Bikaner: महाजन के धोरों में गूंज रहीं तोपें...भारत-अमेरिका संयुक्त युद्धाभ्यास, दुश्मन के ठिकानों पर बरसे बम
India-US Joint Military Exercise: बीकानेर में चल रहे भारत और अमेरिका के संयुक्त युद्धाभ्यास का अंतिम चरण गुरुवार से शुरू हो गया है। यह महाभ्यास 21 सितंबर को समाप्त होगा और इसमें विभिन्न प्रकार के युद्ध कौशल, जैसे काउंटर-टेररिज्म, क्लोज-क्वार्टर बैटल ट्रेनिंग और लाइव फायरिंग के कई पहलुओं का अभ्यास किया जाएगा। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय और अमेरिकी सैनिक एक साथ मिलकर दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर बमबारी कर रहे हैं, जिससे दोनों सेनाओं की सामरिक क्षमता का प्रदर्शन हो रहा है।
आर्मी कमांडर का दौरा: ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा
सप्त शक्ति कमांड के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनजिंदर सिंह ने 17-18 सितंबर को बीकानेर मिलिट्री स्टेशन और महाजन रेंज का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने रणबांकुरा डिवीजन की ऑपरेशनल तैयारियों का अवलोकन किया। जनरल सिंह ने विभिन्न प्रौद्योगिकी निवेश और ऑपरेशनल नवीनीकरण की समीक्षा की। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान में योगदान देने वाली संस्थाओं की हरित पहलों और अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं की सराहना की। इस दौरे के दौरान उन्होंने सैनिकों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और मल्टी-डोमेन युद्ध की तैयारियों के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए प्रेरित किया।
यूएन मिशन पर केंद्रित अभ्यास
इस Indo-US युद्धाभ्यास का मुख्य फोकस संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों पर है। शुरुआती कुछ दिनों में कर्माड पोस्ट अभ्यास सत्रों ने शांति स्थापना अभियानों पर ध्यान केंद्रित किया। सैनिकों को बताया गया कि कैसे दोनों सेनाएं संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना जनादेश को पूरा करने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग कर सकती हैं। ये सत्र भारत और अमेरिका के साझा दृष्टिकोण को उजागर करते हैं, जो वैश्विक शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आतंकवाद-निरोध इस वर्ष के अभ्यास का एक प्रमुख पहलू रहा है।
लाइव फायरिंग का प्रदर्शन
अभ्यास के दौरान दोनों देशों की एकीकृत मारक क्षमता का प्रदर्शन किया गया। अमेरिका के एम-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तोपों ने भारतीय तोपखाने इकाइयों के साथ मिलकर उच्च तीव्रता वाले वातावरण में सटीकता और समन्वय का अभ्यास किया। इसके अलावा, उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) और अपाचे एएच-64 हेलीकॉप्टरों द्वारा समन्वित वायु सहायता मिशनों का भी प्रदर्शन किया गया। इन सभी गतिविधियों ने दोनों सेनाओं के बीच सहयोग और सामरिक तालमेल को बढ़ाया है।
आगामी चरण: शहरी परिवेश में संचालन
युद्धाभ्यास का अंतिम चरण शहरी परिवेश में संचालन और उग्रवाद विरोधी रणनीतियों पर केंद्रित होगा। इस दौरान भारतीय और अमेरिकी सेनाएं एक-दूसरे की साझा रणनीतियों को लागू करेंगी, जिससे उनकी सामूहिक तैयारी और रणनीतिक दृष्टिकोण को और मजबूत किया जा सकेगा। यह अभ्यास न केवल तकनीकी कौशल का प्रदर्शन है, बल्कि दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
इस प्रकार, भारत-अमेरिकी संयुक्त युद्धाभ्यास एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दोनों देशों के बीच की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि वे संयुक्त रूप से वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।
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