड़ने की कोशिश करते हैं। रेलवे और अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को देने का निर्देश दिया गया है।

भवानी सिंह की गिरफ्तारी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां भारत में जासूसी के नए-नए तरीके अपना रही हैं। हालांकि, भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर रही हैं और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह सतर्क हैं। लेकिन आम नागरिकों की जागरूकता भी इस लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकती है। सुरक्षा की इस जंग में हर भारतीय की सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।

(बीकानेर से अंलकार गोस्वामी की रिपोर्ट)

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