सांडों की टक्कर में गई जान, अब सरकार और पंचायत देंगे 33.25 लाख! जानें क्या है पूरा मामला?
Bikaner News: बीकानेर के केसरदेसर गांव में दो सांडों की लड़ाई में एक युवक की दुखद मौत हो गई....जिसे लेकर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। बीकानेर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने पंचायत समिति और राज्य सरकार को दोषी ठहराते हुए मृतक के परिवार को 33 लाख 22 हजार रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है। (Bikaner News)इस फैसले ने एक बार फिर साबित किया है कि जब सरकारी लापरवाही....अप्रत्याशित घटनाओं का परिणाम किसी की जान पर भारी पड़ता है, तो न्याय की ताकत क्या हो सकती है।
युवक की मौत का मामला
बीकानेर के केसरदेसर जाटान गांव में 21 मई 2018 को एक दर्दनाक घटना घटी, जब 40 वर्षीय आशाराम सुथार घर लौटते समय दो सांडों के बीच लड़ाई का शिकार हो गए। गली में लड़ रहे सांडों ने आशाराम पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद मृतक के परिवार ने मुआवजे की मांग करते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
पंचायत समिति... राज्य सरकार दोषी ठहराए गए
कोर्ट ने सुनवाई के बाद ग्राम पंचायत केसरदेसर जाटान और राजस्थान सरकार को इस हादसे के लिए दोषी ठहराया। कोर्ट ने कहा कि इन जिम्मेदार संस्थाओं का दायित्व था कि वे आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था करें और आवारा पशुओं को गौशालाओं में डालें, लेकिन इसमें वे विफल रहे, और इस कारण आशाराम की जान चली गई।
33 लाख 22 हजार मुआवजा आदेश
कोर्ट ने दोनों प्रतिवादी संस्थाओं को संयुक्त या अलग-अलग रूप से मृतक के परिवार को 33 लाख 22 हजार 600 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया। यह राशि क्षतिपूर्ति, सहजीवन क्षति, अंतिम संस्कार और लॉस ऑफ एस्टेट के लिए तय की गई।
क्षतिपूर्ति की राशि की गणना
कोर्ट ने मृतक के परिवार की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करते हुए मुआवजे की राशि तय की। मृतक की सालाना आय 2 लाख 89 हजार 117 रुपए थी, जो मासिक 24 हजार 93 रुपए के बराबर थी। इसके बाद, 6,023 रुपए मासिक खर्च घटाने के बाद आश्रितों के लिए 18,070 रुपए मासिक शेष राशि मानी गई, जिससे कुल 32 लाख 52 हजार 600 रुपए की क्षतिपूर्ति तय की गई। साथ ही, पत्नी को 40 हजार रुपए, लॉस ऑफ एस्टेट और अंतिम संस्कार के लिए 15-15 हजार रुपए तय किए गए।
सरकारी वादी...पक्षकार
सरकारी वकील कमल नारायण पुरोहित और मृतक के परिवार के वकील बच्छराज कोठारी और रामचन्द्र मारू ने इस मामले में पैरवी की और न्याय की उम्मीद जताई, जिसके बाद कोर्ट ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया।
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